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क्या महायुती की योजनाओं से एमवीए की मुश्किल बढ़ेगी? जानें शरद पवार क्या बोले

क्या महायुती की योजनाओं से एमवीए की मुश्किल बढ़ेगी? जानें शरद पवार क्या बोले

महाराष्ट्र में विधानसभा चुनावों में महायुती और एमवीए में से किसका पलड़ा भारी है? क्या महायुती की योजनाओं का असर इतना पड़ेगा कि एमवीए के लिए बड़ी मुश्किल होगी?

शरद पवार ने माना है कि महायुती सरकार की योजनाओं का इस विधानसभा चुनाव पर कुछ असर हो सकता है। तो क्या एमवीए के लिए आगे चुनौतियाँ बढ़ेंगी? एनसीपी (एसपी) प्रमुख शरद पवार ने इस सवाल का भी जवाब दिया है।

शरद पवार ने शनिवार को द इंडियन एक्सप्रेस के साथ एक इंटरव्यू में कहा कि महाराष्ट्र में लोकसभा चुनावों में अच्छे प्रदर्शन के बाद विपक्षी महा विकास अघाड़ी यानी एमवीए को जो गति मिली थी, वह महायुती सरकार द्वारा बाद में शुरू की गई विभिन्न लोकलुभावन योजनाओं के कारण बरकरार नहीं रह सकी है। हालाँकि, इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि महाराष्ट्र के लोग बदलाव के इंतजार में हैं। उन्होंने कहा कि इससे एमवीए को 20 नवंबर को होने वाले विधानसभा चुनावों में बहुमत हासिल करने में मदद मिलेगी।

एमवीए में कांग्रेस, शिवसेना यूबीटी और एनसीपी (शरदचंद्र पवार) शामिल हैं। शरद पवार एमवीए के एक प्रमुख नेता हैं। शरद पवार से इंटरव्यू में पूछा गया कि क्या उनकी विभिन्न नई कल्याणकारी योजनाएं महायुती को राज्य में सत्ता में वापस लाने में सक्षम बना सकती हैं। उन्होंने कहा, 'उस चुनाव के बाद सरकार ने अपनी सारी मशीनरी का बड़े पैमाने पर इस्तेमाल किया है और इसने लड़की बहन जैसे कई लोकलुभावन फैसले लिए हैं, जिनमें पैसे दिए गए हैं और माहौल बदलने की कोशिश की जा रही है। हमारे सहयोगियों के अनुसार इसका कुछ असर हो सकता है।' 

हालांकि, उन्होंने यह भी कहा, 'मेरा मानना ​​है कि आम जनता बदलाव चाहती है। और अगर यह भावना बनी रहती है तो हम स्पष्ट बहुमत हासिल करेंगे।' 

बता दें कि हाल ही में हुए लोकसभा चुनावों में महायुती को झटका लगा था, जिसमें उसे 48 में से सिर्फ 17 सीटें ही मिल पाई थीं, जबकि एमवीए को 30 सीटें मिली थीं। लोकसभा चुनाव में राज्य में झटका लगने के बाद महायुती सरकार ने कई रणनीतिक बदलाव किए। 

विधानसभा चुनावों से पहले शिंदे की अगुवाई वाली सरकार ने विभिन्न वर्गों के लिए कई कल्याणकारी योजनाओं की घोषणा की थी, जिसमें लड़की बहन योजना भी शामिल है। इसके तहत 18 से 65 वर्ष के बीच 2.5 करोड़ वंचित महिलाओं को 1,500 रुपये मासिक भत्ता दिया जाता है।

पवार ने यह भी कहा कि उन्होंने मौजूदा सरकार द्वारा सत्ता, धन और एजेंसियों का कथित दुरुपयोग कभी नहीं देखा, जैसा कि इस बार देखा है।

पवार ने आरोप लगाया, 'हमारे खिलाफ धन और एजेंसियों का इस्तेमाल किया जा रहा है। मैं आपको एक उदाहरण दे सकता हूं। मेरी बेटी चौथी बार संसद की सदस्य हैं। जब भी वह सरकार पर हमला करती हैं, उनके पति को आयकर का नोटिस मिल जाता है। वास्तव में, मेरे भाई की बेटियों (अजित पवार की बहनों) को छापे का सामना करना पड़ा है। केंद्र सरकार ने मेरे परिवार के खिलाफ भी एजेंसियों का दुरुपयोग किया है।' 

उन्होंने कहा, 'यह चुनाव है जहां हम सत्ता और सरकारी एजेंसियों का पूरा दुरुपयोग देख रहे हैं, जो हमने पिछले चुनावों में कभी नहीं देखा है।' 

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