बिहार के बहुचर्चित मुजफ्फरपुर शेल्टर होम मामले में दिल्ली की एक अदालत ने 19 लोगों को दोषी ठहराया है। इनमें मुख्य आरोपी बृजेश ठाकुर का नाम भी शामिल है। शेल्टर होम में रह रही बच्चियों के साथ यौन शोषण का ख़ुलासा टाटा इंस्टिट्यूट ऑफ़ सोशल साइंसेस, मुम्बई की ऑडिट रिपोर्ट में किया गया था।
मेडिकल रिपोर्ट में 34 लड़कियों से बलात्कार होने की पुष्टि हुई थी। कोर्ट में सीआरपीसी की धारा 164 के तहत 42 लड़कियों के बयान दर्ज कराए गए थे। पीड़िताओं ने अपने ऊपर हुए अत्याचार को बयां किया और यह रोंगटे खड़े कर देने वाला था।
कुछ दिन पहले ही सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की गई अपनी रिपोर्ट में कहा था कि जिन बच्चियों के मारे जाने की बात कही गई थी, वे सब जीवित हैं और मुज़फ्फ़रपुर शेल्टर होम की बच्चियों की हत्या का कोई सबूत नहीं मिला है।
31 मई, 2018 को मुज़फ़्फ़रपुर के महिला थाने में इस संबंध में प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी। 2 जून को कांड के मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर समेत आठ लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था। मामले में तब नया मोड़ आया था, जब बिहार सरकार में तत्कालीन समाज कल्याण मंत्री कुमारी मंजू वर्मा के पति चंद्रशेखर वर्मा के इसमें शामिल होने की बात सामने आई थी। विवाद बढ़ने पर मंजू वर्मा को अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा था।