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उद्धव ठाकरे की बागियों को चिट्ठीः चले भी आओ, तुम्हारा इंतजार है

उद्धव ठाकरे की बागियों को चिट्ठीः चले भी आओ, तुम्हारा इंतजार है

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने गुवाहाटी में ठहरे असंतुष्ट विधायकों को चिट्ठी लिखी है, जिसमें उनसे भावनात्मक अपील की गई है। जानिए क्या-क्या लिखा है।

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री और शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने बागी विधायकों के नाम एक खुला खत लिखा है जिसमें उन्होंने सभी विधायकों से एक भावनात्मक अपील की है। उद्धव ठाकरे ने इस चिट्ठी में लिखा है कि आज भी मैं आपका परिवार का मुखिया होने के नाते इंतजार कर रहा हूं। आप मेरे सामने बैठिए, जो समस्या है उसका समाधान निकाला जा सकता है। ठाकरे द्वारा लिखी गई चिट्ठी पर अभी तक बागी विधायकों का कोई बयान सामने नहीं आया है।

महाराष्ट्र में सियासी घमासान थमने का नाम नहीं ले रहा है। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे शिवसेना सांसद संजय राउत और आदित्य ठाकरे ने कई बार बागी विधायकों से वापस शिवसेना में लौटने की अपील की है लेकिन उसका कोई असर नहीं हुआ है। 

ठाकरे ने पत्र में लिखा है कि, शिवसैनिक विधायक बंधुओं और बहनों। जय महाराष्ट्र। आप पिछले काफी दिनों से गुवाहाटी में अटके हुए हैं। आपके बारे में हर रोज नई खबर सामने आ रही हैं। आप में से कई लोगों से संपर्क भी हुआ है और आज आप अपने आप को शिवसेना में ही मानते हैं। आपके परिवार वालों ने भी मुझसे संपर्क किया है और अपनी मन की भावना रखी है। मैं शिवसेना प्रमुख होने के नाते आप सभी की भावना का आदर करता हूं। 

उद्धव ठाकरे ने इस चिट्ठी में आगे लिखा है कि परिवार का प्रमुख होने के नाते में एक बार फिर आपसे मन से कह रहा हूं कि अभी भी समय नहीं निकला है। मेरा आप सभी से यही आह्वान है कि आप मेरे सामने आइए बैठिए और जो भी कुछ मतभेद हैं उनको दूर करिए। आमने-सामने बैठकर एक नया रास्ता निकल सकता है। आप किसी के भी झांसे में मत आइये। शिवसेना में जो मान और सम्मान आपको मिल सकता है वह कहीं नहीं मिलेगा। आमने-सामने बैठकर कोई रास्ता निकाला जा सकता है। शिवसेना प्रमुख और परिवार का प्रमुख होने के नाते मैं आज भी आपका इंतज़ार कर रहा हूं। आप मेरे सामने बैठिए मैं उसका रास्ता निकाल लूंगा। आपका उद्धव बाला साहेब ठाकरे।

उद्धव ठाकरे की इस भावनात्मक चिट्ठी से माहौल बदल सकता है। इससे पहले फेसबुक के जरिए महाराष्ट्र की जनता को संबोधित करते हुए उद्धव ठाकरे ने भावनात्मक अपील करते हुए कहा था कि अगर शिवसैनिक कहेंगे तो वह मुख्यमंत्री का पद भी छोड़ देंगे और उसके कुछ देर बाद ही उद्धव ठाकरे ने अपना सरकारी बंगला वर्षा छोड़ दिया था। उसके बाद जिस तरह से उद्धव ठाकरे को शिव सैनिकों का समर्थन मिला था उसी का नतीजा है कि ठाकरे ने जो मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने का फैसला कर लिया था उसको टाल दिया था।

इससे पहले कैबिनेट मंत्री आदित्य ठाकरे भी पत्रकारों से बातचीत में कहा था कि जो बागी विधायक गुवाहाटी में मौजूद हैं उनमें से 10 से 15 विधायक अभी भी हमारे संपर्क में हैं और उनसे बातचीत चल रही है। ऐसे में मुख्यमंत्री और शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे की इस अपील के बाद से माहौल बदल सकता है।

बता दें कि पिछले 1 हफ्ते से शिवसेना के 39 विधायक और दूसरे निर्दलीय विधायक असम के गुवाहाटी में मौजूद हैं। जिन्होंने शिवसेना से बगावत कर दी थी। हालांकि अभी तक इन बागी विधायकों ने ना तो शिवसेना पार्टी का साथ छोड़ा है और ना ही शिवसेना ने इन्हें पार्टी से निकाला है।

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