महाराष्ट्र में शिंदे सरकार का आज विस्तार हुआ और इसके साथ ही टकराव जैसे हालात बनते लगने लगे हैं। दरअसल, शिवसेना के एक बागी विधायक संजय राठौड़ को महाराष्ट्र कैबिनेट में शामिल करने के बाद विवाद खड़ा हो गया है। राठौड़ पूर्ववर्ती उद्धव सरकार में भी मंत्री थे, लेकिन टिकटॉक स्टार के आत्महत्या केस के चलते उनको इस्तीफ़ा देना पड़ा था। तब बीजेपी ने राठौड़ के ख़िलाफ़ मोर्चा खोला था। अब जब शिंदे खेमे से फिर से वह मंत्री बनाए गए हैं तो इस पर सवाल उठ रहे हैं। शिंदे खेमे के सहयोगी महाराष्ट्र बीजेपी की उपाध्यक्ष ने इस पर सवाल उठाए हैं।
महाराष्ट्र बीजेपी इकाई की उपाध्यक्ष चित्रा वाघ ने ट्वीट कर कहा है, 'यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि महाराष्ट्र की बेटी पूजा चव्हाण की मौत के कारण बने संजय राठौड़ को फिर से मंत्री का पद दिया गया है... उनके ख़िलाफ़ मैं अपनी लड़ाई जारी रखूंगी।'
जिस संजय राठौड़ को लेकर बीजेपी नेता ने हमला किया है वह पूर्ववर्ती ठाकरे सरकार में वन मंत्री थे। संजय राठौड़ यवतमाल के डिग्रास विधानसभा क्षेत्र से विधायक हैं। आरोप थे कि वह उस महिला के साथ संबंध में थे। बाद में दोनों के बीच संबंध खराब हो गए थे, इसके बाद उस महिला की मौत हो गई थी।
यह उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस थे जिन्होंने राठौड़ के खिलाफ विपक्ष के नेता के रूप में पार्टी के आरोप का नेतृत्व किया था।
अब एक बीजेपी नेता का एक पुराना ट्वीट भी वायरल हो रहा है। यह ट्वीट पिछले साल का है। बीजेपी के किरीट सोमैया वीडियो में कहते सुने जा सकते हैं कि वह आत्महत्या वास्तव में संजय राठौड़ द्वारा की गई "हत्या" थी।
हालाँकि, एकनाथ शिंदे ने अब उनका बचाव किया है: 'पिछली सरकार के दौरान जांच के बाद उन्हें पुलिस द्वारा क्लीन चिट दी गई है। इसलिए हमने उन्हें मंत्री बनाया है। हम हर उस किसी से भी बात करेंगे जिनको आपत्ति होगी।'
यवतमाल के पुलिस अधीक्षक दिलीप पाटिल भुजबल द्वारा पिछले साल अगस्त में गठित एक विशेष जांच दल द्वारा उन्हें बरी कर दिया गया था।
बता दें कि जिन राठौड़ को उद्धव ठाकरे सरकार ने आरोप लगने के बाद मंत्रिमंडल से बाहर कर दिया था वह राठौड़ शिंदे के नेतृत्व में बागी खेमे में शामिल थे। राठौड़ उन विधायकों में से एक थे जिन्होंने टीम शिंदे का साथ दिया, शिवसेना को तोड़ दिया और बीजेपी के साथ सरकार बनाई।
बहरहाल, आज राठौड़ मुंबई में एक भव्य समारोह में शपथ लेने वाले 18 विधायकों में से एक थे। यह बहुप्रतीक्षित कैबिनेट विस्तार शिंदे के नेतृत्व वाले शिवसेना गुट द्वारा उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली सरकार को गिराने के 40 दिनों के बाद हुआ। शपथ लेने वालों में से शिंदे के शिवसेना खेमे और बीजेपी के 9-9 विधायक शामिल हैं। महाराष्ट्र में नई सरकार ने 30 जून को शपथ ली थी और माना जा रहा था कि अगले कुछ दिनों के अंदर कैबिनेट का विस्तार होगा। लेकिन कई बार यह विस्तार टल गया था।