महिलाओं को लेकर रामदेव ने दिया आपत्तिजनक बयान, विवाद

06:15 pm Nov 26, 2022 | सत्य ब्यूरो

योग गुरु रामदेव के महिलाओं को लेकर दिए गए एक बयान पर विवाद हो गया है। रामदेव ने महाराष्ट्र के ठाणे में एक कार्यक्रम के दौरान महिलाओं से कहा कि आप साड़ी पहन कर भी अच्छी लगती हैं, आप सलवार सूट पहनकर भी अमृता जी की तरह अच्छी लगती हैं और आप मेरी तरह कुछ ना पहनें तो भी अच्छी लगती हैं। अमृता जी से उनका मतलब महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की पत्नी अमृता फडणवीस से था। 

दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने रामदेव के बयान वाले इस वीडियो को ट्वीट करते हुए लिखा है कि यह टिप्पणी अमर्यादित और निंदनीय है। 

स्वाति मालीवाल ने कहा है कि इस बयान से सभी महिलाएं आहत हुई हैं इसलिए रामदेव को देश से माफी मांगनी चाहिए। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के पुत्र और सांसद श्रीकांत शिंदे भी इस दौरान मंच पर मौजूद थे। 

क्या है पूरा मामला?

रामदेव ठाणे में आयोजित योग शिविर में उपस्थित महिलाओं को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने कहा कि आप सब अच्छी लग रही हैं। सामने बैठी महिलाओं को साड़ी पहनने का मौका मिल गया, पीछे बैठी महिलाओं को साड़ी पहनने का मौका नहीं मिला, आप साड़ी अपने झोले में पैक करके लाई थीं और सुबह योग किया, उसके बाद इंडिया टीवी का कार्यक्रम शुरू हो गया, उसके बाद अब दोपहर का कार्यक्रम शुरू हो गया, अब घर जाकर पहन लेना कोई बात नहीं। 

इसके बाद उन्होंने वह टिप्पणी की जिसे लेकर विवाद हुआ है। रामदेव ने आगे कहा कि हम तो लोक लज्जा के लिए पहन लेते हैं, पहले बच्चों को कौन कपड़े पहनाता था, हम तो 8-10 साल तक ऐसे ही घूमते रहते थे। 

भारत सहित दुनिया भर में योग की शिक्षा देने वाले रामदेव ने इस तरह का बेहूदा बयान महिलाओं के लिए क्यों दिया है, इसे वही बता सकते हैं लेकिन मंच पर मौजूद उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की पत्नी अमृता फडणवीस ने उनका विरोध नहीं किया, यह निश्चित रूप से हैरान करने वाली बात है क्योंकि एक महिला होने के नाते अमृता फडणवीस को रामदेव के बयान का मंच पर ही पुरजोर विरोध करना चाहिए था। 

संजय राउत बोले- चुप क्यों है सरकार 

उद्धव ठाकरे गुट के नेता और राज्यसभा सांसद संजय राउत ने भी रामदेव के बयान को लेकर टिप्पणी की है और कहा है कि अमृता फडणवीस ने रामदेव के बयान का विरोध क्यों नहीं किया। 

संजय राउत ने पत्रकारों से बातचीत में कहा, जब राज्यपाल छत्रपति शिवाजी महाराज पर अपमानजनक टिप्पणी करते हैं, जब कर्नाटक के मुख्यमंत्री महाराष्ट्र के गांवों को कर्नाटक में शामिल करने को लेकर धमकाते हैं तब सरकार चुप रहती है और जब बीजेपी के प्रचारक रामदेव महिलाओं का अपमान कर रहे हैं, तब भी सरकार चुप रहती है। 

उन्होंने पूछा कि क्या महाराष्ट्र की एकनाथ शिंदे सरकार ने अपनी जुबान दिल्ली के पास गिरवी रख दी है। 

इस साल जून में महाराष्ट्र में सत्ता में आई बीजेपी-एकनाथ शिंदे सरकार का समर्थन रामदेव खुलकर करते रहे हैं। अगस्त महीने में रामदेव ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को शिव सेना के संस्थापक बालासाहेब ठाकरे का उत्तराधिकारी बता दिया था। उन्होंने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को सनातन हिंदुत्व का प्रतीक बताया था। शिवसेना का उद्धव गुट इससे भड़क गया था और उसने कहा था कि शिवसेना किसकी है इस बारे में बोलने का हक रामदेव को नहीं है। 

कोरोना महामारी के दौरान साल 2021 में रामदेव पर कोरोना के इलाज में इस्तेमाल की जाने वाली दवाओं के खिलाफ झूठी जानकारी फैलाने के आरोप को लेकर छत्तीसगढ़ में एफआईआर दर्ज की गई थी। 

केंद्र की यूपीए सरकार के दौरान रामदेव ने काले धन के बारे में बहुत आवाज उठाई थी लेकिन जैसे ही केंद्र में मोदी सरकार आई, रामदेव इस तरह के मुद्दों पर बोलने से बचते रहे। उन्होंने पेट्रोल-डीजल और सिलेंडर सस्ता होने की भी बात कही थी लेकिन अब इस बारे में सवाल पूछने पर वह भड़क जाते हैं।