सवाल पूछने के बदले रुपये लेने के मामले में प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी ने टीएमसी नेता महुआ मोइत्रा को 28 मार्च को पूछताछ के लिए बुलाया था लेकिन वह ईडी के समक्ष उपस्थित नहीं हुई हैं।
प्राप्त जानकारी के मुताबिक उन्होंने जांच एजेंसी ईडी से कहा है कि वे गुरुवार 28 जनवरी को अपने लोकसभा क्षेत्र कृष्णानगर में चुनाव प्रचार में शामिल हो रही हैं। चुनाव प्रचार में व्यस्ता के कारण वह ईडी के समक्ष पूछताछ के लिए पेश नहीं होंगी।
सवाल पूछने के बदले रुपये लेने के मामले में ईडी पहले भी टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा को दो बार समन भेज चुकी है। वह पहले भी अपने आधिकारिक काम का हवाला देकर पेश नहीं हुईं।
ईडी महुआ मोइत्रा से विदेशी मुद्रा उल्लंघन (फेमा ) मामले में पूछताछ करना चाहती है। विदेशों से हुए कुछ लेनदेन और एक एनआरआई खाते से जुड़े लेनदेन भी एजेंसी की जांच के दायरे में हैं। महुआ मोइत्रा पर आरोप है कि उन्होंने रुपये लेकर लोकसभा में सवाल पूछे थे।
पिछले वर्ष भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा पर आरोप लगाया था कि उन्होंने महंगे उपहार और रुपये के बदले कारोबारी दर्शन हीरानंदानी के कहने पर लोकसभा में सवाल पूछे थे।
आरोप है कि उन्होंने उद्योगपति गौतम अडाणी और पीएम मोदी को निशाना बनाते हुए सवाल पूछे थे। निशिकांत दुबे ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला को पत्र लिखकर दावा किया था कि महुआ ने हीरानंदानी समूह के हितों की रक्षा के लिए रिश्वत ली। निशिकांत दुबे ने आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव से आग्रह किया था कि वे लोकसभा के लिए मोइत्रा के लॉग-इन क्रेडेंशियल के आईपी पते की जांच करें ताकि यह जांचा जा सके कि क्या उन तक किसी और की पहुंच थी।
आरोप है कि उन्होंने उद्योगपति गौतम अडाणी और पीएम मोदी को निशाना बनाते हुए सवाल पूछे थे। निशिकांत दुबे ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला को पत्र लिखकर दावा किया था कि महुआ ने हीरानंदानी समूह के हितों की रक्षा के लिए रिश्वत ली। निशिकांत दुबे ने आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव से आग्रह किया था कि वे लोकसभा के लिए मोइत्रा के लॉग-इन क्रेडेंशियल के आईपी पते की जांच करें ताकि यह जांचा जा सके कि क्या उन तक किसी और की पहुंच थी।
इसके बाद दर्शन हीरानंदानी ने एक हलफनामा देकर दावा किया था कि महुआ ने उन्हें संसदीय लॉगइन आईडी और पासवर्ड दिया था ताकि वह उनकी ओर से सवाल पोस्ट कर सकें। हीरानंदानी ने लोकसभा की आचार समिति को वह हलफनामा दिया था।
महुआ ने कैश-फॉर-क्वेरी के आरोपों का खंडन किया है, लेकिन उन्होंने व्यवसायी दर्शन हीरानंदानी को अपना संसदीय लॉगइन आईडी पासवर्ड देने की बात स्वीकार की है। उन्होंने कहा है कि ऐसा उन्हों सवालों को टाइप करने के लिए किया था। उन्होंने कहा था कि सवाल पूछने के लिए ओटीपी आता है, आख़िरकार वही ओटीपी डालकर सवाल पूछती थीं।
महुआ पर राष्ट्रीय सुरक्षा से समझौता करने का भी आरोप लगाया गया था। महुआ पर लगे आरोपों की जांच लोकसभा की एथिक्स कमेटी ने भी की थी। अपनी जांच में एथिक्स कमेटी ने उन्हें दोषी पाया था और कमेटी की सिफारिश पर महुआ को लोकसभा से निष्कासित कर दिया गया था।