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शिवसेना के नाम और चुनाव चिन्ह पर एकनाथ शिंदे गुट का हक: चुनाव आयोग

शिवसेना के नाम और चुनाव चिन्ह पर एकनाथ शिंदे गुट का हक: चुनाव आयोग

चुनाव आयोग ने शिवसेना पार्टी के नाम और पार्टी के चुनाव चिन्ह धनुष बाण पर फैसला सुनाते हुए कहा है कि तमाम साक्ष्यों और सबूतों के आधार पर यह तय होता है कि शिवसेना के असली मालिकाना हक महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के पास है।

केंद्रीय चुनाव आयोग से उद्धव ठाकरे गुट को बहुत बड़ा झटका लगा है। चुनाव आयोग ने शिवसेना पार्टी का नाम और चुनाव चिन्ह धनुष बाण महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे गुट की शिवसेना को दे दिया है। चुनाव आयोग के इस फैसले के बाद शिंदे गुट की शिवसेना ने जश्न मनाना शुरू कर दिया है। चुनाव आयोग के इस फैसले पर उद्धव ठाकरे शिवसेना गुट की प्रतिक्रिया भी सामने आई है। शिवसेना प्रवक्ता और लोकसभा सांसद अरविंद सावंत का कहना है कि हम पहले इस फैसले के ऑर्डर की कॉपी का इंतजार कर रहे हैं उसके बाद ही इस पर कोई दूसरा विचार होगा।

महाराष्ट्र में शिवसेना पार्टी को लेकर चल रही खींचतान के बीच अब चुनाव आयोग ने महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे को बहुत बड़ा झटका दिया है। चुनाव आयोग ने शिवसेना पार्टी के नाम और पार्टी के चुनाव चिन्ह धनुष बाण पर फैसला सुनाते हुए कहा है कि तमाम साक्ष्यों और सबूतों के आधार पर यह तय होता है कि शिवसेना के असली मालिकाना हक महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के पास है। चुनाव आयोग के सूत्रों का कहना है कि एकनाथ शिंदे गुट ने हमारे पास शिवसेना से जुड़े हुए साक्ष्य मजबूती के साथ पेश किए थे लिहाजा शिवसेना पर मालिकाना हक एकनाथ शिंदे का है।

चुनाव आयोग द्वारा आए फैसले के बाद सत्य हिंदी से एक्सक्लूसिव बातचीत में उद्धव ठाकरे के सांसद और प्रवक्ता अरविंद सावंत का बयान सामने आया है। अरविंद सावंत का कहना है कि फिलहाल उनकी पार्टी चुनाव आयोग के इस फैसले का अवलोकन कर रही है और इस फैसले पर कानूनी राय भी ले रही है। अभी हम चुनाव आयोग के फैसले की कॉपी का इंतजार कर रहे हैं और इस पर फैसला कानूनी विचार विमर्श के बाद ही लिया जाएगा।

अरविंद सावंत का कहना है कि फिलहाल उनकी पार्टी चुनाव आयोग के इस फैसले का अवलोकन कर रही है और इस फैसले पर कानूनी राय भी ले रही है।

बता दें कि करीब 6 महीने पहले जब महाराष्ट्र में शिवसेना में दो फाड़ हुई थी तो एकनाथ शिंदे गुट ने शिवसेना तोड़कर बीजेपी के साथ मिलकर सरकार बना ली थी। इसी को लेकर एकनाथ शिंदे गुट की शिवसेना और उद्धव ठाकरे गुट की शिवसेना ने चुनाव आयोग सहित सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। दोनों ही गुटों ने चुनाव आयोग और सुप्रीम कोर्ट में अपने पक्ष को मजबूती के साथ पेश किया था।

पार्टी पर कब्जे को लेकर एकनाथ शिंदे गुट की शिवसेना और उद्धव ठाकरे गुट की शिवसेना ने चुनाव आयोग सहित सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।

चुनाव आयोग द्वारा एकनाथ शिंदे गुट को पार्टी का नाम और चुनाव चिन्ह मिलने पर शिंदे गुट के प्रवक्ता कृष्णा हेगड़े का कहना है कि यह हमारी बहुत बड़ी जीत है। हम पिछले काफी समय से यह कहते आए हैं कि एकनाथ शिंदे गुट के पास 40 से ज्यादा विधायकों का समर्थन है जबकि दो तिहाई से ज्यादा सांसद भी उनके साथ जुड़े हैं। लिहाजा उद्धव ठाकरे गुट के पास में अब शिवसेना का जन समर्थन नहीं बचा है लिहाजा उनको शिवसेना पार्टी का मालिकाना हक दे दिया जाए।

उद्धव गुट ने सुप्रीम कोर्ट में शिवसेना के मालिकाना हक को लेकर याचिका भी दायर की थी और बहुत जल्द इस पर फैसला लेने के लिए कहा था लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इस बात का फैसला चुनाव आयोग पर ही छोड़ दिया था कि शिवसेना के मालिकाना हक को लेकर सिर्फ चुनाव आयोग भी फैसला ले सकता है। अब चुनाव आयोग ने शिवसेना के मालिकाना हक को लेकर एकनाथ शिंदे गुट को बहुत बड़ी राहत दी है।

कुछ दिनों पहले चुनाव आयोग ने महाराष्ट्र में चल रहे लोकल बॉडी के चुनावों को देखते हुए दोनों ही गुटों को पार्टी के अलग-अलग नाम और अलग-अलग चुनाव चिन्ह दे दिए थे। जिस पर दोनों ही गुटों ने महाराष्ट्र में लोकल बॉडी के चुनावों में शिरकत की थी और चुनाव लड़ा था।

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