मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह की मुश्किलें बढ़ती ही जा रही हैं। ठाणे पुलिस ने परमबीर सिंह के ख़िलाफ़ वसूली के एक मामले में लुकआउट नोटिस जारी कर दिया है। ठाणे पुलिस का कहना है कि पिछले कुछ दिनों से परमबीर सिंह से कोई संपर्क नहीं हो पा रहा है जिसकी वजह से उनके ख़िलाफ़ लुकआउट नोटिस जारी किया गया है।
पुलिस का कहना है कि ठाणे में 30 जुलाई को कारोबारी केतन तन्ना की शिकायत पर परमबीर सिंह और 27 अन्य आरोपियों के ख़िलाफ़ दर्ज किए गए मामले में ये लुकआउट नोटिस जारी किया गया है।
कारोबारी ने दर्ज कराया था केस
बता दें कि परमबीर सिंह और कुछ अन्य पुलिस अधिकारियों के ख़िलाफ़ केतन तन्ना ने ठाणे में वसूली का मामला दर्ज कराया था। अपनी शिकायत में कारोबारी केतन तन्ना ने आरोप लगाया था कि परमबीर सिंह जब जनवरी 2018 से फरवरी 2019 के बीच ठाणे के पुलिस कमिश्नर थे तो सिंह और उनके साथियों ने उन्हें गंभीर मामलों में फंसाने की धमकी देकर उनसे 1 करोड़ 25 लाख रुपये वसूले थे।
पीड़ित केतन तन्ना ने ठाणे पुलिस कमिश्नर को एक पत्र लिखकर कहा था कि आरोपियों ने उसे गैंगस्टर रवि पुजारी से धमकी दिलाई थी। इसलिए आरोपी परमबीर सिंह, गैंगस्टर रवि पुजारी और ठाणे एंटी एक्सटॉर्शन सेल के तत्कालीन वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक प्रदीप शर्मा के ख़िलाफ़ दर्ज मौजूदा मामले में मकोका लगाने की मांग की थी।
कुछ दिनों पहले ही परमबीर सिंह समेत 28 लोगों के ख़िलाफ़ एफ़आईआर दर्ज की गई थी। एफ़आईआर में पूर्व एनकाउंटर स्पेशलिस्ट प्रदीप शर्मा, डीसीपी दीपक देवराज और इंस्पेक्टर राजकुमार कोथमिरे को भी आरोपी बनाया गया था। यह एफ़आईआर जबरन वसूली और दूसरी गंभीर धाराओं के तहत दर्ज की गई थी।
बिजनेसमैन केतन तन्ना ने आरोप लगाया था कि जब परमबीर सिंह जनवरी 2018 से फरवरी 2019 के बीच ठाणे के पुलिस कमिश्नर थे, तब उससे एक करोड़ 25 लाख रुपये की वसूली की गई थी।
तन्ना ने अपने आरोप में कहा था कि उसे प्रदीप शर्मा ने परमबीर सिंह के आदेश पर ठाणे के एंटी एक्सटॉर्शन सेल में बुलाया था और उसे झूठे मामलों में फंसाने की धमकी दी थी। जिसके बाद वह डर गया था और वसूली की रकम- एक करोड़ 25 लाख रुपये आरोपियों को दिए थे।
पिछले महीने भी दर्ज हुआ केस
परमबीर सिंह और अन्य लोगों के ख़िलाफ़ ठाणे में दर्ज किया गया ये दूसरा मामला है। पिछले महीने भी परमबीर सिंह के ख़िलाफ़ ठाणे के कोपरी पुलिस स्टेशन में एक बिल्डर के रिश्तेदार शरद अग्रवाल से कथित तौर पर पैसे वसूलने और फिरौती के लिए उसका अपहरण करने का मामला दर्ज किया गया था।
शिकायत में अग्रवाल ने कहा था कि उसे अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम के दाहिने हाथ छोटा शकील से फोन करा कर धमकी भी दी गई थी।
बता दें कि तीन महीने पहले सचिन वाज़े केस के बाद परमबीर सिंह को मुंबई पुलिस कमिश्नर के पद से हटा दिया गया था। उसके बाद परमबीर ने महाराष्ट्र के तत्कालीन गृह मंत्री अनिल देशमुख पर 100 करोड़ रुपये की वसूली के आरोप लगाकर सनसनी फैला दी थी जिसके बाद अनिल देशमुख को अपनी कुर्सी से हाथ धोना पड़ गया था।