महाराष्ट्रः कोल्हापुर में तनाव, इंटरनेट बंद, पवार का भाजपा पर हमला
#Kolhapur: #Clash broke out between two communities over #Aurangzeb Posters; #Hindutva organisation staged a #protest which took a violent turn. Cops had to resort to #lathicharge pic.twitter.com/v0VCBWuXa2
— Free Press Journal (@fpjindia) June 7, 2023
महाराष्ट्र के कोल्हापुर शहर में बुधवार को सोशल मीडिया पर एक विवादास्पद पोस्ट को लेकर दो गुटों के बीच झड़प के बाद सांप्रदायिक तनाव फैल गया। कुछ दक्षिणपंथी संगठनों ने कस्बे में बंद का आह्वान किया था। इससे पहले कथित तौर पर मुगल बादशाह औरंगजेब का पोस्टर लहराने पर सारा विवाद शुरू हुआ था। कोल्हापुर में तनाव है और इंटरनेट बंद कर दिया गया है। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) प्रमुख शरद पवार ने बुधवार को कहा कि सत्तारूढ़ पार्टी सांप्रदायिक हिंसा की घटनाओं को "प्रोत्साहित" कर रही है।
A clash breaks out between members of some Hindu organisations and Police in Kolhapur during a protest called by the former. #clash #Kolhapur #police #protest #TheStatesman pic.twitter.com/9TUzcMtg4x
— The Statesman (@TheStatesmanLtd) June 7, 2023
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक कोल्हापुर में प्रदर्शन कर रही भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज का सहारा लेना पड़ा। स्थिति को नियंत्रण से बाहर होने से रोकने के लिए बाद में और पुलिस बल बुलाया गया।
#Kolhapur Clash :
— Raj Express (@RajExpressNews) June 7, 2023
हिंदू संगठनों के सदस्यों द्वारा मुस्लिम फल विक्रेता पर पत्थर मारने का वीडियो आया सामने, कोल्हापुर में तनावपूर्ण माहौल
Video of stone pelting on Muslim fruit seller by members of Hindu organisations.
#JusticeForShaliniYadav #RajExpress #kolhapurClash pic.twitter.com/L2AfxCHkN4
खबरों के मुताबिक, मुगल शासक औरंगजेब का कथित तौर पर महिमामंडन करने वाली सोशल मीडिया पोस्ट पर दो पक्षों के बीच मारपीट हो गई। पोस्ट में लोगों को औरंगजेब और टीपू सुल्तान के पोस्टर के साथ जश्न मनाते हुए दिखाया गया था।
शहर बंद कराने के लिए शिवाजी चौक पर बड़ी संख्या में दक्षिणपंथी समूहों से जुड़े लोग जमा हो गए। इसके बाद जल्द ही हिंसा भड़क उठी और पुलिस को प्रदर्शनकारियों पर लाठी चार्ज करने के लिए मजबूर होना पड़ा। महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे ने कोल्हापुर की घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, "राज्य में कानून व्यवस्था बनाए रखना सरकार की जिम्मेदारी है। मैं जनता से भी शांति और शांति की अपील करता हूं। पुलिस जांच चल रही है और दोषी पाए जाने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।"
महाराष्ट्र में भाजपा-शिवसेना सरकार के गठन के बाद से कई सांप्रदायिक झड़पें हुई हैं। मंगलवार को अहमदनगर जिले के संगमनेर इलाके में सकल हिंदू समाज की एक रैली के बाद दो समूहों के बीच सांप्रदायिक झड़प हुई। कोल्हापुर में, दक्षिणपंथी हिंदू संगठनों ने बुधवार को मुग़ल बादशाह औरंगज़ेब से जुड़े एक आपत्तिजनक संदेश को लेकर बंद का आह्वान किया। इसके बाद वहां भी हिंसा हो गई। पूरे महाराष्ट्र में साम्प्रदायिक हिंसा की घटनाओं का एक जैसा पैटर्न है।
डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस ने भी कहा कि इस तरह की हरकतों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और आश्वासन दिया कि उपद्रवियों की पहचान करने के लिए विस्तृत जांच की जाएगी।
फडणवीस ने कहा, "एक विशेष समुदाय के लोग औरंगजेब का महिमामंडन कर रहे हैं.. इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। महाराष्ट्र के विभिन्न जिलों में एक साथ औरंगजेब का महिमामंडन किया जा रहा है... यह अचानक नहीं हो सकता। यह महज एक संयोग नहीं है।"
शरद पवार का तीखा हमला
पवार ने बुधवार सुबह छत्रपति संभाजीनगर में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा- “अहमदनगर और कोल्हापुर में कुछ मोबाइल संदेशों को लेकर सांप्रदायिक झड़प की घटनाएं हुई हैं। ऐसे संदेशों को लेकर सड़कों पर उतरने का क्या मतलब है? आज की सत्ताधारी पार्टी ऐसी बातों को बढ़ावा देती है। शासकों को शांति और कानून व्यवस्था सुनिश्चित करनी चाहिए। लेकिन अगर शासक सड़क पर उतरना शुरू करते हैं और दो समुदायों के बीच दुश्मनी पैदा करते हैं, तो यह राज्य के लिए अच्छी बात नहीं है।”
पवार ने कहा कि यह अच्छा है कि घटनाएं राज्य के कुछ हिस्सों तक ही सीमित रहीं. “लेकिन मैं कह रहा हूँ कि यह योजना बनाई जा रही है। मैंने टीवी पर देखा कि औरंगाबाद में किसी ने औरंगजेब की फोटो दिखाई, फिर पुणे में इस पर साम्प्रदायिक झड़प का क्या मतलब है?”
एनसीपी प्रमुख ने कहा कि “उड़ीसा या अन्य राज्यों में चर्चों पर हमला किया गया। किसी व्यक्ति के कृत्य के लिए धार्मिक स्थल पर हमला करने के पीछे का कारण मेरी समझ में नहीं आता। यह किसी एक व्यक्ति का काम नहीं है बल्कि इसके पीछे एक विचारधारा काम करती है। यह विचारधारा समाज के लिए अच्छी नहीं है।'