महाराष्ट्र विधान परिषद के चुनाव में कांग्रेस को उस समय बड़ा झटका लगा जब पार्टी के आधिकारिक उम्मीदवार सुधीर तांबे ने चुनाव से हटने का फैसला कर लिया। सुधीर तांबे के इस फैसले के बाद कांग्रेस को शर्मिंदगी उठानी पड़ रही है। साथ ही कांग्रेस के फैसले पर भी सवाल उठ रहे हैं। सुधीर तांबे ने कहा है कि उन्होंने विधान परिषद का चुनाव नहीं लड़ने की जानकारी कांग्रेस आलाकमान को पहले ही दे दी थी।
सुधीर ने अपने बेटे सत्यजीत तांबे को चुनाव मैदान में उतारा है। हालांकि सत्यजीत तांबे ने निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर पर्चा भरा है। विधान परिषद के लिए चुनाव 30 जनवरी को होगा।
पिछले 18 सालों से विधान परिषद की नासिक डिविजन की स्नातक निर्वाचन सीट जीतने वाली कांग्रेस अब इसे खोती हुई दिखाई दे रही है। गुरुवार को कांग्रेस को उस समय झटका लगा जब पार्टी के आधिकारिक उम्मीदवार सुधीर तांबे ने नामांकन दाखिल करने से इंकार कर दिया।
तांबे ने नामांकन नहीं दाखिल करने पर कहा है कि उनके इस संबंध में जानकारी देने के बाद भी कांग्रेस ने उन्हें उम्मीदवार बना दिया। सुधीर तांबे ने कहा कि मैंने अपने बेटे सत्यजीत तांबे के लिए टिकट की मांग की थी लेकिन पार्टी ने उनका नाम घोषित कर दिया।
सुधीर तांबे का कहना है कि पिछले 3 कार्यकाल से वह विधान परिषद में नासिक डिवीजन में स्नातक निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते रहे हैं। उन्होंने चुनाव से हटने का फैसला इसलिए किया है ताकि राजनीति में युवाओं को बढ़ावा दिया जा सके। यही कारण है कि मैंने अपने बेटे सत्यजीत तांबे को चुनाव लड़ाने का फैसला किया है। सुधीर तांबे का कहना है कि कांग्रेस पार्टी ने मेरे नाम से एबी फॉर्म जारी किया था इसलिए सत्यजीत तांबे ने निर्दलीय के तौर पर पर्चा भरा है।
बता दें कि सुधीर तांबे महाराष्ट्र कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष बालासाहेब थोराट के रिश्तेदार हैं।
सत्यजीत तांबे का कहना है कि वह अभी भी कांग्रेस से ही जुड़े हुए हैं। हालांकि उन्होंने भारतीय जनता पार्टी से भी समर्थन मांगा है।
सत्यजीत तांबे का कहना है कि उनके पिता सुधीर तांबे ने नासिक डिवीजन में शिक्षकों और स्नातकों के लिए कई वर्षों तक काम किया था और अगर उन्हें विधान परिषद का सदस्य बनने का मौका मिलता है तो वह अपने पिता के काम को आगे बढ़ाएंगे। सत्यजीत तांबे का कहना है कि वह पहले भी कांग्रेस का हिस्सा थे और अभी भी कांग्रेस का हिस्सा हैं।
सत्यजीत तांबे।
फडणवीस से मिले थे तांबे
बता दें कि कुछ दिन पहले ही सत्यजीत तांबे ने महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से मुलाकात की थी। तभी से अटकलें लगाई जा रही थी कि सत्यजीत तांबे बीजेपी ज्वाइन कर सकते हैं। अब विधान परिषद के चुनाव में सत्यजीत तांबे ने निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर पर्चा दाखिल कर कांग्रेस को बैकफुट पर ला दिया है।
सत्यजीत तांबे द्वारा बीजेपी से समर्थन मांगने पर महाराष्ट्र बीजेपी अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले का कहना है कि अगर तांबे हमसे समर्थन मांगते हैं और हमसे संपर्क करते हैं तो हम इस पर विचार करेंगे।
अनुशासनात्मक कार्रवाई करेगी कांग्रेस?
उधर, महाराष्ट्र कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले का कहना है कि सत्यजीत तांबे को कांग्रेस सहित महा विकास आघाडी गठबंधन का समर्थन नहीं है। पटोले का कहना है कि कांग्रेस पार्टी ने सुधीर तांबे को अपना उम्मीदवार बनाया था लेकिन उन्होंने अपना नामांकन दाखिल नहीं किया। कांग्रेस सुधीर तांबे और सत्यजीत तांबे पर अनुशासनात्मक कार्रवाई करने का मन बना रही है।
बता दें कि पिछले साल भी विधान परिषद के चुनाव में कांग्रेस में गुटबाजी देखने को मिली थी जिसके चलते उसे एक सीट का खामियाजा भुगतना पड़ा था और कांग्रेस में हुई क्रॉस वोटिंग का फायदा उठाते हुए बीजेपी ने जीत हासिल की थी।