राहुल ने निकाय चुनाव अकेले लड़ने के लिए दी हरी झंडी: पटोले

03:11 pm Jul 21, 2021 | सत्य ब्यूरो - सत्य हिन्दी

महाराष्ट्र की महा विकास आघाडी सरकार में शामिल कांग्रेस राज्य के अंदर स्थानीय निकाय के चुनाव अकेले दम पर लड़ेगी। प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष नाना पटोले ने कहा है कि पार्टी के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने राज्य में अकेले चुनाव लड़ने के लिए हरी झंडी दे दी है। पटोले ने कुछ दिन पहले ही दिल्ली आकर राहुल गांधी से मुलाक़ात की थी। इस मुलाक़ात में पार्टी के महासचिव (संगठन) केसी वेणुगोपाल और प्रदेश प्रभारी एचके पाटिल भी मौजूद थे। 

राहुल से मुलाक़ात के बाद पटोले ने सारे चुनाव लड़ने की बजाय स्थानीय निकाय चुनाव की ही बात की है। जबकि कुछ दिन पहले उनके इस बयान ने शोर मचा दिया था कि कांग्रेस महाराष्ट्र में स्थानीय निकाय से लेकर विधानसभा और लोकसभा के चुनाव भी अकेले लड़ेगी। 

पटोले ने मंगलवार को कहा कि लोकसभा और विधानसभा के चुनाव अभी दूर हैं लेकिन हम आने वाले स्थानीय निकाय चुनाव को अकेले दम पर लड़ेंगे। 

पटोले ने कुछ दिन पहले यह कहकर तूफ़ान खड़ा कर दिया था कि उद्धव ठाकरे सरकार उनकी जासूसी कर रही है। उन्होंने कहा था कि मुख्यमंत्री ठाकरे और उप मुख्यमंत्री अजित पवार उन पर नज़र रख रहे हैं और वे उनके हर क़दम के बारे में जानकारी लेते हैं। 

शरद पवार की नाराज़गी 

पटोले के अकेले चुनाव लड़ने वाले बयान को लेकर एनसीपी के प्रमुख शरद पवार नाराज़ हो गए थे और इसके बाद प्रदेश प्रभारी पाटिल, कैबिनेट मंत्री बाला साहेब थोराट और अशोक चव्हाण पवार के आवास पर पहुंचे थे और उन्होंने उन्हें मनाने की कोशिश की थी। पवार ने पूछा था कि क्या कांग्रेस हाईकमान ने पटोले को इस तरह के फ़ैसले लेने का हक़ दिया है। 

पवार ने नाना पटोले को छोटा नेता बताया था। पवार ने कहा था कि हर पार्टी को अपना आधार बढ़ाने का अधिकार है, लेकिन इस बात का भी ध्यान रखा जाना चाहिए कि सरकार में तीनों पार्टियां एक साथ हैं। इसके बाद पवार ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से मुलाक़ात की थी। 

पटोले ने जबसे महाराष्ट्र कांग्रेस की कमान संभाली है तभी से वह अपनी बयानबाज़ी के कारण चर्चा में रहे हैं।

बीएमसी के चुनाव 

अगले साल की शुरुआत में बृहन्मुंबई महा नगरपालिका (बीएमसी) के भी चुनाव होने हैं। ऐसे में कांग्रेस के अकेले चुनाव लड़ने के फ़ैसले से शिव सेना और एनसीपी नाराज़ हो सकते हैं और महा विकास आघाडी में टूट हो सकती है। लेकिन अगर कोई टूट होती है तो हमें मुख्यमंत्री और शिव सेना प्रमुख उद्धव ठाकरे का वह बयान याद रखना चाहिए जिसमें उन्होंने कहा था कि सरकार में शामिल किसी दल ने अगर अकेले चुनाव लड़ा तो जनता चप्पलों से पीटेगी। 

मुंबई कांग्रेस के अध्यक्ष अशोक जगताप भी कह चुके हैं कि कांग्रेस को बीएमसी का चुनाव अपने दम पर लड़ना चाहिए। जबकि मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे यह साफ कर चुके हैं कि महा विकास अघाडी सरकार में शामिल तीनों दल सभी स्थानीय निकाय चुनावों में मिलकर ताल ठोकेंगे और बीजेपी को हराएंगे। 

ऐसे में अगर कांग्रेस अकेले लड़ेगी तो गठबंधन के लिए ख़तरा पैदा हो जाएगा। 

विधान परिषद चुनाव में जीत

देखा जाए तो ठाकरे की बात सही भी है क्योंकि बीते साल हुए विधान परिषद (एमएलसी) के चुनावों में महा विकास अघाडी ने बीजेपी को चित कर दिया था। 6 सीटों के लिए हुए चुनाव में बीजेपी को सिर्फ़ 1 सीट पर जीत मिली थी। इससे उद्धव ठाकरे सरकार ने संदेश दिया था कि महा विकास अघाडी का गठबंधन अटूट है और तीनों दल मिलकर चुनाव लड़ें तो महाराष्ट्र में बीजेपी को हराना आसान काम है।