सवाल पूछने के लिए कथित तौर पर पैसे लेने का आरोपों का सामना कर रही टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा ने अब आरोप लगाया है कि संसद में सवाल नहीं पूछने के लिए उनको पैसे की पेशकश की गई थी।
महुआ मोइत्रा ने शुक्रवार को इंडिया टुडे के साथ एक इंटरव्यू में दावा किया कि अडानी समूह के अध्यक्ष गौतम अडानी ने पिछले तीन वर्षों में दो लोकसभा सांसदों के माध्यम से उनसे दो बार संपर्क किया। उन्होंने कहा, 'श्री अडानी ने पिछले तीन वर्षों में दो लोकसभा सांसदों के माध्यम से मुझसे संपर्क किया है ताकि वे उनके साथ मेज पर बैठ सकें और समाधान निकाल सकें। मैंने डील करने से इनकार कर दिया है। मुद्दा यह है कि वह सवाल न करने के लिए नकद दे रहे थे।'
टीएमसी सांसद ने टीवी इंटरव्यू में कहा कि उन्होंने अडानी द्वारा उन्हें दी गई पेशकश को इनकार कर दिया। इसके साथ ही उन्होंने कहा, 'मैं उनसे कभी नहीं मिली, इसलिए मुझे नहीं पता कि वह पेशकश क्यों कर रहे थे या क्या कीमत चुका रहे थे।'
तृणमूल नेता ने आरोप लगाया कि पिछले हफ्ते उनसे दोबारा संपर्क किया गया और उन्हें चुप रहने के लिए कहा गया। उन्होंने कहा, "मुझे संदेश दिया गया था: 'कृपया इसे बंद करें। कृपया चुनाव खत्म होने तक छह महीने तक चुप रहें। बाद में सब कुछ ठीक हो जाएगा। अगर आप श्री अडानी पर हमला करना चाहते हैं, तो भी आप इसे थोड़ा सा कर सकते हैं, लेकिन ऐसा न करें कि प्रधानमंत्री का नाम लीजिए'।"
यह वही अडानी समूह है जिसके ख़िलाफ़ 24 जनवरी की एक रिपोर्ट में यूएस शॉर्ट सेलर हिंडनबर्ग रिसर्च ने अडानी ग्रुप पर स्टॉक में हेरफेर और लेखा धोखाधड़ी का आरोप लगाया था। रिपोर्ट में कहा गया था कि उसने अपनी रिसर्च में अडानी समूह के पूर्व वरिष्ठ अधिकारियों सहित दर्जनों व्यक्तियों से बात की, हजारों दस्तावेजों की जांच की और इसकी जांच के लिए लगभग आधा दर्जन देशों में जाकर साइट का दौरा किया। हालाँकि अडानी समूह ने इन आरोपों का खंडन किया है। इस रिपोर्ट के बाद से अडानी समूह की क़ीमतें शेयर बाज़ार में धड़ाम गिरी हैं।
हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट के सामने आने के बाद से टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा अडानी के मुद्दे को उठा रही हैं। उन्होंने लगातार इस मुद्दे को उठाया है। संसद से लेकर सोशल मीडिया तक पर।
फरवरी महीने में टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा ने न केवल अडानी समूह पर गंभीर आरोप लगाए थे, बल्कि सेबी को भी कठघरे में खड़ा कर दिया था। उन्होंने कहा था कि 'सेबी और अडानी के बीच सांठगांठ है। सेबी में उनके रिश्तेदार बैठे हैं, इसलिए उन्होंने अनदेखी की। अडानी ने उनकी मिलीभगत से मनमाने तरीके से सब किया।'
निशिकांत दुबे ने जब सवाल पूछने के लिए नकदी लेने का महुआ के ख़िलाफ़ आरोप लगाया तो महुआ ने अडानी का ज़िक्र करते हुए कहा था, 'अगर अडानी समूह मुझे चुप कराने या नीचे गिराने के लिए संदिग्ध संघियों द्वारा बनाए गए और फर्जी डिग्री वालों द्वारा प्रसारित संदिग्ध डोजियर पर भरोसा कर रहा है, तो मैं उन्हें सलाह दूंगी कि वे अपना समय बर्बाद न करें। अपने वकीलों का बुद्धिमानी से इस्तेमाल करें।'
महुआ ने एक ट्वीट में कहा, 'फर्जी डिग्रीवाला और अन्य बीजेपी के दिग्गजों के खिलाफ विशेषाधिकार उल्लंघन के कई मामले लंबित हैं। अध्यक्ष द्वारा उन पर कार्यवाही ख़त्म करने के तुरंत बाद मेरे विरुद्ध किसी भी प्रस्ताव का स्वागत है। मेरे दरवाजे पर आने से पहले अडानी कोयला घोटाले में ईडी और अन्य लोगों द्वारा एफआईआर दर्ज करने का भी इंतजार कर रही हूं।'
महुआ ने क्या-क्या कहा
इसके साथ ही शुक्रवार को टीवी इंटरव्यू में महुआ मोइत्रा ने मान लिया है कि उन्होंने संसद लॉगइन और पासवर्ड दर्शन हीरानंदानी को दिया था। लेकिन इसके साथ ही उन्होंने पैसे और गिफ्ट लेने के आरोपों से इनकार किया। उन्होंने इस सवाल का जवाब भी दिया है कि दर्शन हीरानंदानी को संसद लॉगइन आईडी और पासवर्ड क्यों दिया था। उन्होंने कहा है कि हीरानंदानी उनके दोस्त हैं और उन्होंने संसद में पूछे जाने वाले सवाल को उनके कार्यालय में किसी से टाइप कराने के लिए लॉगइन पासर्वड दिया था। उन्होंने इंडिया टुडे के साथ इंटरव्यू में कहा, 'दर्शन हीरानंदानी के कार्यालय में किसी ने वह प्रश्न टाइप किया जो मैंने संसद की वेबसाइट पर दिया था। प्रश्न डालने के बाद वे मुझे जानकारी देने के लिए फोन करते और मैं सभी सवालों को एक बार में पढ़ जाती क्योंकि मैं हमेशा अपने निर्वाचन क्षेत्र में व्यस्त रहती हूं। सवाल डालने के बाद मेरे मोबाइल फोन पर एक ओटीपी आता है। मैं वह ओटीपी दूँ तो ही सवाल सबमिट किया जाता है। इसलिए, यह आरोप कि दर्शन मेरी आईडी पर लॉग इन कर और खुद के प्रश्न पूछे, हास्यास्पद है।'