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अच्छी रही सोनिया संग मुलाक़ात, बेहतर नतीजा आएगा सामने: ममता

अच्छी रही सोनिया संग मुलाक़ात, बेहतर नतीजा आएगा सामने: ममता

ममता के दिल्ली दौरे को लेकर राजनीति से लेकर मीडिया तक के गलियारों में खासी हलचल है। पांच दिन के दिल्ली दौरे पर राष्ट्रीय राजधानी पहुंचीं ममता का बंगाल जीत के बाद यह पहला दौरा है। 

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी अपने दिल्ली दौरे के दौरान बुधवार को कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मिलीं। मुलाक़ात के बाद ममता ने कहा कि हमने राजनीतिक हालात पर चर्चा की। इसमें विपक्ष की एकता, पेगासस जासूसी मामला और कोरोना के बाद बने हालात पर चर्चा हुई। उन्होंने कहा कि बैठक अच्छी रही और उन्हें उम्मीद है कि इसका सकारात्मक परिणाम सामने आएगा। ममता ने कहा कि बीजेपी को हराने के लिए सभी को एक होना होगा। उन्होंने कहा कि सरकार को पेगासस जासूसी के मामले में जवाब देना चाहिए। मुलाक़ात के दौरान राहुल गांधी भी मौजूद रहे। 

इससे इतर पत्रकारों के इस सवाल के जवाब में कि बीजेपी के ख़िलाफ़ बनने वाले गठबंधन का नेतृत्व कौन करेगा, उन्होंने कहा कि अगर कोई और भी नेतृत्व करता है तो उन्हें कोई परेशानी नहीं है। उन्होंने कहा कि वह कोई भविष्यवक्ता नहीं हैं और यह हालात पर निर्भर करेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि वह नेता नहीं बनना चाहतीं। 

शाम को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से ममता बनर्जी की मुलाक़ात हुई। ममता मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलीं थीं। साथ ही उन्होंने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कमलनाथ, अभिषेक मनु सिंघवी और आनंद शर्मा से भी मुलाक़ात की थी। 

 - Satya Hindi

ममता के दिल्ली दौरे को लेकर राजनीति से लेकर मीडिया तक के गलियारों में खासी हलचल है। पांच दिन के दिल्ली दौरे पर राष्ट्रीय राजधानी पहुंचीं ममता का बंगाल जीत के बाद यह पहला दौरा है। 

ममता का एनसीपी प्रमुख शरद पवार और शिव सेना सांसद संजय राउत से मिलने का भी कार्यक्रम है। 

‘2024 के लिए योजना बनानी पड़ेगी’

पीएम मोदी से मुलाक़ात के बाद ममता ने पत्रकारों से बातचीत में कहा था कि उन्होंने प्रोटोकॉल के तहत यह मुलाक़ात की है। ममता ने कहा था कि लोकसभा चुनाव 2024 के लिए योजना बनानी पड़ेगी। इस दौरान उन्होंने उत्तर प्रदेश, त्रिपुरा और पंजाब के विधानसभा चुनाव का जिक्र भी किया। उन्होंने कहा कि उनके कार्यकर्ताओं को त्रिपुरा में हाउस अरेस्ट कर लिया गया। 

मुख्यमंत्री ने कहा था कि पेगासस मामले में प्रधानमंत्री सर्वदलीय बैठक बुलाएं और इस मामले में सभी की राय ली जाए। उन्होंने कहा कि इस मामले में सुप्रीम कोर्ट से जांच कराई जानी चाहिए। 

ममता ने बताया कि उन्होंने प्रधानमंत्री से मांग की कि जनसंख्या के मुताबिक़ बंगाल को ज़्यादा वैक्सीन दी जानी चाहिए। इसके अलावा पश्चिम बंगाल के नाम को बदलने की भी बात ममता ने मोदी के सामने रखी। 

एंटी बीजेपी फ्रंट की कवायद

21 जुलाई को शहीद दिवस के आयोजन के दिन बंगाल के बाहर भी जिस तरह ममता का भाषण दिखाया और सुनाया गया, उससे साफ है कि वह बंगाल से बाहर भी सियासी उड़ान भरने के लिए बेताब हैं। इसके साथ ही वह बीजेपी के ख़िलाफ़ एक मज़बूत फ्रंट बनाने की दिशा में भी तेज़ी से आगे बढ़ना चाहती हैं। 

टीएमसी इन दिनों पेगासस जासूसी मामले, किसानों के आंदोलन को लेकर कांग्रेस के साथ सियासी क़दमताल करती दिख रही हैं। क्योंकि ममता बनर्जी जानती हैं कि कांग्रेस के बिना एक मज़बूत एंटी बीजेपी फ्रंट नहीं बन सकता।

ममता ने शहीद दिवस वाले दिन अपने भाषण में कहा था, “हमारे पास बर्बाद करने के लिए वक़्त नहीं है। कम से कम हम लोग साथ बैठ सकते हैं और 27, 28 या 29 जुलाई को विपक्षी नेताओं की बैठक बुलाई जानी चाहिए। हमारे पास ढाई से तीन साल का वक़्त है लेकिन हमें मिलकर लड़ना होगा और अपने लोकतंत्र को बचाना होगा।” 

उन्होंने 2024 के चुनाव में बीजेपी को हराने की अपील भी सभी विपक्षी दलों से की थी। ममता का सभी विपक्षी और विशेषकर क्षेत्रीय दलों के लिए पैगाम साफ़ था कि वे अपने मतभेदों को किनारे करें और 2024 के चुनाव की तैयारी में जुटें। 

2022 है अहम 

लेकिन 2024 में बीजेपी को चुनौती देने लायक स्थिति में पहुंचने से पहले विपक्षी दलों को 2022 में अपने आप को साबित करना होगा। 2022 में सात राज्यों में विधानसभा के चुनाव होने हैं जिनमें 5 राज्यों के चुनाव तो फरवरी-मार्च में ही हैं। इन राज्यों में ख़राब प्रदर्शन की सूरत में थर्ड फ्रंट या एंटी बीजेपी फ्रंट बीजेपी के सामने टिक नहीं पाएगा। 

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