शिवाजी पर कोश्यारी का बयान: फडणवीस-बावनकुले के सुर अलग-अलग

10:18 am Nov 22, 2022 | सोमदत्त शर्मा

महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी छत्रपति शिवाजी महाराज के बारे में दिए गए बयान के बाद अलग-थलग पड़ गए हैं। विपक्षी दल कोश्यारी के इस बयान का जबरदस्त विरोध कर रहे हैं। वहीं बीजेपी में कोश्यारी के बयान को लेकर अभी भी असमंजस बना हुआ है। महाराष्ट्र बीजेपी अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले का कहना है कि कोश्यारी को छत्रपति शिवाजी महाराज की तुलना किसी राजनेता से नहीं करनी चाहिए थी जबकि उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कोश्यारी के बयान को लेकर कहा था कि राज्यपाल के बयान का गलत मतलब निकाला गया। 

यानी कि बीजेपी में ही कोश्यारी के बयान पर अलग-अलग सुर दिखाई दे रहे हैं।

महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी हमेशा विवादित बयानों के लिए जाने जाते रहे हैं। कोश्यारी इस बार मराठा योद्धा छत्रपति शिवाजी महाराज पर बयान देकर बुरे फंस गए हैं। इस बयान के बाद महाराष्ट्र की राजनीति में उबाल देखने को मिल रहा है। 

कांग्रेस, शिवसेना का उद्धव गुट और एनसीपी राज्यपाल के इस बयान का लगातार विरोध कर रहे हैं और इन पार्टियों द्वारा राज्यपाल के खिलाफ पूरे राज्य में विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है।

कोश्यारी के बयान पर विपक्षी दल जहां विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं वहीं बीजेपी अब राज्यपाल का बचाव नहीं कर पा रही है। महाराष्ट्र बीजेपी अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले से जब राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी के बयान के बारे में सवाल पूछा गया तो बावनकुले का कहना है कि राज्यपाल को एनसीपी प्रमुख शरद पवार और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी की तुलना छत्रपति शिवाजी महाराज से नहीं करनी चाहिए थी। बावनकुले का कहना है कि महाराष्ट्र की जनता शिवाजी महाराज को देवता के रूप में पूजती है। इसलिए किसी भी व्यक्ति को छत्रपति शिवाजी महाराज के ऊपर बयानबाजी से बचना चाहिए। 

चंद्रशेखर बावनकुले ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि विपक्ष राज्यपाल को निशाना बनाने के लिए बहाना ढूंढ रहा है जबकि उनके द्वारा पिछले ढाई साल में किए गए कामों को नजरअंदाज किया जा रहा है। लेकिन फिर भी मैं मानता हूं कि राज्यपाल को छत्रपति शिवाजी महाराज की तुलना किसी राजनेता से नहीं करनी चाहिए थी। 

बता दें कि राज्यपाल के बयान पर जब महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा था कि कोश्यारी के बयान को तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया था जबकि उनकी यह कहने की मंशा नहीं थी। लेकिन महाराष्ट्र बीजेपी अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले द्वारा किया गया विरोध यह दर्शाता है कि बीजेपी में राज्यपाल के बयान को लेकर दो फाड़ है। यही कारण है कि बीजेपी के दो बड़े नेताओं के बयानों में विरोधाभास देखने को मिल रहा है।

जबसे राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने शिवाजी महाराज पर बयान दिया है तभी से विपक्ष कोश्यारी के ऊपर हमलावर है। शिवसेना उद्धव गुट के विधायक आदित्य ठाकरे ने भी भगत सिंह कोश्यारी पर हमला बोला है। आदित्य ठाकरे ने कोश्यारी से इस्तीफा देने की मांग की है। 

आदित्य का कहना है कि अगर कोई व्यक्ति महाराष्ट्र के देवता छत्रपति शिवाजी महाराज का अपमान करता है तो फिर उसे राज्य के सबसे बड़े पद पर रहने का कोई अधिकार नहीं है। इसलिए तत्काल प्रभाव से राज्यपाल को इस्तीफा दे देना चाहिए।

कांग्रेस और एनसीपी हमलावर 

वहीं, कांग्रेस और एनसीपी भी कोश्यारी पर हमलावर हैं। महाराष्ट्र कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले का कहना है कि जब से भगत सिंह कोश्यारी ने महाराष्ट्र के राज्यपाल के रूप में पद संभाला है तभी से वह महाराष्ट्र का अपमान करते आ रहे हैं, इसलिए महाराष्ट्र की जनता शिवाजी महाराज का अब और अपमान सहना नहीं चाहती है। पटोले का कहना है कि अगर केंद्र सरकार भगत सिंह कोश्यारी को महाराष्ट्र के राज्यपाल पद से नहीं हटाती है तो पूरे महाराष्ट्र में जन आंदोलन किया जाएगा। वहीं एनसीपी ने भी भगत सिंह कोश्यारी पर हमला बोला है। 

एनसीपी प्रवक्ता महेश तपासे का कहना है कि राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी बीजेपी द्वारा बनाए गए राज्यपाल हैं इसलिए कोश्यारी के बयान को बीजेपी का बयान ही माना जाना चाहिए। तपासे का कहना है कि हमारी पार्टी पूरे महाराष्ट्र में राज्यपाल के खिलाफ आंदोलन कर रही है और जब तक राज्यपाल अपने पद से इस्तीफा नहीं दे देते हैं तब तक यह आंदोलन जारी रहेगा। 

क्या कहा था कोश्यारी ने?

दरअसल, राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने छत्रपति शिवाजी महाराज को पुराने युग का आदर्श बताया था। कोश्यारी ने नितिन गडकरी और शरद पवार को नए युग का आदर्श बताया था जबकि शिवाजी महाराज पुराने युग के आदर्श हो गए हैं, इस तरह का बयान दिया था। हालांकि इस बयान के बाद नितिन गडकरी का बयान भी सामने आया है जिसमें उन्होंने अपनी तुलना छत्रपति शिवाजी महाराज से किए जाने को दुर्भाग्यपूर्ण बताया है। 

गडकरी का कहना है कि महाराष्ट्र में रहने वाला कोई भी व्यक्ति यह सोच भी नहीं सकता कि उसकी तुलना छत्रपति शिवाजी महाराज से की जाए। क्योंकि महाराष्ट्र की जनता छत्रपति शिवाजी महाराज को अपना देवता मानती है।

ऐसा पहला मौका नहीं है कि जब राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी विवादों में आए हों। इससे पहले भी कोश्यारी ने गुजराती और राजस्थानी लोगों के ऊपर बयान देकर मुसीबत मोल ले ली थी। जिसके बाद उन्हें बैकफुट पर आना पड़ा था और महाराष्ट्र की जनता से माफी मांगनी पड़ी थी।