सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि वह मणिपुर में दो महिलाओं को नग्न घुमाने के कल आए वीडियो से वास्तव में परेशान है। भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने सरकार से कार्रवाई करने को कहा।
भारत के सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को मणिपुर में दो महिलाओं को नग्न घुमाने के वायरल हुए वीडियो पर स्वत: संज्ञान लिया। अदालत ने कहा कि वह इससे ''वास्तव में परेशान'' है और मामले की अगली सुनवाई अगले शुक्रवार के लिए तय कर दी।
घटना की निंदा करते हुए भारत के चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि यह "बिल्कुल अस्वीकार्य" है। चीफ जस्टिस ने गहरी चिंता जताते हुए सरकार से हस्तक्षेप कर कार्रवाई करने की मांग की। अदालत ने कहा, "जो वीडियो सामने आए हैं, उससे हम बेहद परेशान हैं। अगर सरकार कार्रवाई नहीं करती है, तो हम करेंगे।"
चीफ जस्टिस ने कहा, "सांप्रदायिक संघर्ष के क्षेत्र में महिलाओं को एक साधन के रूप में इस्तेमाल करना" सबसे बड़ा संवैधानिक दुरुपयोग है। अदालत ने कहा, "संवैधानिक लोकतंत्र में यह बिल्कुल अस्वीकार्य है। यह बेहद परेशान करने वाला है।"
अदालत ने केंद्र और मणिपुर सरकार को अपराधियों को न्याय के कटघरे में लाने के लिए की गई कार्रवाई के बारे में जानकारी देने का निर्देश दिया। मीडिया में दिखाए गए दृश्य संविधान के गंभीर उल्लंघन और महिलाओं को हिंसा की शिकार के रूप में इस्तेमाल करने का संकेत देते हैं, जो संवैधानिक लोकतंत्र के सिद्धांतों के खिलाफ है।
अदालत को उम्मीद है कि केंद्र और राज्य दोनों अपने द्वारा उठाए गए कदमों के बारे में अदालत को अपडेट करेंगे। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की अगली सुनवाई अगले शुक्रवार को तय की है.