केंद्रीय जाँच ब्यूरो ने महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख के 12 ठिकानों पर छापे मारे हैं। कथित भ्रष्टाचार के मामले में मुंबई, पुणे, नासिक, सांगली और अहमदनगर में ये छापे मारे गए हैं।
देशमुख के ठिकानों पर छापे उस समय मारे गए हैं जब तीन दिन बाद ही सुप्रीम कोर्ट में देशमुख पर लगे भ्रष्टाचार के मामलों पर सुनवाई होनी है। देशमुख ने अपने ऊपर लगे आरोपों की निष्पक्ष व स्वतंत्र जाँच की माँग करते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है।
सीबीआई ने एएसपी संजय सिंह और डीएसपी राजू भुजबल समेत कई पुलिस अफ़सरों के घरों पर भी छापे मारे हैं। ये पुलिस अधिकारी देशमुख के नज़दीक समझे जाते हैं।
सीबीआई अनिल देशमुख पर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों के अलावा ग़ैरक़ानूनी तबादलों के आरोपों की भी छानबीन कर रही है।
गंभीर आरोप
याद दिला दें कि मुंबई पुलिस के पूर्व कमिश्नर परमबीर सिंह ने कुछ महीने पहले महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को एक पत्र लिखा था। इस पत्र में उन्होंने अनिल देशमुख पर गंभीर आरोप लगाए थे।
परमबीर सिंह ने कहा था कि देशमुख ने मुंबई पुलिस के पूर्व अफ़सर सचिन वाजे को हर महीने बार और रेस्तरां से 100 करोड़ रुपये की उगाही करने के लिए कहा था। हालांकि देशमुख ने कहा था कि उन्होंने कुछ भी ग़लत नहीं किया है, लेकिन उन्हें इस्तीफ़ा देना पड़ा था।
परमबीर सिंह, पूर्व पुलिस कमिश्नर, मुंबई
गिरफ़्तारी पर रोक नहीं
इसके पहले गुरुवार को बॉम्बे हाई कोर्ट ने देशमुख के ख़िलाफ़ दर्ज की गई एफ़आईआर को रद्द करने से इनकार कर दिया है।
देशमुख के ख़िलाफ़ यह एफ़आईआर जांच एजेंसी सीबीआई ने भष्ट्राचार के आरोप में दर्ज की थी।
जस्टिस एसएस शिंदे और जस्टिस एन. जे. जमादार ने कहा था कि देशमुख की ओर से दायर याचिका रद्द करने लायक है। इस याचिका में पूर्व गृह मंत्री ने एफ़आईआर को रद्द करने की मांग की थी।
बंबई हाई कोर्ट
ईडी को पता लगा था कि अनिल देशमुख को मुंबई के 10 बार के मालिकों ने 4 करोड़ रुपये दिए और यह रकम तीन महीने तक दी गई।
ईडी ने देशमुख के निजी सहायक कुंदन शिंदे और निची सचिव संजीव पालांडे के घरों की भी तलाशी ली थी और कुछ दिन बाद इन दोनों को गिरफ़्तार कर लिया था।