ममता : मोदी हैं देश के सबसे बड़े दंगाबाज़
पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव 2021 के ठीक पहले राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों में ज़बरदस्त तू तू- मैं मैं हो रही है। घात-प्रतिघात और आरोप-प्रत्यारोप के बीच कई तरह की वर्जनाएँ टूट रही हैं और सभी पार्टी के लोग राजनीतिक मर्यादा का उल्लंघन कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने राजधानी कोलकाता के नज़दीक हुगली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को 'सबसे बड़ा दंगाबाज़' क़रार दिया। वे मोदी के 'तोलाबाज' (वसूली करने वाला) कहने पर उसका जवाब दे रही थीं।
तृणमूल कांग्रेस की इस तेज़-तर्रार नेता ने बुधवार को जनसभा में कहा कि मोदी का हश्र डोनल्ड ट्रंप से बदतर होगा। उन्होंने कहा,
“
"नरेंद्र मोदी देश के सबसे बड़े दंगाबाज़ हैं। ट्रंप के साथ जो हुआ, उनका हश्र उससे भी बुरा होगा। हिंसा से कुछ भी हासिल नहीं किया जा सकता है।"
ममता बनर्जी, मुख्यमंत्री, पश्चिम बंगाल
ममता बनर्जी ने बीजेपी के लोगों को गुंडा तक कह दिया। उन्होंने कहा, "मोदी बंगाल पर शासन नहीं करेंगे, गुंडे बंगाल पर शासन नहीं करेंगे।"
'गुजराती नहीं करेंगे बंगाल पर शासन'
इसके साथ ही तृणमूल कांग्रेस की इस नेता ने 'बाहरी' का कार्ड भी खेला। पश्चिम बंगाल में बीजेपी को बाहरी पार्टी माना जाता है। उन्होंने कहा, "बंगाल पर बंगाल के लोग शासन करेंगे, बंगाल पर गुजरात के लोग शासन नहीं करेंगे।"
दरअसल ममता बनर्जी प्रधानमंत्री के आरोपों से तिलमिलाई हुई हैं और वे उन्हें तुर्की ब तुर्की जवाब देना चाहती हैं। इससे कटुता तो बढ़ ही रही है, राजनीतिक मर्यादाओं का भी उल्लंघन हो रहा है और कई सीमाएँ तोड़ी जा रही हैं।
मोदी ने हुगली के ही चुंचुड़ा में 22 फ़रवरी को एक जनसभा में कहा था,
“
"पैसा वसूली की संस्कृति ने पश्चिम बंगाल में वातावरण इतना प्रदूषित कर दिया है कि आप यहाँ भाड़े पर एक घर तक सिंडिकेट को पैसे दिए बग़ैर नहीं ले सकते। आप सिंडिकेट की अनुमति के बग़ैर घर भाड़ा पर नहीं दे सकते।"
नरेंद्र मोदी, प्रधानमंत्री
'कट मनी कल्चर'
उन्होंने कहा कि 'पश्चिम बंगाल का विकास तब तक नहीं हो सकता जब तक यहाँ कट मनी कल्चर (हर काम में हिस्सा मांगने की बात) और तोलाबाजी (लोगों से हर बात के लिए पैसे वसूली) पर रोक नहीं लगती।'
उन्होंने यह भी कहा कि जब तक राज्य प्रशासन गुंडों को प्रश्रय देना बंद नहीं करता, राज्य का विकास नहीं हो सकता।
बीजेपी-टीएमसी में राजनीतिक लड़ाई राजनीति के बाहर भी लड़ी जा रही है, जिससे कटुता बढ़ती जा रही है। ममता बनर्जी के भतीजे और तृणमूल सांसद अभिषेक बनर्जी ने अमित शाह के ख़िलाफ़ मानहानि का मामला दर्ज कराया था। गृह मंत्री ने कोलकाता में कहा था कि केंद्र से भेजा गया पैसा राज्य के किसानों तक नहीं पहुँच पाता है क्योंकि बीच में ही तृणमूल के लोग उसे हड़प लेते हैं। उन्होंने यह भी कहा था कि सारा पैसा भतीजे के पास चला जाता है।
अमित शाह को समन
बीते दिनों सांसदों-विधायकों के लिए बनी विशेष अदालत ने इस मुद्दे पर अमित शाह को समन भेजा। उसके ठीक बाद केंद्रीय जाँच ब्यूरो ने अभिषेक बनर्जी की पत्नी को समन भेजा और एक कथित कोयला घोटाले में उनसे उनके घर जाकर पूछताछ की।
इसी तरह पश्चिम बंगाल भारतीय जनता युवा मोर्चा की प्रमुख पामेला गोस्वामी को कोलकाता पुलिस ने 90 ग्राम कोकीन के साथ गिरफ़्तार किया। उन्होंने कहा है कि राज्य बीजेपी के नेता उन्हें फँसा रहे हैं और वे पूरी तरह निर्दोष हैं।
उन्होंने पश्चिम बंगाल बीजेपी प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय के नज़दीकी समझे जाने वाले राकेश सिंह का नाम भी कोकीन मामले में लिया। इसके बाद राकेश सिंह को राज्य के बर्द्धमान ज़िले से गिरफ़्तार किया गया। उनके दो बेटों को भी गिरफ़्तार किया गया जो पुलिस को अपने घर के अंदर घुसने से रोक रहे थे।
ममता बनर्जी ने जो कुछ कहा, वह निश्चित रूप से प्रधानमंत्री पद पर बैठे व्यक्ति के सम्मान के अनुकूल नहीं है। लेकिन जब निजी स्तर पर घात-प्रतिघात ही राजनीतिक विरोध का पर्याय बन जाए तो कौन किसे क्या कहे!