अजित पवार की एनसीपी ने बुधवार को 38 उम्मीदवारों की पहली सूची जारी कर दी है। इसमें खास बात यह है कि पार्टी ने उन मौजूदा विधायकों को टिकट दिया है जो शरद पवार को छोड़कर अजित के साथ वाले खेमे में आ गए थे। यानी टिकट वितरण से अब यह संकेत मिलता है कि जिन कुछ विधायकों के पाला बदलकर शरद पवार वाली पार्टी में जाने के कयास लगाए जा रहे थे, वे ग़लत साबित हुए।
अजित पवार के खेमे द्वारा जारी इस सूची के अनुसार अजित पवार बारामती से चुनाव लड़ेंगे, जबकि छगन भुजबल येवला सीट से अपनी किस्मत आजमाएँगे। दिलीप वलसे पाटील को आंबेगाव से उतारा गया है। हसन मुश्रीफ को कागल, धनंजय मुंडे को परली, आदिती तटकरे को श्रीवर्धन से टिकट दिया गया है। एनसीपी द्वारा जारी इस सूची में नवाब मलिक का नाम नहीं है।
माना जा रहा है कि नवाब मलिक को इस विधानसभा चुनाव में टिकट नहीं मिल सकता है। उनकी जगह पर उनकी बेटी को टिकट मिल सकता है। ऐसा इसलिए कि नवाब मलिक के नाम पर बीजेपी आपत्ति जताती रही है। ऐसा माना जा रहा है कि अजित पवार की पार्टी ने बीजेपी की इस मांग को मान लिया है।
बीजेपी नेता मांग कर रहे हैं कि मलिक को गैंगस्टर दाऊद इब्राहिम के साथ कथित संबंधों के कारण बाहर रखा जाए। भाजपा मुंबई इकाई के प्रमुख आशीष शेलार ने हाल ही में तो यहाँ तक घोषणा कर दी थी कि अगर एनसीपी मलिक को मैदान में उतारती है तो पार्टी उनके लिए प्रचार नहीं करेगी।
माना जा रहा है कि भाजपा नेताओं की मांग को मानते हुए एनसीपी की सूची में पूर्व मंत्री नवाब मलिक का नाम शामिल नहीं किया गया। द इंडियन एक्सप्रेस ने सूत्रों के हवाले से रिपोर्ट दी है कि मलिक की बेटी सना मलिक-शेख को अब उनकी जगह अणुशक्तिनगर से टिकट मिल सकता है। इसी सीट से उन्होंने 2019 के विधानसभा चुनाव में जीत दर्ज की थी।
एनसीपी की सूची से गायब दूसरा प्रमुख नाम जीशान सिद्दीकी का है। वह बाबा सिद्दीकी के बेटे हैं। उन्होंने कांग्रेस उम्मीदवार के रूप में बांद्रा पूर्व से 2019 का विधानसभा चुनाव जीता था। माना जा रहा था कि जीशान अपने पिता बाबा सिद्दीकी की तरह एनसीपी में चले जाएंगे।
लेकिन महायुति सरकार के कार्यकाल में हुई बाबा सिद्दीकी की हत्या के बाद कथित तौर पर जीशान को उनके समर्थकों द्वारा कांग्रेस के साथ बने रहने का आग्रह किया जा रहा है। माना जा रहा है कि इसी वजह से एनसीपी की सूची में जीशान का नाम नहीं है।
एनसीपी की पहली सूची से गायब अन्य प्रमुख नाम मौजूदा विधायक सुनील टिंगरे (पुणे में वडगाँव-शेरी सीट) और बालासाहेब अजबे (बीड में आष्टी सीट) हैं। अंग्रेज़ी अख़बार की रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि दोनों निर्वाचन क्षेत्र महायुति गठबंधन के भीतर भाजपा के हिस्से में आने वाले हैं।
एनसीपी के हिस्से आई अमरावती से सुलभा खोडके को उम्मीदवार बनाया गया है। उन्होंने 2019 में इस सीट को जीता था। खोडके उस समय कांग्रेस में थीं, लेकिन बुधवार को एनसीपी में शामिल हो गईं। एनसीपी को परभणी जिले की पाथरी सीट भी मिली है, जिसे पिछली बार कांग्रेस ने जीता था। टिकट एनसीपी एमएलसी राजेश विटेकर की मां निर्मला को मिला है।
इस सूची से यह भी संकेत मिलता है कि लोकसभा चुनाव में अपनी पार्टी की 1 सीट की जीत के बाद से बैकफुट पर नजर आ रहे अजित पवार भाजपा के साथ कड़ी सौदेबाजी करने में कामयाब रहे।