महाराष्ट्र में आज बड़ा राजनीतिक इवेंट होने जा रहा है। आज बुधवार 5 जुलाई को पता चल जाएगा कि एनसीपी के कितने विधायक शरद पवार के साथ और कितने विधायक अजित पवार के साथ है। शरद पवार और उनके भतीजे अजित पवार के नेतृत्व वाला एनसीपी गुट आज 5 जुलाई को मुंबई में अलग-अलग बैठकें कर रहा है। दोनों ने अपने-अपने गुटों के लिए दो मुख्य सचेतक नियुक्त किए हैं। दोनों तरफ से विधायकों को नोटिस जारी करके बैठक में आने को कहा गया है।
शरद पवार गुट ने दोपहर 1 बजे दक्षिण मुंबई के वाईबी चव्हाण केंद्र में विधायकों की बैठक बुलाई है, जबकि अजित पवार समूह सुबह 11 बजे उपनगरीय बांद्रा में मुंबई एजुकेशन ट्रस्ट (एमईटी) परिसर में जमा होगा।
शरद पवार गुट के मुख्य सचेतक के रूप में जितेंद्र अव्हाड़ ने राज्य भर के पार्टी विधायकों, सांसदों और पदाधिकारियों को बैठक में भाग लेने के लिए कहा है। दूसरी तरफ अजित पवार ने अनिल पाटिल को अपने गुट के लिए मुख्य सचेतक नामित किया है, जिन्होंने बैठक का एजेंडा और नोटिस जारी किया है।
अजित पवार ने अपने साथ 40 विधायक होने का दावा किया है। उन्होंने राज्यपाल को विधायकों के नामों की सूची भी दी है लेकिन उन विधायकों की मीडिया परेड नहीं कराई है। इसलिए साफ नहीं है कि किस तरफ कितने विधायक हैं। इन्हीं दावों के बीच दोनों बैठकों में समर्थन करने वाले विधायकों की वास्तविक संख्या पर रोशनी पड़ने की उम्मीद है।
हाल ही में शिवसेना-बीजेपी कैबिनेट में उपमुख्यमंत्री पद की शपथ लेने वाले अजीत पवार ने दावा किया है कि एनसीपी के सभी 53 विधायक उनका समर्थन करते हैं। जबकि शरद पवार खेमे ने कहा है कि अजित पवार को सिर्फ 13 विधायकों का समर्थन प्राप्त है।
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288 सदस्यीय महाराष्ट्र विधानसभा में एनसीपी के 53 विधायक हैं। अजित पवार को दलबदल विरोधी कानून से बचने के लिए कम से कम 36 विधायकों के समर्थन की जरूरत है।
अजित पवार खेमे का तर्क है कि 36 विधायकों ने समर्थन पत्र पर हस्ताक्षर किए हैं, जबकि गठबंधन सहयोगी भाजपा का दावा है कि 40 से अधिक विधायक अजित पवार के समर्थन में हैं। दूसरी ओर, शरद पवार गुट का कहना है कि सरकार में शामिल हुए नौ विधायकों के अलावा बाकी विधायक शरद पवार के प्रति वफादार हैं।
शरद पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी ने पहले ही अजित पवार और मंत्री पद की शपथ लेने वाले आठ विधायकों के खिलाफ अयोग्यता याचिका दायर कर दी है। जवाबी कार्रवाई में, अजित पवार खेमे ने शरद पवार द्वारा विपक्ष के नेता के रूप में नामित जयंत पाटिल और जितेंद्र अव्हाड़ को अयोग्य ठहराने की मांग की है।