भीमा कोरेगाँव प्रकरण को केंद्र को सौंपे जाने की चर्चाओं के बीच महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने बड़ा बयान दिया है। ठाकरे ने कहा है कि महाराष्ट्र सरकार भीमा-कोरेगाँव मामले की जांच केंद्र सरकार को नहीं सौंपेगी। उन्होंने कहा कि केंद्र ने एल्गार परिषद मामले की जांच अपने हाथ में ली है न कि भीमा-कोरेगाँव मामले की।
कुछ दिन पहले यह ख़बर आई थी कि मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने भीमा कोरेगाँव मामले की जांच एनआईए को सौंपने की मंजूरी दे दी है। जबकि उद्धव सरकार के गृहमंत्री अनिल देशमुख ने इस मामले की एनआईए द्वारा जांच के केंद्र के निर्णय को अदालत में चुनौती देने की बात कही थी। तब यह कहा गया था कि राज्य सरकार को क़ानूनविदों द्वारा सलाह दी गयी है कि इस मामले को देश की सुरक्षा से जोड़कर केंद्र सरकार ने यह जांच अपने पास ले ली है लिहाजा इसे अदालत में चुनौती देना ठीक नहीं होगा क्योंकि वहां राज्य सरकार हार जाएगी। इससे राज्य सरकार की बदनामी होगी और इसी आधार पर उद्धव ठाकरे ने भीमा कोरेगाँव मामले की जांच एनआईए को सौंपने की मंजूरी दे दी। तब एनसीपी प्रमुख शरद पवार के इसे लेकर नाराज़गी की बात भी सामने आई थी। लेकिन अब उद्धव ठाकरे के बयान के बाद स्थिति साफ़ हो गई है।
शरद पवार ने उठाये थे सवाल
एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने भीमा कोरेगाँव मामले पर सवाल उठाये थे। पवार ने कहा था कि पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इस मामले में दख़ल देकर पुलिस अधिकारियों की मदद से सामाजिक और मानवाधिकार के लिए संघर्ष करने वाले लोगों को निशाना बनाया और उनके ख़िलाफ़ मामले दर्ज किये। पवार ने यह भी कहा था कि इन आरोपियों के ख़िलाफ़ जो सबूत दिए गए वे भी आधे-अधूरे हैं और उन्हें ‘अर्बन नक्सल’ कहकर सरकार ने कुछ और ही कहानी गढ़वायी है जिसका सच सामने आना चाहिए। पवार ने इस संबंध में मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को एक पत्र भी लिखा था।