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महाराष्ट्र 48 सीटेंः NDA में तो बात बनी, इंडिया-MVA में 9 मार्च को फैसला

महाराष्ट्र 48 सीटेंः NDA में तो बात बनी, इंडिया-MVA में 9 मार्च को फैसला

महाराष्ट्र में सियासी गहमागहमी के बीच केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने जहां भाजपा, शिवसेना शिंदे और एनसीपी अजीत पवार गुट के बीच सीटों का बंटवारा शांतिपूर्वक करा दिया है, वहीं इंडिया गठबंधन से जुड़े महाविकास अघाड़ी में भी बुधवार को बैठक हुई। वहां से सकारात्मक संकेत की बात कही गई है। पृथ्वीराज चव्हाण ने कहा कि जब एमवीए में सब तय हो जाएगा तो कांग्रेस उनसे बात करके सीटों को फाइनल कर देगी।

महाराष्ट्र में भाजपा और शिवसेना शिंदे गुट के बीच चल रही बयानबाजी पर विराम लग गया है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने वहां मंगलवार शाम से डेरा जमा रखा था। बुधवार को राज्य में एनडीए के घटक दलों यानी भाजपा, शिवसेना शिंदे और एनसीपी अजीत पवार के बीच समझौता हो गया। हालांकि अभी इसकी औपचारिक घोषणा बाकी है। दूसरी तरफ इंडिया गठबंधन से जुड़े महाविकास अघाड़ी (एमवीए) दलों यानी कांग्रेस, शिवसेना उद्धव, एनसीपी शरद पवार और प्रकाश अंबेडकर की वंचित अघाड़ी के बीच भी बैठक हुई। जिसके पॉजिटिव संकेत मिल रहे हैं। यूपी, बिहार के बाद महाराष्ट्र में लोकसभा की सबसे ज्यादा 48 सीटें हैं। 

भाजपा कितनी सीटों पर?

भाजपा के बारे में मुंबई से खबर है कि वो 29 से लेकर 32 लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ सकती है। हालांकि ज्यादातर मीडिया सूत्रों ने भाजपा के खाते में 32 सीटें बताई हैं। लेकिन रिपब्लिक भारत का कहना है कि शिवसेना शिंदे गुट के कड़े रुख की वजह से भाजपा को 29 सीटें मिली हैं।

शिवसेना शिंदे और एनसीपी अजीत पवार गुट के नेता जब अधिक सीटों को लेकर बयान देने लगे तो अमित शाह मंगलवार शाम को मुंबई पहुंचे। वहां उन्होंने गठबंधन सहयोगियों के नेताओं के साथ देर रात तक बैठक की। बुधवार फिर सुबह बैठक हुई। इस बैठक के बाद मीडिया में सीट शेयरिंग को लेकर खबरें आने लगीं। हालांकि इस बयानबाजी से पहले डिप्टी सीएम और प्रमुख भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस ने बयान दिया था कि भाजपा 26 सीटों पर लड़ेगी। 2019 का चुनाव भाजपा ने अविभाजित शिवसेना के साथ मिलकर 41 सीटों पर लड़ा था, जिसमें भाजपा को 23 और उद्धव के नेतृत्व वाली शिवसेना को 18 सीटें मिली थीं। उद्धव अब शिवसेना यूबीटी के साथ एमवीए में हैं। 

एनडीए के बाकी दलों को कितनी सीटें

महाराष्ट्र में भाजपा के सहयोगी दलों में शिवसेना शिंदे गुट 10 से 12 सीटों पर चुनाव लड़ सकता है। हालांकि कुछ सीटों पर अभी भी गतिरोध से इनकार नहीं किया जा सकता। इसीलिए औपचारिक घोषणा अभी रोक ली गई है। इसी तरह एनसीपी अजीत पवार को 6 से 8 सीटें देने की बात भाजपा की ओर कही गई है। इनमें ज्यादातर सीटें शहरी इलाकों की हैं। इसलिए भाजपा की ओर से स्थिति बहुत साफ नहीं की गई है। क्योंकि एनसीपी महाराष्ट्र के ग्रामीण इलाकों पर पकड़ रखने वाली पार्टी मानी जाती है। लेकिन अजीत पवार को जो पार्टी मिली है, उसके नेताओं की पकड़ शहरों में ज्यादा है। उधर भाजपा भी शहरी पकड़ वाली पार्टी है। कुल मिलाकर औपचारिक घोषणा तक यह नहीं कहा जा सकता कि अजीत पवार के हिस्से में कितनी सीटें आएंगी।

एमवीए की बैठकः महाविकास अघाड़ी (एमवीए) के घटक दलों कांग्रेस, शिवसेना यूबीटी (उद्धव), एनसीपी शरद पवार और वंचित अघाड़ी ने मुंबई के एक होटल में बुधवार को अपनी बैठक सीट शेयरिंग को लेकर की। इस बैठक के बाद कोई औपचारिक घोषणा नहीं की गई। अलबत्ता यह बताया गया कि एमवीए की अगली बैठक 9 मार्च को होगी। इस आगामी बैठक में सीट शेयरिंग को फाइनल कर दिया जाएगा। एमवीए सीट बंटवारे पर महाराष्ट्र के पूर्व सीएम पृथ्वीराज चव्हाण ने कहा- ''कौन सी पार्टी कहां से कितनी सीटों पर चुनाव लड़ेगी, प्रकाश अंबेडकर की पार्टी को कितनी सीटें मिलेंगी, यह सब हमारी समन्वय समिति तय करेगी। जब समय सही होगा, सीटें बांटी जाएंगी और उम्मीदवारों की घोषणा की जाएगी...।"

सूत्रों ने बताया कि एमवीए दल 20-18-10 के फॉर्मूले पर अपनी बातचीत आगे बढ़ा सकता हैं। जिसमें से उद्धव ठाकरे की पार्टी 20 सीटों पर, कांग्रेस 18 सीटों पर और शरद पवार की पार्टी 10 सीटों पर चुनाव लड़ सकती है। उद्धव अपने हिस्से की सीटों में से दो सीटें प्रकाश अंबेडकर की वंचित अघाड़ी को दे सकती है। जिन प्रकाश अघाड़ी को मीडिया का एक हिस्सा पहले नाराज बता रहा था, उन्होंने बुधवार को बैठक के बाद कहा कि एमवीए दलों की बातचीत बहुत पॉजिटिव रही। जल्द ही घोषणा की जाएगी।

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