क्या एनसीबी के ज़ोनल डायरेक्टर समीर वानखेड़े की जल्द ही गिरफ़्तारी होने वाली है? यह सवाल इसलिए कि समीर वानखेड़े ने कोर्ट से गिरफ़्तारी से सुरक्षा मांगी है तो महाराष्ट्र सरकार ने कहा है कि बिना पूर्व नोटिस के वह गिरफ़्तार नहीं करेगी।
महाराष्ट्र सरकार ने गुरुवार को बॉम्बे हाई कोर्ट को बताया कि वह समीर वानखेड़े को उनके ख़िलाफ़ लगाए गए जबरन वसूली और भ्रष्टाचार के आरोपों के संबंध में गिरफ़्तारी से तीन कार्य दिवस पहले जानकारी देगी। अदालत वानखेड़े की याचिका पर सुनवाई कर रही थी। वानखेड़े ने अपने सहित एनसीबी अधिकारियों के ख़िलाफ़ कथित जबरन वसूली की शिकायतों की मुंबई पुलिस की जांच सीबीआई को हस्तांतरित करने की मांग करते हुए बंबई उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है।
वानखेड़े ने अपनी याचिका में गिरफ्तारी से भी अंतरिम सुरक्षा की मांग करते हुए उच्च न्यायालय से यह निर्देश देने की भी अपील की थी कि उनके ख़िलाफ़ जबरन वसूली या भ्रष्टाचार के लिए दायर या प्रस्तावित सभी प्राथमिकी की जाँच एनआईए या सीबीआई द्वारा की जाए, न कि महाराष्ट्र सरकार द्वारा।
इस मामले में न्यायमूर्ति नितिन एम जामदार और न्यायमूर्ति सारंग वी कोतवाल की खंडपीठ ने कहा कि लोक अभियोजक द्वारा दिया गया यह बयान इस याचिका के लिए पर्याप्त होगा और उसका निपटारा कर दिया। उच्च न्यायालय ने कहा, 'यह बताने की ज़रूरत नहीं है कि हमने मामले के गुण-दोष पर टिप्पणी नहीं की है।'
समीर वानखेड़े के ख़िलाफ़ आरोपों की जाँच नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो यानी एनसीबी भी कर रही है। उसने अपने विजिलेंस सेक्शन की पाँच सदस्यीय टीम को इसकी जाँच की ज़िम्मेदारी सौंपी है। इसने इस मामले में पूछताछ भी की है। क्रूज ड्रग्स मामले, आर्यन ख़ान व दूसरे मामलों में समीर वानखेड़े के ख़िलाफ़ लगे आरोपों के बाद यह जाँच की जा रही है।
एजेंसी ने इस मामले में गवाह के रूप में नामित एक व्यक्ति द्वारा समीर वानखेड़े के ख़िलाफ़ लगाए गए रिश्वत के आरोपों की सतर्कता जांच का आदेश दिया था। इसके बाद भी वानखेड़े के ख़िलाफ़ कई और आरोप लगाए जा चुके हैं।
बहरहाल, कोर्ट में वानखेड़े की तरफ़ से उनके वकील ने कहा, 'मेरे ख़िलाफ़ एक सतर्कता जांच का आदेश दिया गया है और राज्य अपने कर्तव्य से परे जा रहा है, जबकि मैं मामले की जांच कर रहा एक केंद्र सरकार का अधिकारी हूँ। मैं एनसीबी का सहयोग करूँगा, लेकिन अब राज्य ने एसआईटी का गठन कर दिया है। मुझ पर राज्य द्वारा व्यक्तिगत रूप से हमला किया गया है और मुझे आशंका है कि वे मुझे किसी भी दिन गिरफ्तार कर लेंगे और इसलिए, अंतरिम सुरक्षा की आवश्यकता है।'
हाई-प्रोफाइल क्रूज ड्रग्स मामले में शाहरूख ख़ान के बेटे आर्यन ख़ान की गिरफ़्तारी के बाद समीर वानखेड़े पर जबरन वसूली के आरोपों से एक राजनीतिक तूफान खड़ा हो गया है।
महाराष्ट्र के मंत्री नवाब मलिक ने इसी हफ़्ते ही एनसीबी के एक अज्ञात अधिकारी के पत्र के हवाले से आरोप लगाया था कि समीर वानखेड़े और उनकी टीम ने करोड़ों रुपये की वसूली की है। मलिक ने 4 पेज की चिट्ठी जारी करते हुए आरोप लगाया है और पिछले एक साल में एनसीबी के 26 ऐसे केसों का खुलासा किया है जिनमें समीर वानखेड़े ने अपने अधिकारियों के साथ मिलकर कथित तौर पर वसूली की थी। बॉलीवुड के कलाकारों से भी वसूली की गई, इस बात का भी ज़िक्र इस चिट्ठी में किया गया है।
इस चिट्ठी के बारे में नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो के डिप्टी डीजी मुथा अशोक जैन ने कहा था कि एनसीबी वानखेड़े और अन्य अधिकारियों पर लगे आरोपों की जाँच करेगी।
समीर वानखेड़े को महाराष्ट्र के मंत्री नवाब मलिक के कई आरोपों का भी सामना करना पड़ रहा है। इसमें जाली दस्तावेजों के माध्यम से अनुसूचित जातियों के कोटा को हड़पने से लेकर जबरन वसूली और अवैध फोन टैपिंग तक के आरोप शामिल हैं।
इससे पहले आर्यन ख़ान मामले में एनसीबी के एक गवाह ने चौंकाने वाले खुलासे किए थे और समीर वानखेड़े पर कई आरोप लगाए थे।
गवाह और खुद को केवी गोसावी का बॉडीगार्ड बताने वाले प्रभाकर सेल ने दावा किया था कि उसने '18 करोड़ के सौदे' की बात सुनी थी जिसमें से '8 करोड़ रुपये समीर वानखेड़े को दिए जाने' की बात कही जा रही थी। हालाँकि इन आरोपों को एनसीबी के अधिकारी समीर वानखेड़े ने खारिज किया है और कहा है कि वह इसका मुंहतोड़ जवाब देंगे। केपी गोसावी उर्फ किरन गोसावी वही शख्स है जो ख़ुद को प्राइवेट डिटेक्टिव बताता है और जो एनसीबी की हिरासत में आर्यन ख़ान के साथ सेल्फी को लेकर चर्चा में आया था। बाद में जब उस गोसावी के बारे में पता चला कि उसके ख़िलाफ़ पहले से ही कई मुक़दमे चल रहे हैं तो वह ग़ायब हो गया था। आज ही उसकी गिरफ़्तारी हुई है।