महाराष्ट्र के नवनियुक्त उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने सोमवार को राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के 40 विधायकों के समर्थन का दावा किया। पीटीआई के मुताबिक सूत्रों ने बताया कि उन्होंने राज्यपाल रमेश बैस को इन 40 विधायकों के नामों का उल्लेख करते हुए एक सूची सौंपी है। उन्होंने बताया कि पवार ने पार्टी के नाम और चुनाव चिह्न के लिए चुनाव आयोग (ईसी) से भी संपर्क किया है। एनसीपी के पास कुल मिलाकर 53 विधायक हैं।
इसके बाद, महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने कहा कि वह अजित पवार और पार्टी के आठ अन्य विधायकों को अयोग्य ठहराने की एनसीपी की याचिका पर उचित निर्णय लेंगे। उन्होंने कहा, "विपक्ष के नेता की मान्यता विधानसभा के प्रमुख द्वारा की जाती है और कोई भी निर्णय लेने से पहले सभी नियमों और विनियमों पर विचार किया जाएगा। मुझे अजीत पवार के समर्थन में विधायकों की संख्या के बारे में कोई जानकारी नहीं है।"
दावों में कितना दम
अजित पवार के साथ बाकी 8 विधायक जब कल रविवार को शपथ लेने जा रहे थे, तब महाराष्ट्र सरकार के एक मंत्री ने दावा किया था कि एनसीपी के 40 विधायकों का समर्थन अजित पवार के साथ है। एनसीपी के कुल 53 विधायक हैं। लेकिन 8 के अलावा बाकी विधायकों के नाम कोई नहीं जानता है। सूची भी सार्वजनिक नहीं हुई है। ऐसे में 40 विधायकों के दावों में कितना दम है, कोई नहीं जानता। अजित पवार ने भी आज जो सूची सौंपी है, उसमें 40 विधायकों के नाम की बात कही गई है लेकिन अजित पवार ने मीडिया के सामने उनकी परेड नहीं कराई है। उधर, एनसीपी और नेता विपक्ष जितेंद्र अव्हाण ने विधानसभा स्पीकर को याचिका दी है कि सभी 9 विधायकों को अयोग्य घोषित किया जाए। उस याचिका में बाकी 31 विधायकों का कोई जिक्र नहीं है। यानी एनसीपी को खुद यह स्पष्ट है कि सिर्फ 9 विधायक ही टूटे हैं।
चुनाव आयोग क्या मदद करेगाः इसी तरह के एक मामले को चुनाव आयोग ने जब संभाला था तो खासा विवाद हुआ था। महाराष्ट्र में जब शिवसेना पार्टी दो हिस्सों में बंट गई थी - एकनाथ शिंदे खेमा और उद्धव ठाकरे खेमा। चुनाव आयोग ने तब एकनाथ शिंदे गुट को पार्टी का नाम "शिवसेना" और पार्टी का प्रतीक "धनुष और तीर" आवंटित किया था। चुनाव आयोग ने अपने कदम को सही ठहराते हुए कहा था कि शिंदे का समर्थन करने वाले विधायकों को 2019 के महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों में 55 विजयी शिवसेना उम्मीदवारों के पक्ष में लगभग 76 प्रतिशत वोट मिले। सूत्रों का कहना है कि अजित पवार ने भी चुनाव आयोग से संपर्क साधा है और अलग नाम और चुनाव चिन्ह मांगा है। हालांकि अभी इस सूचना की पुष्टि किसी पक्ष ने नहीं की है।
एनसीपी की कार्रवाई
इस बीच एनसीपी अनुशासन समिति ने अजित पवार और आठ विधायकों के खिलाफ प्रस्ताव पारित किया है। इसके बाद एनसीपी ने महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर के समक्ष एक याचिका दायर की, जिसमें एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली सरकार में मंत्री पद की शपथ लेने वाले अजित पवार और आठ अन्य विधायकों को अयोग्य घोषित करने की मांग की गई है। सूत्रों के अनुसार, अजित पवार के सत्तारूढ़ गठबंधन में शामिल होने के बाद एनसीपी ने महाराष्ट्र विधानसभा में विधायक जितेंद्र अव्हाण को विपक्ष का नेता नियुक्त किया। जितेंद्र ने रविवार रात नार्वेकर के आवास पर जाकर 9 एनसीपी विधायकों को अयोग्य घोषित करने को लेकर याचिका दी।
शरद पवार गुट का क्या है दावाः इस बीच, शरद पवार के खेमे से जयंत पाटिल ने कहा कि उनके गुट के पास 44 विधायक हैं। उन्होंने कहा, "कल (रविवार) शपथ ग्रहण समारोह में शामिल हुए कई विधायकों ने शरद पवार से मुलाकात की है। हमने इन विधायकों को 5 जुलाई तक का समय दिया है।" पाटिल ने कहा, "मैंने आज सुबह स्पीकर से बात की और उनसे हमारे मामले पर गौर करने का अनुरोध किया। उन्होंने मुझे आश्वासन दिया कि वह जल्द से जल्द इस पर गौर करेंगे।"पार्टी के नाम और चुनाव चिन्ह तथा अजित पवार द्वारा एनसीपी के नाम और चुनाव चिन्ह पर चुनाव लड़ने के दावे के बारे में पूछे जाने पर पाटिल ने कहा, "पार्टी अध्यक्ष हमारे साथ हैं। कोई हमारी पार्टी के नाम और चुनाव चिन्ह पर दावा कैसे कर सकता है।"
यह घटनाक्रम अजित पवार के आठ अन्य विधायकों के साथ महाराष्ट्र में भाजपा-एकनाथ शिंदे गठबंधन में शामिल होने के एक दिन बाद आया है। अजित पवार ने रविवार को महाराष्ट्र के दूसरे उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। इसके कुछ ही घंटों बाद, एनसीपी ने एक आश्चर्यजनक और नाटकीय राजनीतिक कदम में महाराष्ट्र सरकार में शामिल हुए अजीत पवार सहित अपने नौ नेताओं के खिलाफ विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर के पास अयोग्यता याचिका दायर की।
उधर, एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार ने कहा कि पार्टी अदालत का दरवाजा नहीं खटखटाएगी, लेकिन "महाराष्ट्र सरकार में शामिल होने वालों के खिलाफ कार्रवाई करेगी।" यह कदम ऐसे समय में उठाया गया है जब कुछ ही दिन पहले अजित पवार ने सार्वजनिक रूप से महाराष्ट्र विधानसभा में विपक्ष के नेता के रूप में पद छोड़ने की इच्छा व्यक्त की थी। समाचार एजेंसी पीटीआई ने पहले बताया था कि अजीत को 40 एनसीपी विधायकों और 6 एनसीपी एमएलसी का समर्थन प्राप्त है। शपथ लेने वाले अन्य एनसीपी नेताओं में दिलीप वलसे पाटिल, छगन भुजबल, हसन मुश्रीफ, धर्मराव बाबा अत्राम, अदिति सुनील तटकरे, संजय बनसोडे, अनिल पाटिल और धनंजय मुंड शामिल हैं।