क्या अब मनीष तिवारी बीजेपी के संपर्क में? जानें उनके कार्यालय ने क्या कहा
कांग्रेस नेता मनीष तिवारी को लेकर अब अटकलें हैं। मीडिया रिपोर्टों में उनके बीजेपी के संपर्क में होने और पार्टी में शामिल होने के बारे में अटकलें लगाई जा रही हैं। इन अटकलों के बीच अब मनीष तिवारी के कार्यालय की ओर से सफाई जारी की गई है। इंडिया टुडे की रिपोर्ट के अनुसार उनके कार्यालय ने मनीष तिवारी के बीजेपी में शामिल होने की अटकलों को आधारहीन बताते हुए खारिज कर दिया है।
रिपोर्ट के अनुसार उनके कार्यालय ने रविवार को कहा कि कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी के बीजेपी में शामिल होने की अफवाहें निराधार हैं। यह सफाई तब आई है जब मीडिया रिपोर्टों में सूत्रों के हवाले से उनके बीजेपी के संपर्क में होने की ख़बरें आने लगी थीं।
पहले सूत्रों के हवाले से कहा गया था कि कांग्रेस सांसद भाजपा के संपर्क में थे और पंजाब में लुधियाना लोकसभा सीट से बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ने की योजना बना रहे थे। कांग्रेस के सांसद के कार्यालय ने कहा, 'बीजेपी में शामिल होने वाली अटकलें निराधार हैं। मनीष तिवारी अपने निर्वाचन क्षेत्र में हैं और वहां विकास के काम की देखरेख कर रहे हैं। कल रात, वह एक कांग्रेस कार्यकर्ता के घर पर रुके थे।'
मनीष तिवारी को लेकर ये ख़बरें तब आई हैं जब अटकलें हैं कि मध्य प्रदेश कांग्रेस के पूर्व प्रमुख कमलनाथ कांग्रेस को छोड़ सकते हैं और बीजेपी में शामिल हो सकते हैं। वह कथित तौर पर भाजपा नेतृत्व से मिलने के लिए शनिवार को दिल्ली पहुँचे। कमलनाथ के बेटे नकुलनाथ ने सोशल मीडिया पर अपने बायो से कांग्रेस हटा दिया है। दोनों के बारे में काफी दिनों से चर्चा है कि वे भाजपा में जाएंगे। हालांकि एमपी के पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह ने शनिवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा था कि कमलनाथ कांग्रेस के पुराने सिपाही हैं और वे ऐसा नहीं करेंगे।
मध्य प्रदेश कांग्रेस के प्रमुख जितु पटवारी ने कमलनाथ के बीजेपी में शामिल होने को अफवाह बताते हुए इस ख़बर को निराधार बताया है। उन्होंने कहा कि वह कमलनाथ को सपनों में भी भाजपा में शामिल होने की कल्पना नहीं कर सकते।
इससे पहले ख़बरें आई थीं कि कमलनाथ राज्यसभा सीट नहीं मिलने से असंतुष्ट हैं। कमलनाथ को हाल ही में कांग्रेस की मध्य प्रदेश इकाई के प्रमुख के रूप में हटा दिया गया था। पिछले साल राज्य विधानसभा चुनावों में पार्टी के निराशाजनक प्रदर्शन के बाद उनके नेतृत्व पर सवाल उठ रहे थे। हालाँकि, कई मीडिया रिपोर्टों में कांग्रेस के भीतर के सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि 'कमलनाथ को भाजपा में स्विच करने की संभावना है और कांग्रेस के नेतृत्व ने उन तक पहुंचने का कोई प्रयास नहीं किया है।'