महाराष्ट्र: कांग्रेस-एनसीपी में सीटों का बंटवारा, 125-125 सीटों पर लड़ेंगे

04:56 pm Sep 26, 2019 | सत्य ब्यूरो - सत्य हिन्दी

कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के बीच महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव में सीटों को लेकर बंटवारा हो गया है। एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने कहा है कि कांग्रेस और एनसीपी 125-125 सीटों पर चुनाव लड़ेंगे। माना जा रहा है कि महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव अक्टूबर या नवंबर में हो सकते हैं। समझौते के मुताबिक़, 38 सीटें सहयोगी दलों के लिए छोड़ी गई हैं। महाराष्ट्र विधानसभा में कुल 288 सीटें हैं। पवार ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी। पवार ने कहा कि एनसीपी चुनाव में नये चेहरों को मौक़ा देगी। अनुभवी नेता पवार ने यह भी कहा कि कांग्रेस के साथ कुछ सीटों की अदला-बदली की जायेगी। 

2014 में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस और एनसीपी ने अलग-अलग चुनाव लड़ा था। सीटों के बंटवारे में समझौता न हो पाने के कारण एनसीपी ने 15 साल पुराना गठबंधन तोड़ दिया था। तब कांग्रेस को 42 सीटों पर जीत मिली थी जबकि एनसीपी 41 सीटों पर जीती थी। बीजेपी राज्य में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी और उसे 122 सीटों पर जीत मिली थी। 

इस विधानसभा चुनाव में एनसीपी और कांग्रेस दोनों के लिए हालात अच्छे नहीं है। दोनों ही दलों के कई वरिष्ठ नेता पार्टी छोड़कर जा चुके हैं और बीजेपी और शिवसेना में शामिल हो चुके हैं।

कुछ समय पहले विधानसभा में विपक्ष के नेता राधाकृष्ण विखे पाटिल ने कांग्रेस को अलविदा कह दिया था और बीजेपी में शामिल हो गए थे। महाराष्ट्र के सतारा से एनसीपी सांसद उदयनराजे भोसले बीजेपी में शामिल हो गए हैं। वरिष्ठ एनसीपी नेता गणेश नाईक बीजेपी में शामिल हो चुके हैं। एनसीपी के मुंबई प्रदेश अध्यक्ष सचिन अहीर के शिवसेना में जाने और पार्टी की महिला शाखा की प्रदेश अध्यक्ष चित्रा वाघ के बीजेपी में जाने से एनसीपी को करारा झटका लगा है। पार्टी के संस्थापक सदस्य मधुकर पिचड़ और अकोला से उनके विधायक पुत्र वैभव पिचड़ भी बीजेपी में चले गए हैं। इसके अलावा भी कांग्रेस-एनसीपी के नेताओं की लंबी फेहरिस्त है जो बीजेपी-शिवसेना में शामिल हो चुके हैं। 

दूसरी ओर विपक्ष के नेता लगातार जाँच एजेंसियों के निशाने पर हैं। महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के प्रमुख राज ठाकरे से ईडी मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में पूछताछ कर रही है। मनसे ने आरोप लगाया है कि राज ठाकरे पर ईडी की कार्रवाई राजनीतिक बदले की भावना से की गई है। एनसीपी प्रमुख शरद पवार का नाम भी सहकारी बैंक घोटाले में आया है।