महाराष्ट्र: विशेष सत्र में विधायकों को दिलाई गई शपथ, राज्यपाल से मिले ठाकरे

10:04 am Nov 27, 2019 | सत्य ब्यूरो - सत्य हिन्दी

महाराष्ट्र में बुधवार को बुलाये गये विधानसभा के विशेष सत्र में प्रो-टेम स्पीकर कालिदास कोलांबकर ने सभी विधायकों को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई। विशेष सत्र में भाग लेने के लिए शिवसेना, एनसीपी, कांग्रेस, बीजेपी और अन्य दलों के विधायक सुबह ही विधान भवन पहुंच गए। बुधवार सुबह ही शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से मुलाक़ात की। 

बीजेपी नेता और पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, एनसीपी के बाग़ी नेता अजीत पवार, शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के बेटे और वर्ली सीट से विधायक आदित्य ठाकरे सहित कई विधायक सत्र में भाग लेने के लिए विधानसभा पहुंचे। एनसीपी प्रमुख शरद पवार की बेटी सुप्रिया सुले ने सत्र शुरू होने से पहले सभी विधायकों का अभिवादन किया और वह अजीत पवार के गले भी मिलीं। 

इससे पहले शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस के नेताओं ने मंगलवार रात को राज्यपाल से मुलाक़ात कर सरकार बनाने का दावा पेश किया था। तीनों दलों के नेताओं ने विधायकों के समर्थन की चिट्ठी भी राज्यपाल को सौंप दी थी। उद्धव ठाकरे अब 28 नवंबर को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे जबकि पहले बताया गया था कि वह 1 दिसंबर को शपथ ले सकते हैं। 

महाराष्ट्र में मंगलवार को तेजी से बदले घटनाक्रम में मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और एनसीपी के बाग़ी नेता अजीत पवार ने उप मुख्यमंत्री पद से इस्तीफ़ा दे दिया था। इसके बाद प्रोटेम स्पीकर कालिदास कोलांबकर को राज्यपाल ने शपथ दिलाई थी। 

देवेंद्र फडणवीस ने प्रेस कॉन्फ़्रेंस में इस्तीफ़ा देने की घोषणा की थी और राजभवन जाकर राज्यपाल को इस्तीफ़ा सौंप दिया था। राज्यपाल ने 23 नवंबर को फडणवीस और पवार को शपथ दिलाई थी। इसके बाद शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस ने सुप्रीम कोर्ट का रुख  किया था और राज्यपाल के फ़ैसले को चुनौती दी थी। अदालत ने दो दिन तक सुनवाई के बाद बुधवार को फ़्लोर टेस्ट कराने का आदेश दिया था। लेकिन उससे पहले ही पवार और फडणवीस ने इस्तीफ़ा दे दिया। 

फ़्लोर टेस्ट से पहले ही देवेंद्र फडणवीस और अजीत पवार के इस्तीफ़ा देने को बीजेपी के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है। क्योंकि बीजेपी यह दावा कर रही थी कि उसके पास 170 विधायकों का समर्थन है। बीजेपी ने अजीत पवार के भरोसे ही महाराष्ट्र में सरकार बनाने का क़दम उठाया था और उसे उम्मीद थी कि अजीत पवार अपने साथ एनसीपी के कुछ विधायकों को तोड़कर लाएंगे। लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ। हालांकि पहले यह कहा गया कि अजीत पवार के पास 22 विधायक हैं लेकिन 24 घंटे के अंदर ही लगभग सभी विधायक एनसीपी में वापस चले गए।

162 से ज़्यादा विधायकों के समर्थन का दावा 

शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस ने सोमवार शाम को मुंबई में अपने विधायकों की मीडिया के सामने परेड कराई थी और दावा किया था कि उनके पास 162 से ज़्यादा विधायकों का समर्थन है। विधानसभा चुनाव में शिवसेना को 56, एनसीपी को 54 और कांग्रेस को 44 सीटों पर जीत मिली थी। विधानसभा में सरकार बनाने के लिए 145 विधायक होने चाहिए। इसके अलावा समाजवादी पार्टी के दो विधायकों के साथ-साथ कुछ निर्दलीय विधायकों का भी समर्थन इन दलों को हासिल है।