महाराष्ट्र: 40 हज़ार करोड़ का खेल? बीजेपी नेताओं पर भारी पड़ रहा है वॉट्सएप ज्ञान?

06:24 pm Dec 02, 2019 | संजय राय - सत्य हिन्दी

क्या बीजेपी के नेता और मंत्री अब सोशल मीडिया या वॉट्सएप ग्रुपों में चलने वाली अफवाहों के चंगुल में फंस गए हैं? पूर्व केंद्रीय मंत्री और बीजेपी सांसद अनंत हेगड़े के बयान को देखकर तो कुछ ऐसा ही लगता है। हेगड़े ने एक बार फिर अजीबोग़रीब बयान देकर बीजेपी की फजीहत करा दी है। हेगड़े ने दावा किया है कि देवेंद्र फडणवीस 40 हज़ार करोड़ बचाने के लिए महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री बने थे।  फडणवीस को 80 घंटे में ही महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री की कुर्सी छोड़नी पड़ी थी। 

हेगड़े के इस बयान के तुरंत बाद फडणवीस ने ऐसी ख़बरों को झूठा करार दिया और उनके बयान पर नाराज़गी भी जताई। हेगड़े ने शायद सोशल मीडिया पर चल रही ख़बरों को पढ़कर यह बयान दे डाला और अपनी ही पार्टी के लिए मुसीबत खड़ी कर दी। हेगड़े ने कहा, ‘हमें मालूम था कि हमारे पास बहुमत नहीं है, लेकिन फिर भी फडणवीस मुख्यमंत्री बन गए क्योंकि सीएम के पास केंद्र के 40 हजार करोड़ रुपये थे। शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी सत्ता में आने के बाद उस फ़ंड का दुरुपयोग करते, इसलिए फडणवीस ने सीएम बनकर 15 घंटे के अंदर वह फ़ंड केंद्र को लौटा दिया।’

हेगड़े के इस बयान के बाद तुरंत महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस सामने आए और उन्होंने गुस्सा जाहिर करते हुए कहा, ‘यह पूरी तरह से ग़लत है, ऐसी कोई भी घटना नहीं हुई है, बुलेट ट्रेन केंद्र सरकार की कंपनी के तहत तैयार हो रही है। इसलिए महाराष्ट्र सरकार का पैसे देने का कोई सवाल ही नहीं है। न ही केंद्र सरकार ने कोई पैसा माँगा और न ही महाराष्ट्र सरकार ने कोई पैसा दिया है। यह बयान बिल्कुल ग़लत है।’ 

फडणवीस ने कहा, ‘मैं ऐसी ग़लत बयानबाज़ी को सिरे से नकारता हूं। कोई अगर ग़लत बयानबाज़ी करता है, तो उसके ऊपर भी एक्शन लेना चाहिए।’ अब बीजेपी का केंद्रीय नेतृत्व फडणवीस की इस माँग को स्वीकारता है या नहीं, यह तो वक्त ही बताएगा। लेकिन बीजेपी नेताओं की इस प्रकार की उट-पटांग बयानबाज़ी आम होती जा रही है। 

दरअसल, हेगड़े ने जो कहा वह ‘वॉट्सएप यूनिवर्सिटी’ का एक अध्याय है, जो उस दिन मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के इस्तीफ़ा देने के कुछ घंटों बाद ही वॉट्सएप समूहों में पढ़ाया जाने लगा था।

‘वॉट्सएप यूनिवर्सिटी’ का यह कमाल ही ऐसा है कि बीजेपी कार्यकर्ता और नेता हर हाल में अपने को श्रेष्ठ साबित करने और हर क़दम को अपने नेता का मास्टर स्ट्रोक बताने में जुटे रहते हैं। वे फडणवीस के शपथ ग्रहण को जितना बड़ा मास्टर स्ट्रोक बताने में जुटे थे, उनके इस्तीफ़े के कुछ ही घंटे बाद नई कहानी के साथ और एक बड़ा मास्टर स्ट्रोक बताने लगे। हेगड़े इसी का शिकार हो गए।

जो बयान हेगड़े ने दिया वह इसी ‘वॉट्सएप यूनिवर्सिटी’ के एक अध्याय का हिस्सा है। इस अध्याय में यह बताया गया है कि बीजेपी आलाकमान ने किस तरह फडणवीस को रातों-रात इसी काम के लिए मुख्यमंत्री बनाया था। बीजेपी सांसद का यह बयान शिवसेना को लगे हाथ एक अवसर दे गया। 

शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा कि यदि ऐसा है तो यह महाराष्ट्र के साथ गद्दारी है। पिछले कुछ दिनों से विवादों में घिरे फडणवीस इस बयान से एक और विवाद में पड़ गए। उल्लेखनीय है कि  देवेंद्र फडणवीस ने 23 नवंबर की सुबह अचानक सीएम पद की शपथ ले ली थी। उनके साथ डिप्टी सीएम बने थे एनसीपी के अजीत पवार। जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फ़ैसला सुनाते हुए बीजेपी को 27 नवंबर की शाम 5 बजे तक फ़्लोर टेस्ट का आदेश दिया था लेकिन उससे पहले ही फडणवीस ने पद से इस्तीफ़ा दे दिया। फडणवीस ने कहा कि उनके पास बहुमत नहीं है, इसलिए वह इस्तीफ़ा दे रहे हैं। 

विवादित बयान दे चुके हैं हेगड़े

इसी घटनाक्रम को हेगड़े अपनी पार्टी हाई कमान का मास्टर स्ट्रोक और फडणवीस द्वारा कांग्रेस-एनसीपी-शिवसेना से केंद्र सरकार के फ़ंड को बचाने का खेल बता रहे हैं। वैसे, हेगड़े अपने विवादित बयानों के लिए पहले से ही चर्चित हैं। लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान भी हेगड़े ने एक जनसभा को संबोधित करते हुए कई भड़काऊ बयान दिये थे। एक रैली में उन्होंने कहा कि अगर कोई हाथ हिंदू लड़की को छूता है तो वह हाथ बचना नहीं चाहिए। इसके अलावा संविधान और केरल के सबरीमला मंदिर को लेकर भी उन्होंने बयानबाज़ी की थी। जिसके बाद चारों तरफ़ उनकी आलोचना हुई थी।