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मणिपुरः कांग्रेस ने पोस्टर जारी कर पीएम मोदी पर तीखा हमला किया

मणिपुरः कांग्रेस ने पोस्टर जारी कर पीएम मोदी पर तीखा हमला किया

मणिपुर की घटनाओं को लेकर कांग्रेस ने आज मंगलवार को एक पोस्टर और वीडियो जारी कर पीएम मोदी पर तीखा हमला किया। इसके अलावा कांग्रेस ने आज एक तीखा ट्वीट भी किया, जिसमें पीएम मोदी पर जिम्मेदारियों से भागने का आरोप लगाया गया है।

कांग्रेस ने आज मंगलवार को जलते हुए मणिपुर और पीएम मोदी की यात्रा को जोड़कर बहुत तीखा अटैक केंद्र सरकार पर किया। कांग्रेस ने आज सोशल मीडिया पर एक पोस्टर जारी किया - जिस पर लिखा है - मणिपुर जल रहा है...मैं चला अमेरिका। इस पोस्टर के ट्वीट में कांग्रेस ने लिखा है - जिम्मेदारी से भागने का मेरा पुराना नाता, प्रचार के अलावा मुझे कुछ नहीं आता।

प्रधानमंत्री आज ही सुबह अमेरिका की यात्रा पर रवाना हुए हैं। मणिपुर में करीब डेढ़ महीने से हिंसा जारी है लेकिन विपक्ष दलों के मुताबिक प्रधानमंत्री ने अभी तक वहां के लोगों से शांति की अपील तक नहीं की।

कांग्रेस ने पोस्टर जारी करने के अलावा अलग से एक वीडियो भी जारी किया जिसें पहले वीडियो में सुलगते मणिपुर को और दूसरे वीडियो फ्रेम में मोदी को अमेरिका के लिए विमान में सवार होते हुए दिखाया गया है।

कांग्रेस ने आज एक ट्वीट भी किया है, जिसमें तमाम बातें कही गई हैं। कांग्रेस ने पीएम मोदी पर हमला करते हुए लिखा है-

  • 100 से ज्यादा लोगों की मौत
  • 50 हजार से ज्यादा लोग बेघर 
  •  करीब 50 दिन से हिंसा जारी और PM मोदी मणिपुर का 'म' नहीं बोल पाए।

एक ओर मणिपुर जल रहा है। हमारे देश के लोग जान बचाने की गुहार लगा रहे हैं। अपने घरों को छोड़ पलायन करने को मजबूर हैं। दूसरी ओर PM मोदी अमेरिका निकल गए। अब वहां छवि चमकाने का काम होगा, इवेंटबाजी होगी। इस बात को जानते हुए कि हमारे देश के लोग हिंसा झेल रहे हैं, उनकी जान पर बनी हुई है। PM मोदी... याद कीजिए एक बार अटल जी ने आपको 'राजधर्म' निभाने की सीख दी थी। यह वही वक्त है जब राजधर्म निभाया जाए। मणिपुर जलता रहा और आपने शांति की अपील तक नहीं की। यह वक्त अपने देश के लोगों के साथ खड़े होने का है, न कि छवि चमकाने का। जिम्मेदारी से भागिए मत।

इससे पहले कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा था कि मणिपुर में स्थिति अनिश्चित और बेहद परेशान करने वाली है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार सीमावर्ती राज्य की अनदेखी कर रही है। खड़गे ने केंद्र से एक सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल को राज्य का दौरा करने की अनुमति देने के लिए भी कहा।

खड़गे ने पीएम मोदी पर चुप रहने, मणिपुर पर बैठक की अध्यक्षता नहीं करने और मणिपुर पर सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल से नहीं मिलने का आरोप लगाते हुए कहा, "आपके मन की बात में पहले मणिपुर की बात शामिल होनी चाहिए थी। सीमावर्ती राज्य की स्थिति अनिश्चित और बेहद परेशान करने वाली है।"

कांग्रेस की मणिपुर इकाई ने भी अमेरिका रवाना होने से पहले 47 दिनों से अधिक समय से संकटग्रस्त राज्य के लोगों से नहीं मिलने के लिए मंगलवार को पीएम मोदी की आलोचना की। मणिपुर की कांग्रेस यूनिट ने लिखा- "प्रधान मंत्री @ नरेंद्रमोदी, आप अमेरिका की अपनी पहली राजकीय यात्रा कर रहे हैं, जहाँ आपका स्वागत राष्ट्रपति @POTUS द्वारा किया जाएगा। लोकतंत्र में, आपसे मणिपुर के लोगों से मिलने की उम्मीद की जाती है, जो 47 दिनों से अधिक समय से उथल-पुथल में है। इससे पहले कि आप अमेरिका के लिए रवाना हो गए।

मणिपुर पर केंद्र सरकार की नीति को लेकर कांग्रेस के अलावा तमाम नागरिक संगठनों ने भी निन्दा की है। मणिपुर में मई 2023 की शुरुआत से मेइती समुदाय और आदिवासी कुकी समुदाय के बीच चल रही हिंसा पर देश भर के 550 सामाजिक संगठनों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने गहरी चिंता जताई है। उन्होंने कहा है कि सभी पक्ष तत्काल संघर्ष विराम करें। उन्होंने मणिपुर और केंद्र सरकार से मांग की है कि तुरंत हिंसा पर रोक लगाई जाए। 

देश भर के इन 550 सामाजिक संगठनों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने एक साझा बयान जारी कर कहा है कि प्रधानमंत्री मणिपुर में चल रही हिंसा पर अपनी अपनी चुप्पी तोड़ें।इन सामाजिक संगठनों की ओर से जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है हिंसा के कारण  लाखों लोग विस्थापित हो चुके हैं या हिंसा से प्रभावित हुए हैं। हिंसा अभी भी जारी है।

उन्होंने आरोप लगाया है कि केंद्र और राज्य की भाजपा सरकारों द्वारा निभाई गई विभाजनकारी राजनीति के कारण आज मणिपुर का बहुत बड़ा हिस्सा जल रहा है। अब और अधिक लोगों की जान नहीं जाए इसके लिए हिंसा के सिलसिले को रोकने की जिम्मेदारी इन्हीं सरकारों की है। ऐसे में केंद्र और राज्य सरकार को मणिपुर में शांति व्यवस्था बहाल करने के लिए ठोस कदम उठाने की जरूरत है। हिंसा रोकने के लिए दोनों ही समुदायों के बीच संवाद बढ़ाने की कोशिश होनी चाहिए। उन्होंने कहा है कि हिंसा में शामिल लोगों पर कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए। मणिपुर के दोनों ही समुदायों के ज़ख्मों को भरने और उन्हें न्याय दिलाने के लिए काम होना चाहिए। ताकि विभाजन और नफरत को कम किया जा सके।

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