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शिंदे अलग पार्टी बनाएंगे, शिवसेना बालासाहेब होगा नाम

शिंदे अलग पार्टी बनाएंगे, शिवसेना बालासाहेब होगा नाम

शिवसेना के बागी विधायकों के नेता एकनाथ शिंदे ने सीधे शिवसेना प्रमुख को चुनौती दी है। निश्चित रूप से इससे शिवसेना की मुश्किलें बढ़ेंगी। 

शिवसेना के बागी विधायक एकनाथ शिंदे ने अब खुले तौर पर शिवसेना से बगावत का एलान कर दिया है। एकनाथ शिंदे नई पार्टी बनाएंगे। सूत्रों का कहना है कि एकनाथ शिंदे ने अपनी नई पार्टी का नाम शिवसेना बालासाहेब रखा है। शिंदे ने दीपक केसरकर को पार्टी का प्रवक्ता बनाया है जबकि भरत गोगावले को पार्टी का चीफ व्हिप बनाया गया है। 

उधर, शिवसेना की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में कुछ बड़े फैसले लिए जा सकते हैं। 

इस तरह महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री और शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे को यह बड़ा झटका लगा है। बागी विधायकों के नेता एकनाथ शिंदे ही पार्टी के अध्यक्ष होंगे। काफी समय से ऐसा होने के कयास लगाए जा रहे थे। लेकिन शिंदे अपनी बात पर अड़े हुए थे और एनसीपी और कांग्रेस के साथ गठबंधन से अलग होने का दबाव मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे पर डाल रहे थे। 

लेकिन ठाकरे ने साफ कर दिया था कि वह एनसीपी और कांग्रेस के गठबंधन से बाहर नहीं आएंगे। जिसके बाद एकनाथ शिंदे ने अपनी पार्टी बनाने का एलान कर दिया है। 

सूत्रों का कहना है कि शुक्रवार रात को भी एकनाथ शिंदे के गुट ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को मैसेज भेजकर महा विकास आघाडी सरकार से अलग होने के लिए कहा था लेकिन उद्धव ठाकरे अपनी बात पर अड़े रहे, जिसके बाद अब शिंदे ने यह एलान किया है। बताया जा रहा है कि इस पार्टी को बहुत जल्द चुनाव आयोग में रजिस्टर कराया जाएगा।

 - Satya Hindi

शिवसेना के बागी विधायक दीपक केसरकर ने सत्य हिंदी से बातचीत में कहा कि पिछले दो-तीन दिनों से हम मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से अपील कर रहे थे कि हिंदुत्व के मुद्दे को लेकर वह कांग्रेस और एनसीपी से गठबंधन तोड़ दें लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया। जिसके बाद हमने बाला साहब ठाकरे के हिंदुत्व को लेकर आगे बढ़ने का फैसला किया है। हालांकि केसरकर का कहना है कि वह अभी भी मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को अपना नेता मानते हैं। 

अठावले-फडणवीस की मुलाकात 

इस बीच केंद्रीय मंत्री और आरपीआई के अध्यक्ष रामदास अठावले ने बीजेपी नेता देवेंद्र फडणवीस से मुलाकात की है। मुलाकात के बाद अठावले ने कहा कि उद्धव ठाकरे किसी भी बागी विधायक की सदस्यता नहीं छीन सकते और उसके लिए कानूनी प्रक्रिया होती है। 

अठावले ने कहा कि उन्हें समझ नहीं आ रहा है कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री और शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे हिंदुत्व के मुद्दे को लेकर पीछे क्यों हट रहे हैं।

निशाने पर बागी विधायक 

इस बीच महाराष्ट्र के अलग-अलग हिस्सों में शिवसैनिकों का गुस्सा फूट रहा है। मुंबई के साथ-साथ महाराष्ट्र के कई अलग-अलग इलाकों में शिवसैनिक बागी विधायकों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं और उनके ऑफिसों पर भी हमला कर रहे हैं।

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