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महाराष्ट्र-हरियाणा चुनाव में किसे मिलेगी सत्ता

महाराष्ट्र-हरियाणा चुनाव में किसे मिलेगी सत्ता

महाराष्ट्र में विधानसभा की 288 सीटें हैं जबकि हरियाणा में 90 सीटें हैं। 

महाराष्ट्र और हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए काउंटिंग थोड़ी देर में शुरू होगी। महाराष्ट्र में विधानसभा की 288 सीटें हैं जबकि हरियाणा में 90 सीटें हैं। 

महाराष्ट्र: भगवा गठबंधन के सामने कांग्रेस-एनसीपी

महाराष्ट्र के सियासी दंगल में बीजेपी-शिवसेना के सामने कांग्रेस-एनसीपी है। 288 सदस्यों वाली महाराष्ट्र की विधानसभा में सरकार बनाने के लिए 145 विधायकों का समर्थन ज़रूरी है। टाइम्स नाउ, आजतक-एक्सिस माइ इंडिया, न्यूज़ 18-इपसॉस और एबीपी-न्यूज़ सीवोटर के एग्ज़िट पोल में महाराष्ट्र में बीजेपी की बड़ी जीत की भविष्यवाणी की गई है। पिछली बार बीजेपी-शिवसेना अलग-अलग चुनाव लड़े थे और तब बीजेपी को 122 और शिवसेना को 63 सीटें मिली थीं। 

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बीजेपी-शिवसेना को लोकसभा चुनाव में राज्य की 48 लोकसभा सीटों में से 41 पर जीत मिली थी और विधानसभा सीटों के लिहाज से देखें तो भगवा गठबंधन 226 सीटों पर आगे रहा था और इस बार उसने ज़्यादा ताक़त के साथ चुनाव लड़ा है।

लोकसभा चुनावों में प्रचार के दौरान महाराष्ट्र में मोदी और शाह का ध्यान जहां पुलवामा-बालाकोट पर रहा था, उसी तरह इस बार भी लगभग हर जनसभा में दोनों नेताओं ने जम्मू-कश्मीर से धारा 370 को हटाने पर ही ध्यान केंद्रित रखा। इस सबके बीच एनसीपी प्रमुख शरद पवार और कांग्रेस ने चुनाव प्रचार को सूखा, बाढ़, बेरोज़गारी, किसानों की आत्महत्या पर केंद्रित करने की कोशिश की। 

महाराष्ट्र के चुनाव में बड़े चेहरों की बात करें तो मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस नागपुर दक्षिण पश्चिम सीट से, महाराष्ट्र बीजेपी के अध्यक्ष चंद्रकांत दादा पाटिल कोथरूड सीट से, कुख़्यात गैंगस्टर अरुण गवली की बेटी गीता गवली भायखला सीट से चुनाव मैदान में हैं। पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण को कांग्रेस ने भोकर सीट से उम्मीदवार बनाया है। चव्हाण के पिता शंकर राव चव्हाण भी राज्य के मुख्यमंत्री रहे थे। 

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ये हैं महाराष्ट्र के सियासी रण के बड़े चेहरे।

एनसीपी प्रमुख शरद पवार के भतीजे और पूर्व उपमुख्यमंत्री अजीत पवार बारामती विधानसभा सीट से चुनाव लड़ रहे हैं। बीजेपी के दिग्गज नेता रहे गोपीनाथ मुंडे की बेटी पंकजा मुंडे महाराष्ट्र सरकार में मंत्री भी हैं और वह मराठवाड़ा की परली सीट से चुनाव लड़ रही हैं। आदित्य ठाकरे, ठाकरे परिवार के पहले ऐसे सदस्य हैं जो चुनाव लड़ रहे हैं। आदित्य, मुंबई की वर्ली विधानसभा सीट से ताल ठोक रहे हैं। महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और देश के पूर्व गृहमंत्री सुशील कुमार शिंदे की बेटी प्रणीति शिंदे सोलापुर सेंट्रल सीट से अपनी सियासी किस्मत आजमा रही हैं। 

टाइम्स नाउ, न्यूज़ 18-इपसॉस और एबीपी-न्यूज़ सीवोटर के एग्ज़िट पोल में हरियाणा में बीजेपी की बड़ी जीत की भविष्यवाणी की गई है। 

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आजतक-एक्सिस माइ इंडिया के एग्ज़िट पोल के मुताबिक़, बीजेपी को वहाँ 32 से 44 सीटें मिलने की संभावना है। दूसरी ओर, एग्ज़िट पोल में यह भी कहा गया है कि कांग्रेस को 30 से 42 सीटें मिल सकती हैं। जननायक जनता पार्टी यानी जेजेपी को 6 से 10 सीटें मिल सकती हैं, जबकि अन्य के खाते में 6 से 10 सीटें जा सकती हैं। 

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हरियाणा में बड़े चुनावी चेहरों की बात करें तो मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर करनाल से, पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा गढ़ी सांपला किलोई से, रामबिलास शर्मा महेंद्रगढ़ से, कांग्रेस विधायक दल की पूर्व नेता किरण चौधरी तोशाम से, विधायक कुलदीप बिश्नोई आदमपुर से, पूर्व नेता प्रतिपक्ष अभय चौटाला ऐलनाबाद से, बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सुभाष बराला टोहाना से, लोकतंत्र सुरक्षा पार्टी के प्रमुख राजकुमार सैनी गोहाना से, कांग्रेस के मीडिया विभाग के प्रभारी रणदीप सुरजेवाला कैथल से, जननायक जनता पार्टी के नेता दुष्यंत चौटाला उचाना से, पहलवान बबीता फोगाट चरखी दादरी सीट से चुनाव मैदान में हैं।

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ये हैं हरियाणा के सियासी रण के सूरमा।

हाल ही में हुए लोकसभा चुनाव में बीजेपी को राज्य की सभी 10 लोकसभा सीटों पर जीत मिली थी। इनमें रोहतक लोकसभा सीट को छोड़कर सभी सीटों पर लोगों ने उसे झोली भरकर वोट दिये थे। लोकसभा चुनाव की जीत को अगर विधानसभा सीटों पर बढ़त के लिहाज से देखें तो बीजेपी 79 सीटों पर आगे रही थी और इसके बाद उसने राज्य में ‘मिशन 75 प्लस’ का फ़ॉर्मूला दिया था। 

कांग्रेस में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अशोक तंवर की लड़ाई के कारण पार्टी को चुनाव के मौक़े पर ख़ासी फ़जीहत झेलनी पड़ी। 2014 के विधानसभा चुनाव में इनेलो दूसरे नंबर पर रही थी और उसे 19 सीटें मिली थीं। लेकिन 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले ओमप्रकाश चौटाला ने अपने बेटे अजय चौटाला और उनके दो बेटों दुष्यंत और दिग्विजय चौटाला को पार्टी से बाहर कर दिया था। दुष्यंत और दिग्विजय का अपने चाचा अभय सिंह चौटाला से सियासी टकराव बढ़ गया था। दुष्यंत और दिग्विजय ने जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) बना ली। 

बहुजन समाज पार्टी, हरियाणा में ग़ैर जाट वोटों के दम पर मुख्यमंत्री बनने का सपना पाले बैठे बीजेपी के पूर्व सांसद राजकुमार सैनी की लोकतंत्र सुरक्षा पार्टी, आम आदमी पार्टी, पूर्व मंत्री गोपाल कांडा की हरियाणा लोकहित पार्टी भी एक से दो सीटें जीत सकती हैं।

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