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महाराष्ट्रः एनसीपी में कार्यकारी अध्यक्ष पद की जंग तेज

महाराष्ट्रः एनसीपी में कार्यकारी अध्यक्ष पद की जंग तेज

महाराष्ट्र के सियासी जानकारों का कहना है कि यह शरद पवार का राजनीतिक दांव था, जिसमें वो माहिर हैं। इस दांव से उन्होंने कई चीजों को एक साथ साध लिया। पहली तो ये कि उन्होंने अजित पवार की बगावत को शांत कर दिया है, जिनको लेकर खबरें आ रही थीं कि वे बीजेपी के साथ नजदीकी बढ़ा रहे हैं।

महाराष्ट्र की सियासत एनसीपी ने बुधवार को भी गरमाए रखी। पार्टी में कार्यकारी अध्यक्ष पाने के लिए कई गुट सक्रिय हैं। शरद पवार अपनी बेटी सुप्रिया सुले को चाहते हैं लेकिन अजित पवार से खतरा है। दूसरी तरह छगन भुजबल जैसे नेता अजित पवार का समर्थन कर रहे हैं। इस बीच एनसीपी के एक कद्दावर नेता ने बुधवार को इस्तीफा दे दिया लेकिन सारा मामला इस बात पर केंद्रित हो गया है कि पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष पद पर अगली दावेदारी किसकी है।

मंगलवार को शरद पवार ने 24 साल पहले बनाई पार्टी के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था। उनके इस्तीफे के बाद एनसीपी के कार्यकर्ता सड़कों पर आ गये और शरद पवार से निर्णय पर पुनर्विचार करने का आग्रह किया। शाम होते-होते पवार ने भी कार्यकर्ताओं का सम्मान रखते हुए अपने फैसले पर विचार करने के लिए दो-तीन दिन का समय मांग लिया।

महाराष्ट्र के सियासी जानकारों का कहना है कि यह पवार का राजनीतिक दांव था, जिसमें वो माहिर हैं। इस दांव से उन्होंने कई चीजों को एक साथ साध लिया। पहली तो ये कि उन्होंने अजित पवार की बगावत को शांत कर दिया है, जिनको लेकर खबरें आ रही थीं कि वे बीजेपी के साथ नजदीकी बढ़ा रहे हैं। दूसरा उन्होंने पार्टी में अपने उत्तराधिकारी को लेकर चल रही लड़ाई को भी थाम लिया है, जो उनके भतीजे अजित पवार और सुप्रिया सुले के बीच चल रही थी। तीसरा उन्होंने महाविकास अघाड़ी गठबंधन के नेता के तौर पर बढ़ रही उद्धव ठाकरे की लोकप्रियता को भी थाम लिया है।  इन सबके सहारे शरद पवार एक बार फिर महाराष्ट्र के सबसे बड़े सियासी नेता के तौर पर सामने आए हैं।

कौन बनेगा कार्यकारी अध्यक्ष                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                     हालांकि, शरद पवार पार्टी के अध्यक्ष भले ही बने रहें लेकिन उन्होंने साफ कर दिया है कि उनके नीचे काम करने के लिए एक कार्यकारी अध्यक्ष बनाया जाएगा जो पार्टी के रोज के कामकाज को देखेगा। एनसीपी इस समय कर्नाटक के विधानसभा चुनाव में व्यस्त है।

पवार के इस्तीफे के बाद से पार्टी में एक कार्यकारी अध्यक्ष बनाए जाने की बात की जा रही है, इस मामले को लेकर आज मुंबई में एनसीपी कमेटी की एक बैठक भी हुई, जिसमें तमाम बड़े नेता पहुंचे। हालांकि बैठक में कुछ निष्कर्ष नहीं निकल सका और अब कल फिर एनसीपी कमेटी की एक बैठक होगी। 

खबरों के अनुसार आज हुई बैठक में एक्टिंग प्रेसिडेंट के पद के लिए प्रफुल्ल पटेल और सुप्रिया सुले के साथ चर्चा की गई। लेकिन इन पर सहमति नहीं बन पाई। छगन भुजबल ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि महाराष्ट्र में अजित पवार को नेतृत्व करना चाहिए और राष्ट्रीय स्तर पर सुप्रिया सुले जैसी अनुभवी नेता चाहिए। सुप्रिया सुले में वह गुण है, वह सांसद रत्न हैं।

एनसीपी के लिहाज से कल का दिन महत्वपूर्ण है, और देखना है कि पार्टी का कार्यकारी अध्यक्ष किसको बनाया जाता है। इससे सबसे महत्वपूर्ण है अजित पवार का रुख कि वे क्या करते हैं। हालांकि कार्यकारी अध्यक्ष बनाए जाने के लिए पार्टी के संविधान में बदलाव करना पड़ेगा। जिसको चुनाव आयोग से मंजूरी भी लेनी पड़ेगी।  

पार्टी दफ्तर में हुई इस बैठक में सभी बड़े नेता शामिल हुए। NCP की बैठक में अब तक शरद पवार, अजित पवार, सुप्रिया सुले, दिलीप वलसे पाटिल, हसन मुशरिफ, नरहरी जिरहवल, प्रफुल पटेल, सुनील तटकरे,शशिकांत शिंदे, कप्तान मालिक, के के शर्मा, पी सी चाको, छगन भुजबल और 5 से 6 विधायक पहुंचे। बैठक में शामिल होने के लिए अजित पवार भी पहुंच हुए थे। पी सी चाको भी शरद पवार से मिलने पहुंचे थे। 

आव्हाड़ का इस्तीफा                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                 एक बड़ी खबर ये भी है कि एनसीपी विधायक जितेंद्र आव्हाड ने राष्ट्रीय कार्यकारिणी में महासचिव पद से इस्तीफा दे दिया है। आव्हाड ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि उन्होंने विधायक के पद से नहीं बल्कि कार्यकारिणी के पद से इस्तीफा दिया है।

चाको का बयान                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                        पी सी चाको पार्टी का राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य हैं। चाको ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि शरद पवार के इस्तीफे की खबर से मुझे भी झटका लगा है। वहीं पार्टी के एक और बड़े नेता ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि पार्टी के नए बनने वाले कार्यकारी अध्यक्ष पद के लिए कई लोग दावेदार हैं। उन दावेदारों में प्रफुल्ल पटेल, छगन भुजबल, सुप्रिया सुले, अजित पवार जैसे सभी बड़े नेता शामिल हैं।  

सुप्रिया सुले चुप                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                         एनसीपी में हो रहे इस सब ड्रामे के बीच सुप्रिया सुले ने चुप्पी बरकरार रखी हुई है। माना जा रहा है कि शरद पवार, सुप्रिया को पार्टी की कमान सौंपना चाहते हैं लेकिन उन्हें डर है कि इससे अजित पवार के अलावा भी कई लोग बगावत कर सकते हैं। इसलिए पवार ने यह राजनीतिक ड्रामा किया ताकि बदलाव के दौरान पार्टी न बिखरे।

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