महाराष्ट्रः बारामती से हारीं सुनेत्रा पवार जा रही हैं राज्यसभा, भाजपा-शिंदे देखते रह गए
राज्यसभा निवडणुकीसाठी राष्ट्रवादी काँग्रेसच्यावतीनं सुनेत्रा पवार यांनी भरला उमेदवारी अर्ज. #SunetraPawar #Rajyasabha pic.twitter.com/OaPnlvOuDe
— AIR News Pune (@airnews_pune) June 13, 2024
एनसीपी अजीत पवार की पत्नी को अब राज्यसभा भेजने की तैयारी है। उपमुख्यमंत्री अजीत पवार की पत्नी सुनेत्रा पवार ने गुरुवार को पार्टी उम्मीदवार के रूप में अपना नामांकन दाखिल किया। हालांकि अजीत पवार गुट ने इसके लिए महायुति गठबंधन के दो सदस्यों शिवसेना (शिंदे) और भाजपा को औपचारिक रूप से सूचित नहीं किया। क्योंकि नामांकन के समय इन दलों के नेता समर्थन के लिए नहीं पहुंचे। हालांकि प्रफुल्ल पटेल का दावा है कि उनकी पार्टी ने सहयोगी दलों को सूचित कर दिया था।
एनसीपी अजीत पवार गुट ने इस संबंध में बुधवार शाम को बैठक की थी। जिसमें राज्यसभा सीट के लिए अपना प्रत्याशी उतारने का फैसला हुआ। कौन प्रत्याशी होगा, इस पर सभी मौन रहे। ये बताया गया कि गुरुवार 11 बजे प्रत्याशी का ऐलान किया जाएगा। पार्टी के सीनियर नेता छगन भुजबल को उम्मीद थी कि उनके बेटे समीर भुजबल नाम का ऐलान किया जाएगा। लेकिन प्रफुल्ल पटेल ने अजीत पवार की पत्नी सुनेत्रा पवार का नाम आगे बढ़ा दिया, क्योंकि ऐसी अजीत पवार की इच्छा है। फिर छगन भुजबल से सुनेत्रा के नाम का प्रस्ताव कराया गया। उसके बाद प्रफुल्ल पटेल की अगुआई में बाकी नेता नामांकन कराने विधानसभा चले गए।
सुनेत्रा को हाल ही में बारामती से शरद पवार की बेटी सुप्रिया सुले 1.58 लाख वोटों से हराया है। बारामती का चुनाव अभियान अपनी पत्नी के लिए खुद अजीत पवार संभाल रहे थे। लेकिन बारामती के मतदाताओं ने शरद पवार का साथ दिया। सुनेत्रा पवार ने जब नामांकन दाखिल कर दिया तो पत्रकारों ने उनसे पूछा कि उन्हे ंकिस आधार पर पार्टी ने टिकट दिया। सुनेत्रा पवार ने कहा कि जनता की भारी मांग पर पार्टी ने मुझे राज्यसभा के लिए टिकट दिया है।
सुनेत्रा को राज्यसभा के लिए कई दावेदारों में से चुना गया, जिनमें उपमुख्यमंत्री के बड़े बेटे पार्थ पवार, समीर भुजबल और बाबा सिद्दीकी शामिल हैं। पार्थ ने दो दिन पहले पार्टी कार्यालय में एनसीपी के कार्यकारी अध्यक्ष प्रफुल्ल पटेल और प्रदेश अध्यक्ष सुनील तटकरे के साथ बैठक भी की थी, जहां उन्होंने अपनी उम्मीदवारी के लिए जोर दिया था।
सुनेत्रा पवार को मैदान में उतारने के फैसले को एनसीपी द्वारा बारामती क्षेत्र में अपनी स्थिति मजबूत करने और यह तय करने के लिए एक रणनीतिक कदम के रूप में देखा जा रहा है कि अजीत पवार आगामी राज्य विधानसभा चुनावों के लिए प्रचार पर ध्यान केंद्रित कर सकें। हालांकि अजीत पवार खेमे में सबसे बड़ा झटका बाबा सिद्दीकी को लगा है। बाबा लोकसभा चुनाव से पहले एनसीपी अजीत पवार में शामिल हुए थे। वो राज्यसभा टिकट के बड़े दावेदारों में थे, लेकिन अजीत पवार ने उनकी उम्मीदों पर पानी फेर दिया।
सुनेत्रा पवार के निर्विरोध चुने जाने की उम्मीद है। क्योंकि सदन में बहुमत महायुति दलों के पास है। कांग्रेस और शिवसेना उद्धव ठाकरे ने पहले ही कह दिया है कि उनके पास सदन में संख्याबल नहीं होने के कारण वे अपना उम्मीदवार नहीं उतारेंगे। अभी एनसीपी शरद पवार की तरफ से कोई ऐलान नहीं हुआ है। अगर वहां से कोई प्रत्याशी आया तो चुनाव होगा। वैसे वहां से भी प्रत्याशी नहीं उतारे जाने की ज्यादा उम्मीद है।