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महाराष्ट्रः क्या अजीत पवार-उद्धव मुलाकात महज शिष्टाचार है या कुछ और?

महाराष्ट्रः क्या अजीत पवार-उद्धव मुलाकात महज शिष्टाचार है या कुछ और?

महाराष्ट्र की राजनीति रोजाना रंग बदल रही है। एनसीपी नेता और डिप्टी सीएम अजीत पवार और शिवसेना यूबीटी प्रमुख उद्धव ठाकरे की आज बुधवार को मुलाकात हुई तो तमाम कयासबाजियां शुरू हो गईं। राजनीति में कोई मुलाकात सिर्फ शिष्टाचार के लिए नहीं होती। लेकिन दोनों पक्ष इसे शिष्टाचार बता रहे हैं।

महाराष्ट्र में कब कौन यू टर्न ले जाए कहा नहीं जा सकता। अभी पांच दिनों पहले शिवसेना यूबीटी यानी उद्धव ठाकरे की पार्टी राज्य के डिप्टी सीएम अजीत पवार की मुखर आलोचना कर रही थी लेकिन आज दोनों पक्ष मुलाकात को राजी हो गए। महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने बुधवार को विधान भवन में उपमुख्यमंत्री अजीत पवार से मुलाकात की। इस मौके पर शिव सेना नेता आदित्य ठाकरे और अन्य शिव सेना विधायक मौजूद रहे। दोनों पक्षों ने इस शिष्टाचार मुलाकात बताया है।

राजनीतिक विश्लेषक इसे शिष्टाचार मानने को तैयार नहीं हैं। क्योंकि अजीत पवार की छवि यूटर्न वाले नेता की बन गई है। जिस तरह से उनके साथी विधायकों पर दलबदल कानून लागू होने का खतरा मंडरा रहा है, उसके लिए अजीत कोई भी खतरा उठा सकते हैं। कहा जा रहा है कि निकट भविष्य में अजीत पवार को एमवीए की ओर से मुख्यमंत्री पद की पेशकश दी जा सकती है। लेकिन यह सिर्फ कयास है, उसकी पुष्टि कहीं से नहीं है।

बहरहाल, उद्धव ठाकरे ने आज की मुलाकात पर कहा - "महाराष्ट्र धृतराष्ट्र की तरह अंधा नहीं है, यह छत्रपति शिवाजी महाराज का राज्य है। और जब अजीत पवार को सरकार में शामिल किया गया, तो मैंने उन्हें बधाई दी और कहा 'नंदा सौख्य भरे'।" नंदा सौख्य भरे एक मराठी मुहावरा है जिसका अर्थ है "मैं आपके अच्छे होने की कामना करता हूं।"

एनसीपी नेता के शरद पवार के नेतृत्व वाली पार्टी को विभाजित करने और शिवसेना-भाजपा सरकार में शामिल होने के बाद अजीत पवार और उद्धव ठाकरे के बीच यह पहली बैठक थी।

उद्धव ठाकरे ने संवाददाताओं से कहा, "जब महा विकास अघाड़ी (एमवीए) सरकार सत्ता में थी, तब अजीत पवार ने वित्त मंत्री के रूप में भी काम किया था। यह एक शिष्टाचार मुलाकात थी, एक नियमित मुलाकात थी। मैंने उनसे महाराष्ट्र के लोगों के लिए काम करने के लिए कहा है।" उद्धव ने कहा-

हाल ही में, हम देख रहे हैं कि लोग सत्ता के लिए लड़ रहे हैं। इस स्थिति में, लोगों के मुद्दों को नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए। राज्य के कुछ हिस्सों में बाढ़ जैसी स्थिति का सामना करना पड़ रहा है। अन्य हिस्सों में, लोगों को पानी की कमी का सामना करना पड़ रहा है। मैंने अनुरोध किया कि तमाम राजनीतिक उथल-पुथल के बीच महत्वपूर्ण और बुनियादी मुद्दों को नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए।'


- उद्धव ठाकरे, शिवसेना यूबीटी 19 जुलाई 2019 सोर्सः पीटीआई

उन्होंने कहा, "मैंने अजीत पवार के साथ 2.5 साल तक काम किया है। मैं उन्हें बहुत अच्छी तरह से जानता हूं। इसलिए मुझे यकीन है कि कुछ लोग यहां सत्ता के लिए लड़ेंगे, लेकिन वह निश्चित रूप से महाराष्ट्र के लोगों की मदद करेंगे क्योंकि वित्त मंत्रालय उनके पास है।" .

दोनों नेताओं की आज की बैठक 26 विपक्षी दलों के नेताओं की बेंगलुरु में हुई बैठक के एक दिन बाद हुई, जिसमें उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना (यूबीटी) भी शामिल थी। वहां आमराय से उनके गठबंधन का नाम I.N.D.I.A रखने का प्रस्ताव अपनाया गया था। बाद में उद्धव के सुझाव पर इसमें हिंदी टैगलाइन जोड़ी गई-जीतेगा भारत।

विपक्ष की बैठक के बारे में पूछे जाने पर, उद्धव ने कहा, ''सोमवार और मंगलवार को देशभक्त राजनीतिक दलों की बेंगलुरु में बैठक हुई और हमने एक गठबंधन बनाया है और इसे I.N.D.I.A नाम दिया है। उद्धव ठाकरे ने जोर देकर कहा कि लड़ाई किसी व्यक्ति या पार्टी के खिलाफ नहीं है, बल्कि "तानाशाही" के खिलाफ है। 

उद्धव ने कहा - “नेता, प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री आते हैं और जाते हैं। लेकिन जो मिसाल कायम की जा रही है वह देश के लिए हानिकारक है। इसलिए देश और मातृभूमि से प्यार करने वाली सभी पार्टियां एक साथ आ गई हैं और अब तानाशाही के खिलाफ एक मजबूत मोर्चा है।”

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