+
उपचुनाव में शत्रुघ्न सिन्हा, बाबुल सुप्रियो होंगे टीएमसी उम्मीदवार: ममता

उपचुनाव में शत्रुघ्न सिन्हा, बाबुल सुप्रियो होंगे टीएमसी उम्मीदवार: ममता

आसनसोल और बालीगंज समेत चार विधानसभा सीटों पर 12 अप्रैल को उपचुनाव होंगे। जानिए, ममता बनर्जी ने किन अहम चेहरों को उम्मीदवार बनाया।

पूर्व केंद्रीय मंत्री शत्रुघ्न सिन्हा और बाबुल सुप्रियो तृणमूल कांग्रेस यानी टीएमसी के लिए आगामी पश्चिम बंगाल का उपचुनाव लड़ेंगे। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने रविवार को कहा कि शत्रुघ्न सिन्हा आसनसोल से लोकसभा उपचुनाव के लिए उम्मीदवार होंगे, वहीं बाबुल सुप्रियो को बालीगंज से विधानसभा उपचुनाव लड़ने के लिए चुना गया है।

ममता बनर्जी ने ट्वीट किया, 'अखिल भारतीय तृणमूल कांग्रेस की ओर से यह घोषणा करते हुए खुशी हो रही है कि आसनसोल से लोकसभा उपचुनाव में पूर्व केंद्रीय मंत्री और प्रसिद्ध अभिनेता श्री शत्रुघ्न सिन्हा हमारे उम्मीदवार होंगे।' 

उन्होंने एक अन्य ट्वीट में कहा, 'पूर्व केंद्रीय मंत्री और प्रसिद्ध गायक श्री बाबुल सुप्रियो, बालीगंज से विधानसभा उपचुनाव में हमारे उम्मीदवार होंगे। जय हिंद, जय बांग्ला, जय मां- माटी- मानुष!'

चुनाव आयोग ने शनिवार को ऐलान किया कि आसनसोल और बालीगंज समेत चार विधानसभा सीटों पर 12 अप्रैल को उपचुनाव होंगे।

शत्रुघ्न सिन्हा और बाबुल सुप्रियो दोनों पहले बीजेपी के ही नेता थे। अभिनेता से नेता बने शत्रुघ्न सिन्हा 2019 के संसदीय चुनावों से पहले बीजेपी से कांग्रेस में शामिल हो गए थे। तब वह बिहार में अपने गढ़ पटना साहिब से बीजेपी के उम्मीदवार रविशंकर प्रसाद से चुनाव हार गए थे।

पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में तृणमूल की जीत के बाद सितंबर में बाबुल सुप्रियो भारतीय जनता पार्टी से बाहर हो गए थे और केंद्रीय राज्य मंत्री के रूप में हटाए जाने के दो महीने बाद टीएमसी में शामिल हो गए। बाबुल सुप्रियो ने स्वीकार किया कि उनकी 'कड़ी मेहनत और अच्छे काम' के बावजूद जो हुआ था, उससे वह निराश थे।

बता दें कि पिछले साल विधानसभा चुनाव में बीजेपी उम्मीदवार बनने के लिए बाबुल सुप्रियो ने अपनी लोकसभा सीट आसनसोल से इस्तीफा दे दिया था। चुनाव बाद उन्होंने बीजेपी छोड़ तृणमूल कांग्रेस का दामन थाम लिया था। अब उन्हीं की खाली हो चुकी सीट पर उपचुनाव होने जा रहा है। 

बाबुल सुप्रियो साल 2014 और 2019 में लगातार दो बार आसनसोल लोकसभा सीट से बीजेपी के टिकट पर सांसद नियुक्त हुए थे।

आसनसोल लोकसभा सीट पर पहले कांग्रेस और फिर सीपीएम का कब्जा रहा था। 2014 में मोदी लहर में यहां से पहली बार बीजेपी नेता के तौर पर बाबुल सुप्रियो सांसद चुने गए थे।

बालीगंज विधानसभा सीट विधायक सुब्रत मुखर्जी के निधन से खाली हुई थी। यह सीट पिछली तीन बार से टीएमसी के कब्जे में है।

सत्य हिंदी ऐप डाउनलोड करें