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महाराष्ट्रः 16 बागियों पर कानूनी राय मांगी, शनिवार को जाएगा नोटिस

महाराष्ट्रः 16 बागियों पर कानूनी राय मांगी, शनिवार को जाएगा नोटिस

महाराष्ट्र में बागी गुट और शिवसेना अपनी अपनी चाल चलने में व्यस्त हैं। विधानसभा सचिवालय ने जैसे ही 16 बागी विधायकों को अयोग्य ठहराने के लिए महाधिवक्ता को राय देने के लिए बुलाया, वैसे ही बागी विधायकों ने सूत्रों से खबर चलवाई कि वे डिप्टी स्पीकर को हटाने के खिलाफ प्रस्ताव लाने की तैयारी कर रहे हैं। उद्धव की सरकार फिलहाल बची हुई है। शनिवार का घटनाक्रम महत्वपूर्ण होगा।

महाराष्ट्र में शिवसेना के बागी विधायक पीछे हटने को तैयार नहीं। बागी विधायकों की बैठक में उन्होंने डिप्टी स्पीकर नरहरि जिरवाल को हटाने का प्रस्ताव लेने की योजना बनाई है। सूत्रों ने बताया कि बागी गुट के 46 विधायकों के हस्ताक्षर से प्रस्ताव तैयार करने की कार्रवाई की जा रही है। उधर, डिप्टी स्पीकर ने भी 16 विधायकों को अयोग्य ठहराने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। शनिवार को सभी 16 बागी विधायकों को नोटिस देकर उन्हें सोमवार को सुनवाई के लिए हाजिर रहने को कहा जा सकता है। अगर विधायक सोमवार को नहीं आते हैं तो डिप्टी स्पीकर उनको अयोग्य ठहरा सकते हैं।

दूसरी तरफ, महाराष्ट्र के महाधिवक्ता आशुतोष कुंभकोनी को विधानसभा सचिवालय ने मौजूदा राजनीतिक संकट पर कानूनी राय लेने के लिए बुलाया है। शिवसेना ने 16 बागी विधायकों की अयोग्यता के लिए अर्जी दी है। विधानसभा सचिवालय कार्रवाई से पहले कानूनी राय लेना चाहता है।

डिप्टी स्पीकर के खिलाफ बागियों की ताजा ताजा पहल शुक्रवार रात तब सामने आई जब शिवसेना ने डिप्टी स्पीकर के सामने 16 बागी विधायकों को अयोग्य घोषित करने की अर्जी लगाई है। इससे पहले की डिप्टी स्पीकर अपना कोई फैसला सुनाएं बागी गुट ने डिप्टी स्पीकर के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने की खबर फैला दी है।

यह एक तरह का मनोवैज्ञानिक खेल है। शिवसेना की तरफ से जब कोई कानूनी दांव चला जाता है तो बागी भी अपनी अगली योजना लेकर आ जाते हैं और सूत्रों के जरिए उसका प्रचार किया जाता है।

महाराष्ट्र के बीजेपी समर्थक दो निर्दलीय विधायक महेश बाल्दी और विनोद अग्रवाल ने शुक्रवार सुबह डिप्टी स्पीकर को चेतावनी दी थी कि वे शिवसेना की किसी अर्जी पर बागी विधायकों को अयोग्य न ठहराएं, क्योंकि उनके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव अभी लंबित है। इसलिए वे इस तरह का कोई निर्णय नहीं ले सकते। लेकिन अब जब बागी विधायकों को यह आभास हो गया कि डिप्टी स्पीकर का फैसला देर सवेर आएगा तो उन्होंने बहुमत का आधार बताते हुए उनके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने की खबर फैला दी है।

इस तरह उद्धव ठाकरे की सरकार को एक दिन की मोहलत और मिल गई है। शनिवार का दिन सरकार के लिए महत्वपूर्ण हो सकता है। क्योंकि डिप्टी स्पीकर का फैसला और बागियों की पहल का नतीजा शनिवार को सामने आ सकता है।

मंदिर से लौट आए शिंदे

बागी विधायकों के नेता एकनाथ शिंदे शुक्रवार को जब होटल से एक विधायक के साथ निकले तो उनके बारे में अफवाह फैली कि वो मुंबई जा रहे हैं। फिर बताया गया कि वो मुंबई जा सकते हैं। लेकिन अंत में खबर आई कि दरअसल शिंदे हर शुक्रवार को मंदिर जाते हैं तो वो पास के मंदिर में पूजा करने गए थे। हालांकि शिवसेना के सूत्रों का दावा है कि मुंबई के हालात को देखते हुए एकनाथ शिंदे आने का साहस नहीं जुटा पा रहे हैं।

पुलिस हाई अलर्ट पर

बागी विधायकों के सड़क पर उतरने को देखते हुए पूरे महाराष्ट्र में हाई अलर्ट जारी किया गया है। सभी पुलिस अफसरों से कहा गया है कि वो अपने इलाकों में कड़ी नजर रखें। कानून व्यवस्था की हालत बिगड़ने नहीं पाए। तमाम शिवसैनिकों ने शुक्रवार को मुंबई के कुर्ला में बागी विधायक मंगेश कुदालकर के दफ्तर पर तोड़फोड़ की। नासिक में एकनाथ शिंदे के पोस्टर पर काली स्याही फेंकी गई। कोल्हापुर में शिवसैनिक ने बड़ा विरोध मार्च निकालकर अपनी ताकत का एहसास कराया है।

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