महाराष्ट्र की राजनीति में मंत्री चंद्रकांत पाटिल को लेकर भूचाल आ गया है। राज्य में पाटिल के खिलाफ प्रदर्शन हो रहे हैं। उनका इस्तीफा मांगा जा रहा है। शनिवार को उन पर चिंचवाड़ में स्याही फेंकी गई। रविवार को डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस उनके बचाव में उतर पड़े। सरकार ने उन 7 पुलिस वालों को निलंबित कर दिया जो मंत्री की सुरक्षा में तैनात थे, इसके बावजूद आरोपी स्याही फेंकने में कामयाब रहे।
पैठण में सोमवार को मंत्री चंद्रकांत पाटिल ने विवादास्पद बयान देते हुए कहा था कि बाबा साहब आंबेडकर, फुले आदि को स्कूल खोलने के लिए भीख मांगनी पड़ी थी। पाटिल के इस बयान का चौतरफा विरोध हो रहा है।
चिंचवाड़ में शनिवार शाम को करीब छह बजे जब पाटिल मोरया गोसावी संजीवन समाधि समारोह का उद्घाटन करने आए तो उन पर स्याही फेंकी गई। पुलिस ने फौरन चार लोगों को गिरफ्तार कर लिया। रविवार को चारों पर हत्या के प्रयास का केस दर्ज किया गया। हालांकि उन्होंने मंत्री पर सिर्फ स्याही ही फेंकी थी।
चंद्रकांत पाटिल के विवादित भाषण के कारण शहर में पहले से ही तनाव था। संभाजी ब्रिगेड ने चेतावनी दी थी कि पाटिल को शहर में पैर रखने की अनुमति नहीं दी जाएगी। इस वजह से वहां भारी पुलिस बल तैनात किया गया था।
शाम करीब पांच बजे पाटिल मंदिर परिसर में आए। उद्घाटन समारोह में जाने से पहले बीजेपी कार्यकर्ता मोरेश्वर शेंगगे के घर चाय पीने के लिए रुके। शाम करीब छह बजे घर से निकलने के बाद किसी अज्ञात लोगों ने मंत्री पर स्याही फेंक दी। इससे भारी हंगामा हुआ। पाटिल को फिर से शेंगगे के घर ले जाया गया।
राज्य के डिप्टी सीएम फडणवीस ने रविवार को पाटिल के बचाव की कोशिश की। उन्होंने कहा कि मंत्री पाटिल के बयान को गलत समझा गया। उनका कहने का आशय था कि स्कूल के लिए धन जुटाने में बाबा साहब को काफी मेहनत करना पड़ी थी।
इस बीच, शिवसेना उद्धव बाला साहेब ठाकरे पार्टी के कार्यकर्ताओं ने बाबा साहब आंबेडकर के बारे में आपत्तिजनक बयान देने के लिए चिंचवाड़ में एक मंदिर के सामने विरोध प्रदर्शन किया और उन्होंने चंद्रकांत पाटिल के विरोध में नारे लगाए। पाटिल के इस्तीफे की मांग की गई।
राज्य में कई अन्य स्थानों पर भी मंत्री के खिलाफ प्रदर्शन हो रहे हैं। हालांकि मंत्री ने भी अपनी सफाई पेश कर दी है लेकिन विरोध रुका नहीं। इस घटना से राज्य के बीजेपी नेता भी परेशान हैं। दरअसल, सोशल मीडिया पर भी मंत्री चंद्रकांत पाटिल के खिलाफ आलोचना के स्वर मुखर हो गए हैं।