ओल्ड पेंशन स्कीम को लागू करने की मांग देश भर में बढ़ती जा रही है। इस मांग को उठाने वाले राज्यों में सबसे नया है महाराष्ट्र जहां 17 लाख सरकारी कर्मचारी मंगलवार से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गये हैं। कर्मचारियों के हड़ताल पर जाने से कई प्रशासनिक सेवाओं में बाधा उत्पन्न हो गई।
महाराष्ट्र सराकार और नगर निकायों के अस्पतालों में कार्यरत पैरामेडिकल स्टॉफ, सफाईकर्मी और शिक्षक भी इस हड़ताल में शामिल हैं। शिक्षकों की हड़ताल ऐसे समय शुरु हुई है जब राज्य में बोर्ड परिक्षाएं चल रही हैं।
हड़ताल पर जाने से पूर्व कर्मचारि संघ सरकार बातचीत कर रहे थे। वार्ता विफल होने के बाद कर्मचारी हड़ताल पर चले गए। हड़ताल में शामिल कर्मचारी केवल एक मिशन, बहाल करो पुरानी पेंशन' जैसे नारे लगाते हुए प्रदर्शन में शामिल हुए।
एनडीटीवी की खबर के अनुसार राज्य सरकार के कर्मचारियों, अर्द्ध-सरकारी कर्मचारियों और शिक्षकों के करीब 35 संगठनों का प्रतिनिधित्व करने वाली समिति के संयोजक विश्वास काटकर ने दावा किया कि उनके साथ जुड़े सदस्य महाराष्ट्र के सभी 36 जिलों में हड़ताल और प्रदर्शनों में हिस्सा ले रहे हैं। काटकर ने कहा, ‘‘अस्पतालों, शिक्षण संस्थानों, सरकारी प्रतिष्ठानों, टैक्स कलेक्शन दफ्तरों और कलेक्टर ऑफिस तक में पूरी तरह से काम ठप रहा।''
सरकारी कर्मचारियों की मांग है कि पुरानी पेंशन की बहाली पर कोई समझौता नहीं किया जाएगा। पहले की तरह पेंशन सरकार ही दे।
सरकारी कर्मचारियों की इस हड़ताल को कई कर्मचारी संघों ने समर्थन तो किया लेकिन काम नहीं रोका। बीएमसी और मुंबई में इस हड़ताल का असर कम रहा। महाराष्ट्र नर्सेज एसोसिएशन की सुमित्रा टोटे ने एनडीटीवी से बात करते हुए कहा कि हड़ताल के पहले दिन उनकी 30 जिलों में मौजूद 34 शाखाओं के सदस्यों ने हिस्सा लिया। महाराष्ट्र के मजदूर नेता एवं निकाय के मजदूर संगठन प्रमुख शशांक राव ने कहा कि पुरानी पेंशन बहाल करने की मांग को लेकर संगठन ने बीएमसी कमिश्नर इकबाल सिंह चहल को ज्ञापन सौंपा है, ज्ञापन की एक प्रति मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को भी भेजी है।
कर्मचारियों की यह हड़ताल मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की उस घोषणा के बाद शुरु हुई है जिसमें उन्होंने वरिष्ठ नौकरशाहों की एक समिति की गठन करने की बात कही थी। मुख्यमंत्री ने कहा था कि सरकार कर्मचारियों की मांग पर विचार करेगी, उसके बाद कोई फैसला लेगी। समिति की रिपोर्ट के बाद सरकार ओल्ड पेंशन स्कीम के मसले पर कोई फैसला लेगी।
उद्धव ठाकरे और आम आदमी पार्टी ने कर्मचारियों की मांग का समर्थन करते हुए कहा कि सरकार को उनकी पुरानी पेंशन बहाल करनी चाहिए।
पुरानी पेंशन की मांग को सबसे पहले राजस्थान सरकार द्वारा लागू किया गया था। उसके बाद छ्त्तीसगढ़ सरकार भी इसमें शामिल हो गई। पुरानी पेंशन बहाली की मांग को सबसे पहले कांग्रेस ने ही हवा दी थी। बीते दिनों राज्यों के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने ओल्ड पेंशन स्कीम के मुद्दे को प्रमुखता से उठाया। हालिया बनी हिमाचल प्रदेश की सरकार ने चुनावी वादे को पूरा करने के लिए इसको लागू भी कर दिया।