महाराष्ट्र में सरकार गठन को लेकर चल रहे सियासी गुणा-गणित के बीच कांग्रेस ने कहा है कि उसके और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के बीच सभी मुद्दों पर बातचीत पूरी हो चुकी है। दिल्ली में कांग्रेस-एनसीपी के नेताओं की बैठक के बाद राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण ने बृहस्पतिवार को कहा कि सभी मुद्दों पर पूरी सहमति बना ली गई है। चव्हाण ने कहा कि शुक्रवार को दोनों दल मुंबई में गठबंधन के अन्य सहयोगियों के साथ बैठक करेंगे और इसके बाद कल ही शिवसेना के साथ भी बातचीत करेंगे। शुक्रवार को ही महाराष्ट्र के विधान भवन में कांग्रेस विधायकों की बैठक होगी जिसमें विधायक दल के नेता का चुनाव किया जाएगा।
बुधवार को शिवसेना के प्रवक्ता संजय राउत ने स्पष्ट कर दिया था कि नवंबर ख़त्म होने से पहले ही राज्य में सरकार बन जाएगी। शिवसेना ने यह भी कहा था कि सरकार गठन की सभी प्रक्रियाएं आने वाले 5 से 6 दिन में पूरी हो जाएंगी। राउत ने कहा था कि सरकार गठन को लेकर पिछले 10-15 दिनों से जो भी बाधाएं थीं, वे अब ख़त्म हो गई हैं। कांग्रेस नेता पृथ्वीराज चव्हाण का बयान भी राउत के बयान से मेल खाता है।
संजय राउत इस बात को कहते रहे हैं कि शिवसेना के पास 170 विधायकों का समर्थन है। महाराष्ट्र की विधानसभा में 288 सीटें हैं और सरकार के गठन के लिए 145 विधायकों का समर्थन होना ज़रूरी है। विधानसभा चुनाव में शिवसेना को 56, एनसीपी को 54 और कांग्रेस को 44 सीटें मिली हैं, ऐसे में यह कुल आंकड़ा 154 सीटों का बैठता है। इसके अलावा शिवसेना के पास कुछ निर्दलीय विधायकों का भी समर्थन है। ऐसे में यह माना जा रहा है कि शिवसेना-कांग्रेस-एनसीपी को राज्य में सरकार बनाने में कोई मुश्किल पेश नहीं आएगी।
एनसीपी पहले भी कई बार कह चुकी है कि वह शिवसेना के साथ राज्य में सरकार बनाना चाहती है लेकिन कांग्रेस इस मसले पर कोई फ़ैसला लेने से हिचक रही थी। लेकिन चव्हाण और राउत के ताज़ा बयान के बाद यह साफ़ हो गया है कि अब सरकार के गठन में कोई मुश्किल पेश नहीं आएगी।
उद्धव ने विधायकों को मुंबई बुलाया
अब सबकी नज़रें राजभवन की तरफ टिक गई हैं कि वहाँ से इस साझा सरकार के दावे को क्या सहयोग मिलता है उधर, शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने पार्टी के सभी विधायकों को आदेश दिया है कि वे 5 दिन के लिए मुंबई आ जाएँ। शुक्रवार को उद्धव ठाकरे अपनी पार्टी के विधायकों की बैठक लेने वाले हैं। उन्होंने सभी विधायकों से कहा है कि वे अपने आधार कार्ड और पहचान पत्र के साथ मुंबई आएं। ठाकरे के इस दिशा-निर्देश के बाद यह अटकलें तेज हो गयी हैं कि सरकार बनने में अब देर नहीं है।