+
महाराष्ट्रः अमित शाह के बयान का क्या अर्थ है- '2029 में भाजपा अपने दम पर आएगी'

महाराष्ट्रः अमित शाह के बयान का क्या अर्थ है- '2029 में भाजपा अपने दम पर आएगी'

अमित शाह ने मुंबई में भाजपा कार्यकर्ताओं की बैठक में दो खास बातें कहीं। उन्होंने कहा महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में महायुति की सरकार आ रही है। इसके बाद उन्होंने कहा कि 2029 यानी अगले विधानसभा चुनाव में भाजपा अपने अकेले दम पर महाराष्ट्र में सरकार बनायेगी। इन बातों का क्या है मतलब, जानिए पूरी राजनीतिः

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को दावा किया कि एनडीए के नेतृत्व वाला महायुति गठबंधन 2024 में आगामी महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों में जीत हासिल करेगा। मुंबई में भाजपा कार्यकर्ताओं से बात करते हुए, शाह ने यह भी भविष्यवाणी की कि भाजपा 2029 के विधानसभा चुनावों में अपने दम पर जीत हासिल करेगी।

अपने संबोधन के दौरान, शाह ने चुनाव जीतने पर महाराष्ट्र में समान नागरिक संहिता लागू करने के लिए पार्टी की प्रतिबद्धता पर जोर दिया। उन्होंने मुंबई को एक महत्वपूर्ण युद्धक्षेत्र कहा। केंद्रीय गृहमंत्री ने कहा भाजपा का लक्ष्य प्रतिद्वंद्वी दलों, विशेष रूप से शिवसेना (यूबीटी) को "सबक सिखाना" है। शाह ने कहा कि पार्टी मुंबई और कोंकण क्षेत्र में 50 प्रतिशत से अधिक सीटें सुरक्षित करने का लक्ष्य बना रही है।

अमित शाह के इस बयान का अर्थ है कि महाराष्ट्र विधानसभा के होने वाले मौजूदा चुनाव तक ही महायुति गठबंधन रहेगा। अगले चुनाव में महायुति गठबंधन नहीं होगा और अगर हुआ भी तो उसमें भाजपा नहीं होगी। यहां सवाल यह उठ रहा है कि अमित शाह क्या ज्योतिषी हैं जो वो 2029 की भविष्यवाणी कर रहे हैं। क्या 2024 में महायुति के जीतने और सरकार बनने की स्थिति में भाजपा ऐसे हालात पैदा कर देगी कि 2029 में वो अकेले दम पर सत्ता में आ सके। ज्योतिषी अमित शाह के पास क्या कोई प्लान है, जिसे वो महाराष्ट्र चुनाव में लागू करने वाले हैं। उन्होंने समान नागरिक संहिता (यूसीसी) लागू करने की भाजपा की प्रतिबद्धता दोहराई। यानी महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव भी साम्प्रदायिक एजेंडे पर लड़ने की तैयारी है। कुल मिलाकर अमित शाह के बयान ने महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव को देश में सबसे महत्वपूर्ण चुनाव बना दिया है।

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के लिए अमित शाह ने कार्यकर्ताओं को जो चुनावी रणनीति बनाई है। उसके मुताबिक मतदान प्रतिशत बढ़ाने के लिए उन्होंने मतदान केंद्रों पर रणनीतिक फोकस की रूपरेखा तैयार की और स्थानीय नेताओं को हर बूथ पर दस कार्यकर्ताओं को नियुक्त करने का निर्देश दिया। उन्होंने इन कार्यकर्ताओं से 12 अक्टूबर को दशहरा से लेकर प्रचार अवधि समाप्त होने तक सक्रिय रहने का आग्रह किया।

शाह ने चुनाव से पहले मुंबई, ठाणे और कोंकण संभागों में भाजपा की तैयारियों की समीक्षा की। उन्होंने पार्टी सदस्यों को चुनाव से पहले किसी भी आंतरिक मतभेद को हल करने के लिए कहा। हालांकि महाराष्ट्र भाजपा संगठन के अंदर नेताओं में असहमति आम बात है। उन्होंने कहा, "अगर किसी विधायक या सांसद को लेकर निराशा है तो एक सौहार्दपूर्ण समाधान खोजा जाना चाहिए ताकि मतदाता पार्टी के साथ बने रहें।"

बैठक में उपमुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष चन्द्रशेखर बावनकुले और भाजपा की मुंबई इकाई के प्रमुख आशीष शेलार भी शामिल हुए। हालांकि चंद्रशेखर बावनकुले प्रदेश अध्यक्ष हैं लेकिन महाराष्ट्र भाजपा को फडणवीस ही नियंत्रित कर रहे हैं। लोकसभा चुनाव में महाराष्ट्र में भाजपा की मिट्टीपलीत होने के बाद भी फडणवीस को महत्व दिये जाने से प्रदेश ईकाई का एक धड़ा नाराज बताया जा रहा है।अमित शाह के बयान से भी यह बात सामने आई कि चुनाव से पहले ही सभी गुट आपसी मतभेद सुलझा लें।    

सत्य हिंदी ऐप डाउनलोड करें