मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में भाजपा और शिवसेना के कुल 18 विधायकों ने आज मुंबई में एक भव्य समारोह में मंत्रियों के रूप में शपथ ली। यह बहुप्रतीक्षित कैबिनेट विस्तार शिंदे के नेतृत्व वाले शिवसेना गुट द्वारा उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली सरकार को गिराने के 40 दिनों के बाद हुआ। शपथ लेने वालों में से शिंदे के शिवसेना खेमे और बीजेपी के 9-9 विधायक शामिल हैं।
महाराष्ट्र में नई सरकार ने 30 जून को शपथ ली थी और माना जा रहा था कि अगले कुछ दिनों के अंदर कैबिनेट का विस्तार होगा। लेकिन कई बार यह विस्तार टल गया था। 30 जून को एकनाथ शिंदे ने मुख्यमंत्री जबकि देवेंद्र फडणवीस ने उप मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी।
मुख्यमंत्री शिंदे ने मंगलवार सुबह समारोह से पहले अपने खेमे के विधायकों से मुलाक़ात की। उन्हें शिवसेना के 55 में से 40 विधायकों का समर्थन प्राप्त है।
कैबिनेट बर्थ पाने वाले बीजेपी विधायकों में चंद्रकांत पाटिल, सुधीर मुनगंटीवार, गिरीश महाजन, सुरेश खाड़े, राधाकृष्ण विखे पाटिल, रवींद्र चव्हाण, मंगल प्रभात लोढ़ा, विजयकुमार गावित और अतुल सावे शामिल हैं।
सेना खेमे से दादा भुसे, संदीपन भुमरे, उदय सामंत, तानाजी सावंत, अब्दुल सत्तार, दीपक केसरकर, गुलाबराव पाटिल, संजय राठौड़ और शंभूराजे देसाई ने शपथ ली।
चंद्रकांत पाटिल भाजपा की राज्य इकाई के प्रमुख और कोथरुड से विधायक हैं। वह इससे पहले देवेंद्र फडणवीस सरकार में राजस्व मंत्री रह चुके हैं। सुधीर मुनगंटीवार राज्य में पार्टी के प्रमुख नेताओं में से हैं और उन्होंने पिछली भाजपा नीत सरकार में वित्त मंत्री के रूप में कार्य किया है। 2019 में कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में आए विखे पाटिल को भी जगह दी गई है।
एकनाथ शिंदे खेमे से कैबिनेट में प्रवेश करने वालों में एकनाथ शिंदे के सहयोगी दादा भुसे हैं, जो पहले शिवसेना, राकांपा और कांग्रेस की महा विकास अघाड़ी सरकार में कृषि मंत्री के रूप में काम कर चुके हैं। उदय सामंत रत्नागिरी से विधायक हैं और राकांपा के पूर्व नेता हैं।
शपथ लेने के बाद मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कई बार दिल्ली का दौरा किया था। यहां उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह, बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा सहित बीजेपी के तमाम बड़े नेताओं से मुलाकात की थी।
महाराष्ट्र की कैबिनेट में मुख्यमंत्री सहित कुल 43 मंत्री बनाए जा सकते हैं। एकनाथ शिंदे के साथ आए विधायकों में 8 पूर्व मंत्री हैं। इनमें से 4 विधायक महा विकास आघाडी सरकार में कैबिनेट मंत्री थे जबकि चार विधायक राज्य मंत्री। एकनाथ शिंदे-बीजेपी की सरकार में बीजेपी के पास 106 विधायक हैं जबकि शिंदे गुट के पास 50। ऐसे में निश्चित रूप से बीजेपी अपने ज्यादा से ज्यादा नेताओं को मंत्रिमंडल में एडजस्ट करवाना चाहती है।
लेकिन अभी कैबिनेट में कई पद खाली हैं, ऐसे में आने वाले दिनों में कुछ और विधायकों को मंत्री बनने का मौका मिलेगा।
शिवसेना में हुई बगावत के बाद एकनाथ शिंदे के साथ आए पूर्व मंत्रियों के साथ ही विधायकों की भी राजनीतिक महत्वाकांक्षा है और वे मंत्री पद चाहते हैं। दादा भुसे, उदय सामंत, अब्दुल सत्तार, शंबुराज देसाई जैसे बड़े नेता ठाकरे सरकार में मंत्री रहे थे और वे कैबिनेट में पद चाहते हैं।
कैबिनेट विस्तार के बाद विभागों के बंटवारे को लेकर भी रार देखने को मिल सकती है क्योंकि गृह, वित्त, पीडब्ल्यूडी, राजस्व जैसे बड़े विभागों को बीजेपी और शिंदे गुट दोनों ही लेना चाहेंगे।