मुंबई हमले के बाद भारत को कार्रवाई करनी चाहिए थी: मनीष तिवारी
पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मनीष तिवारी की नई किताब को लेकर घमासान हो गया है। तिवारी की किताब का नाम '10 Flash Points; 20 Years - National Security Situations that Impacted India' है।
तिवारी ने किताब में कहा है कि मुंबई हमले के बाद भारत की तत्कालीन सरकार को पाकिस्तान के ख़िलाफ़ सख़्त कार्रवाई करनी चाहिए थी। किताब में इस बात के आने के बाद बीजेपी ने कांग्रेस पर हमला बोल दिया है। जबकि कांग्रेस की ओर से अनुशासनात्मक कमेटी की बैठक में इस किताब को लेकर चर्चा हुई है।
तिवारी ने मंगलवार सुबह इस किताब के बारे में ट्वीट कर बताया कि उनकी यह किताब पिछले दो दशक में भारत ने राष्ट्रीय सुरक्षा को लेकर जिन चुनौतियों का सामना किया है, उनके बारे में बताती है।
तिवारी ने लिखा है, “एक ऐसे देश के लिए जिसे सैकड़ों बेगुनाह लोगों को बेरहमी से कत्ल करने का कोई अफ़सोस नहीं है, संयम ताक़त का संकेत नहीं हो सकती। इसे कमजोरी का प्रतीक माना जाता है।”
तिवारी ने लिखा है, “कभी ऐसा वक़्त भी आता है जब बातों से ज़्यादा काम की गूंज होनी चाहिए। 26/11 ऐसा ही वक़्त था जब ऐसा किया जाना चाहिए था। यह मेरा विचार है कि भारत को उस वक़्त वैसी ही फुर्तीली कार्रवाई करनी चाहिए थी जैसी 9/11 के बाद हुई थी।” 9/11 को आतंकी संगठन अल क़ायदा ने अमेरिका पर हमला बोला था। इसके जवाब में अमेरिका ने जोरदार कार्रवाई की थी। 26/11 को मुंबई पर हमला हुआ था।
बता दें कि मनीष तिवारी कांग्रेस में बाग़ी नेताओं के G-23 गुट में शामिल हैं। बीते दिनों में भी मनीष तिवारी पंजाब कांग्रेस में चल रहे घमासान को लेकर कई ट्वीट्स कर चुके हैं।
देर आये, दुरुस्त आये: बीजेपी
मनीष तिवारी की किताब में इस बात के सामने आने के बाद बीजेपी के नेता शाहनवाज़ हुसैन ने एएनआई से कहा है कि देर आये, दुरुस्त आये और मनीष तिवारी ने सही बात कही है।
बीजेपी के प्रवक्ता गौरव भाटिया ने कहा कि यह कांग्रेस की विफलताओं का कुबूलनामा है और यह स्पष्ट हो गया है कि कांग्रेस की तत्कालीन सरकार को भारत की अखंडता की भी चिंता नहीं थी।
ऐसे वक़्त में जब कांग्रेस को पांच राज्यों के चुनाव में जाना है, मनीष तिवारी की यह किताब उसके लिए मुश्किल खड़ी कर सकती है। क्योंकि बीजेपी ने राष्ट्रीय सुरक्षा का हवाला देकर उसे घेर लिया है।