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महाराष्ट्र: अंतरधार्मिक, अंतरजातीय शादियों की निगरानी की तैयारी क्यों?

महाराष्ट्र: अंतरधार्मिक, अंतरजातीय शादियों की निगरानी की तैयारी क्यों?

क्या अंतरधार्मिक और अंतरजातीय शादियों की निगरानी की ज़रूरत है? आख़िर महाराष्ट्र में इसके लिए पैनल क्यों गठित किया गया है?

महाराष्ट्र सरकार ने 'इंटरकास्ट/इंटरफेथ मैरिज-फैमिली कोऑर्डिनेशन कमेटी (राज्य स्तर)' नाम से एक पैनल का गठन किया है। एक सरकारी प्रस्ताव के अनुसार, ऐसा इसलिए किया गया है कि इस तरह के विवाहों में जोड़ों और महिलाओं के मायके के बारे में विस्तृत जानकारी जुटाई जाए। इन जानकारियों में यह देखा जाना है कि कहीं वे जोड़े अलग तो नहीं हैं। इस बारे में प्रस्ताव राज्य के महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा मंगलवार को जारी किया गया।

रिपोर्ट के अनुसार महाराष्ट्र के महिला एवं बाल विकास मंत्री और बीजेपी नेता मंगल प्रभात लोढ़ा उस पैनल की अध्यक्षता करेंगे। द इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार वह समिति ऐसे विवाहों में महिलाओं के लिए जिला स्तर की उन पहलों की निगरानी करेगी जो अपने मायके परिवारों से अलग-थलग हो सकती हैं। ऐसा इसलिए कि ज़रूरत पड़ने पर सहायता दी जा सके।

महाराष्ट्र सरकार ने यह फ़ैसला तब लिया है जब हाल ही में श्रद्धा वालकर की हत्या का मामला सामने आया था। 28 वर्षीय आफताब अमीन पूनावाला ने अपने लिव-इन पार्टनर श्रद्धा को न सिर्फ़ कथित तौर पर मार डाला बल्कि उसके शरीर को 35 टुकड़ों में काट दिया। रिपोर्ट है कि वह कभी शेफ के रूप में प्रशिक्षित था और मांस काटने में माहिर था। आफताब ने ग़ुस्से में उसके शरीर पर मांस काटने वाले एक चाकू का इस्तेमाल किया, ताकि वह वारदात में पकड़े जाने से बच सके। मीडिया रिपोर्टों के अनुसार आफताब ने पुलिस के सामने कबूल किया है कि उसने श्रद्धा के शव को टुकड़ों में काट दिया। बदबू नहीं आए इसलिए फ्रीज़ में स्टोर करने की तरकीब निकाली।

दरअसल, आफताब और श्रद्धा वालकर की कहानी तो पहले प्यार से शुरू हुई थी, लेकिन बाद में दोनों के संबंध ख़राब हो गए थे।

साल 2018-2019 में आफताब और श्रद्धा का रिश्ता शुरू हुआ था। श्रद्धा की बात से उसके पिता सहमत नहीं थे। दोनों के परिवारों द्वारा विरोध करने के बाद वे दोनों पालघर से मुंबई शिफ्ट हो गए थे और साथ रहने लगे थे। बाद में वे दिल्ली में चले गए। इस साल महरौली के छतरपुर पहाड़ी इलाक़े में 15 मई को एक रूम का फ्लैट किराए पर लिया। यहीं पर 18 मई को वह हत्या हुई।

श्रद्धा वालकर के मामले ने पूरे देश को झकझोर दिया। महाराष्ट्र में भी इस पर बहस शुरू हुई। और इसी को लेकर राज्य सरकार ने अब एक पहल शुरू की है। सरकार प्रस्ताव ले आई है।

प्रस्ताव के अनुसार, यह पहल इन महिलाओं और उनके परिवारों को परामर्श देने, बातचीत करने या मुद्दों को हल करने के लिए एक मंच मुहैया कराएगी। समिति को केंद्र और राज्य स्तर पर नीतियों का अध्ययन करने, कल्याणकारी योजनाओं व मुद्दों के बारे में क़ानूनों का अध्ययन करने, सुधार व समाधान खोजने के लिए बदलाव लाने का सुझाव देने का भी काम सौंपा गया है।

अंग्रेजी अख़बार की रिपोर्ट के अनुसार प्रस्ताव में कहा गया है कि समिति में 12 अन्य सदस्य होंगे जो सरकारी और गैर-सरकारी क्षेत्रों से लिए जाएंगे। एक बार इसका काम पूरा हो जाने के बाद समिति को भंग कर दिया जाएगा।

मंत्री लोढ़ा ने 19 नवंबर को राज्य महिला आयुक्त को निर्देश दिया था कि वे उन महिलाओं की पहचान करने के लिए एक विशेष दस्ता बनाएँ, जिन्होंने अपने मायके के परिवारों के समर्थन के बिना शादी की है और ज़रूरत पड़ने पर समर्थन और सुरक्षा दी जाए। 

प्रस्ताव के अनुसार समिति को इस मुद्दे पर जिला अधिकारियों के साथ नियमित बैठक करने का काम सौंपा गया है। यह मुख्य रूप से पंजीकृत और अपंजीकृत अंतरजातीय और अंतरधार्मिक विवाहों के बारे में जानकारी जुटाने के लिए सात मापदंडों पर काम की समीक्षा करेगी, ऐसे विवाह जो धार्मिक स्थलों में हुए हों और वे जो घर से भाग जाने के बाद हुए हों।

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