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शिंदे गुट के बिना सरकार बनाएगी बीजेपी?, तैयारियां तेज़

शिंदे गुट के बिना सरकार बनाएगी बीजेपी?, तैयारियां तेज़

क्या महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे की सरकार अल्पमत में है और क्या बीजेपी राज्य में जल्द ही सरकार बना लेगी? 

महाराष्ट्र में पिछले कई दिनों से चल रहा सियासी ड्रामा खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। सुप्रीम कोर्ट से एकनाथ शिंदे गुट को राहत मिलने के बाद अब भारतीय जनता पार्टी फ्रंट फुट में आ गई है। 

बीजेपी के शीर्ष सूत्रों के हवाले से खबर है कि महाराष्ट्र में बीजेपी एकनाथ शिंदे गुट के बगैर भी सरकार बनाने का दावा कर सकती है। यानी कि सरकार भले ही शिंदे गुट के बगैर बनेगी लेकिन सरकार में उन्हें शामिल किया जाएगा। 

महाराष्ट्र में किस तरह से सरकार बनेगी इसके लिए बीजेपी ने दिन-रात काम करना शुरू कर दिया है। सूत्रों का कहना है कि मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने देवेंद्र फडणवीस से भी सरकार बचाने को लेकर बात की थी लेकिन बात नहीं बन पाई। अगर महाराष्ट्र में बीजेपी सरकार का गठन होगा तो मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस बनेंगे जबकि एकनाथ शिंदे को उप मुख्यमंत्री बनाया जा सकता है। 

महाराष्ट्र की महा विकास आघाडी सरकार को सुप्रीम कोर्ट से झटका लगने के बाद बीजेपी अब एक्शन मोड में आ गई है। सूत्रों के मुताबिक बीजेपी ने महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व में नई सरकार बनाने का ब्लूप्रिंट तैयार कर लिया है। 

आलाकमान की हरी झंडी 

बीजेपी के टॉप सूत्रों के हवाले से सत्य हिंदी को जानकारी मिली है कि बीजेपी महाराष्ट्र में अब बगैर शिंदे गुट के सरकार बनाने की तैयारी में है। सूत्रों का कहना है कि कानून व्यवस्था की स्थिति से बचने के लिए बीजेपी ने शिंदे गुट के बगैर सरकार बनाने के लिए जो ब्लूप्रिंट बनाया है उसे आलाकमान से भी हरी झंडी मिल गई है। ऐसे में अब निगाहें राज्यपाल पर टिकी हुई हैं। 

राज्यपाल देंगे आदेश?

बीजेपी के बड़े सूत्र ने यह भी बताया कि भारतीय जनता पार्टी महा विकास आघाडी सरकार के खिलाफ राज्यपाल के पास अविश्वास प्रस्ताव पेश नहीं करेगी। इसका मतलब साफ है कि एकनाथ शिंदे गुट राज्यपाल के पास जाकर ठाकरे सरकार से फ्लोर टेस्ट कराने की मांग कर सकता है। सूत्र ने यह भी बताया कि राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी स्वतः संज्ञान लेते हुए ठाकरे सरकार को विधानसभा में बहुमत पेश करने के लिए भी आदेश दे सकते हैं। 

राज ठाकरे की चर्चा 

खबर आई थी कि शिंदे गुट राज ठाकरे की पार्टी एमएनएस में शामिल होकर बीजेपी को समर्थन दे सकता है। लेकिन बीजेपी के इस बड़े सूत्र ने इस बात से इनकार कर दिया है। उनका कहना है कि एकनाथ शिंदे ने जब से उद्धव ठाकरे से बगावत की है वह हिंदुत्व को लेकर और बाला साहब ठाकरे की शिवसेना को लेकर आगे बढ़ रहे हैं। ऐसे में महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना में शामिल होने का कोई सवाल ही नहीं होता है। 

महाराष्ट्र में नई सरकार बनाने को लेकर सियासी कसरत तेज है। यही कारण है कि बीजेपी ने अपने सभी विधायकों और सहयोगी दलों के साथ-साथ निर्दलीय विधायकों को भी 29 जून की सुबह 11 बजे मुंबई में रहने का आदेश जारी किया है। बीजेपी ने साथ ही उन विधायकों को फौरन महाराष्ट्र में लौटने को कहा है जो किसी कारणवश देश से बाहर हैं।

फडणवीस से की थी बात

बीजेपी के बड़े सूत्र ने यह भी दावा किया है कि जब मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे वर्षा बंगला छोड़कर मातोश्री पर चले गए थे तो आधी रात को मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस से फोन पर बात की थी और उनसे शिवसेना के साथ पैचअप करने को कहा था। हालांकि सूत्र ने यह नहीं बताया कि देवेंद्र फडणवीस ने उद्धव ठाकरे को क्या जवाब दिया था। सूत्र ने यह भी बताया कि उद्धव ठाकरे 21 जून की रात जब वर्षा बंगला छोड़कर जा रहे थे तो उससे पहले फेसबुक लाइव में वह अपने इस्तीफे का एलान करने वाले थे लेकिन एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने उन्हें ऐसा करने से मना कर दिया था। 

इसके 2 दिन बाद जब मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने मंत्रालय में बड़े अधिकारियों के साथ बैठक की थी और उनको संबोधित करने वाले थे तो उस दौरान भी उद्धव ठाकरे ने इस्तीफा देने का मन बना लिया था लेकिन वहां पर भी शरद पवार ने ठाकरे को इस्तीफा देने से मना कर दिया था। 

 - Satya Hindi

शिंदे होंगे उपमुख्यमंत्री? 

कुछ ऐसी भी खबरें सामने आई थीं कि एकनाथ शिंदे ने बीजेपी के सामने मुख्यमंत्री बनाने की मांग रखी है, लेकिन सत्य हिंदी को मिली जानकारी के अनुसार ऐसी कोई मांग शिंदे की तरफ से नहीं रखी गई है। हालांकि सूत्र ने यह जरूर कहा कि महाराष्ट्र में बीजेपी की सरकार बनी तो फिर उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ही होंगे।

यह है विधायकों का गणित

बीजेपी ने एकनाथ शिंदे गुट के बगैर सरकार बनाने का जो ब्लू प्रिंट तैयार किया है उसके हिसाब से बीजेपी के इस समय 106 विधायक हैं जबकि छह निर्दलीय विधायकों का उसे समर्थन है। वहीं, बहुजन विकास आघाडी के तीन विधायक भी बीजेपी के साथ हैं। इसके अलावा दूसरे छोटे दलों के विधायकों को मिलाकर बीजेपी का आंकड़ा 128 तक पहुंचता है। 

अल्पमत में ठाकरे सरकार

वहीं दूसरी ओर महा विकास आघाडी सरकार के पास इस समय शिवसेना के 16, एनसीपी के 51 और कांग्रेस के 44 विधायक हैं। समाजवादी पार्टी के दो और तीन निर्दलीय विधायकों को मिलाकर यह आंकड़ा 116 तक पहुंचता है जो बहुमत से काफी कम है। 

ऐसे में उद्धव ठाकरे की सरकार इस समय अल्पमत में है और मुश्किलों से घिरी हुई दिखाई दे रही है। हालांकि कांग्रेस और एनसीपी के नेता अभी भी यह कह रहे हैं कि उनके पास बहुमत का आंकड़ा है।

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