महाराष्ट्र की राजनीति में मंगलवार का दिन काफी उठापटक वाला रहा। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के ख़िलाफ़ दिए गए बयान के बाद गिरफ़्तार किये गए केंद्रीय मंत्री नारायण राणे को आखिरकार मंगलवार देर रात को जमानत मिल गई।
मंगलवार दोपहर को गिरफ़्तार किए गए नारायण राणे को रायगढ़ की महाड़ पुलिस ने रात को ही मजिस्ट्रेट कोर्ट में पेश किया जहां से उन्हें 15 हजार रुपये के निजी मुचलके पर जमानत पर रिहा कर दिया गया। इससे पहले पुलिस ने राणे को चिप्लूण से हिरासत में ले लिया था और रायगढ़ के महाड़ में अदालत में पेश किया।
दर्ज हुए थे मामले
राणे पर महाराष्ट्र के महाड़, पुणे और नासिक में मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के ख़िलाफ़ बयानबाजी करने के बाद भावनाओं को ठेस पहुंचाने का मामला दर्ज किया गया था। नारायण राणे को उनकी जन आशीर्वाद यात्रा के दौरान पुलिस ने रत्नागिरि जिले के गोलवली से हिरासत में लिया और पास के ही संगमेश्वर पुलिस स्टेशन लाया गया।
महाड़ पुलिस को सौंपा
इसके बाद पुलिस की एक टीम राणे को भारी पुलिस बल के साथ रायगढ़ के महाड़ पुलिस स्टेशन लेकर पहुंची। क्योंकि राणे के ख़िलाफ़ मामला महाड़ पुलिस स्टेशन में दर्ज हुआ था लेकिन राणे को रत्नागिरी पुलिस ने हिरासत में लिया था। लगभग शाम 4 बजे के आसपास रत्नागिरी पुलिस ने राणे को महाड़ पुलिस को सौंप दिया।
महाड़ पुलिस ने कागजी कार्रवाई करने के बाद नारायण राणे को मंगलवार रात करीब 10 बजे महाड़ की मजिस्ट्रेट कोर्ट में पेश किया। महाड़ पुलिस ने अदालत के सामने नारायण राणे की 7 दिन की पुलिस हिरासत की मांग की लेकिन जिन धाराओं में राणे के ख़िलाफ़ मामला दर्ज किया गया था और जो सबूत पुलिस ने अदालत के सामने पेश किए थे उनको नाकाफी मानते हुए अदालत ने राणे को न्यायिक हिरासत में भेज दिया।
राणे के वकीलों ने फौरन ही उसी मजिस्ट्रेट के सामने जमानत की याचिका दाखिल कर दी और अदालत ने राणे को 15 हजार के निजी मुचलके पर जमानत दे दी।
क्योंकि नारायण राणे को यह जमानत रायगढ़ के महाड़ पुलिस स्टेशन में दर्ज हुए मामले में मिली थी इसलिए उन पर नासिक और पुणे में दर्ज दूसरे मामलों में गिरफ़्तारी की तलवार लटकी हुई थी, लेकिन पुणे पुलिस और नासिक पुलिस ने साफ कर दिया कि अब वे नारायण राणे को इन दर्ज मामलों में गिरफ़्तार नहीं करेगी।
गिरफ़्तारी के कुछ घंटों के भीतर ही नारायण राणे को महाड़ मजिस्ट्रेट कोर्ट से जमानत मिलने के बाद राणे समर्थकों में खुशी की लहर दौड़ गयी। इससे पहले सोमवार को महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे को थप्पड़ मारने वाले बयान के चलते राणे के ख़िलाफ़ तीन अलग-अलग पुलिस स्टेशनों में मामले दर्ज हुए थे।
नासिक के पुलिस कमिश्नर ने मामला दर्ज होने के बाद ही फौरन गिरफ़्तारी के आदेश दे दिए थे। जिसके बाद नासिक की टीम नारायण राणे को गिरफ़्तार करने के लिए रत्नागिरी में उनकी जन आशीर्वाद यात्रा में पहुंच गई थी।
बीजेपी-शिव सेना में झड़प
बता दें कि मुंबई सहित महाराष्ट्र के कई शहरों में शिव सेना के कार्यकर्ताओं ने राणे के ख़िलाफ़ जबरदस्त प्रदर्शन किया था। मुंबई में राणे के जुहू स्थित घर के बाहर तो शिव सेना के कार्यकर्ता हजारों की संख्या में इकट्ठा हो गए थे। लेकिन वहां पहले से ही मौजूद बीजेपी के कार्यकर्ताओं से उनकी झड़प के बाद पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा जिसमें कई पुलिसवाले और दोनों ही पार्टियों के कार्यकर्ताओं को चोटें भी आई थी।
बीजेपी का रूख़
राणे की गिरफ़्तारी के बाद हालांकि बीजेपी राणे के बयान का समर्थन करती हुई नहीं दिखी। महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि वह नारायण राणे के बयान से इत्तेफाक नहीं रखते हैं लेकिन बीजेपी पूरी ताक़त के साथ राणे के साथ खड़ी हुई है। इसके अलावा बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने भी ट्वीट करते हुए कहा था कि वह शिव सेना की सरकार से डरने वाले नहीं हैं और राणे की गिरफ़्तारी संवैधानिक मूल्यों का हनन है।
जन आशीर्वाद यात्रा स्थगित
इससे पहले नारायण राणे ने उद्धव ठाकरे के ख़िलाफ़ दिए गए अपने बयान पर कायम रहते हुए कहा कि उन्होंने ऐसी कोई टिप्पणी नहीं की थी जिससे किसी को बुरा लगना चाहिए था। राणे ने कहा कि उन्होंने कोई अपराध नहीं किया है। गिरफ़्तारी से पहले राणे जन आशीर्वाद यात्रा निकाल रहे थे जहां से पुलिस ने उन्हें गिरफ़्तार किया था। फिलहाल राणे ने दो दिन के लिए अपनी जन आशीर्वाद यात्रा को स्थगित कर दिया है।