क्या उद्धव के पास अब सिर्फ 13 विधायक ही बचे?
उद्धव ठाकरे आखिरी लड़ाई हार चुके हैं। उन्होंने मातोश्री में शिवसेना विधायकों की जो बैठक बुलाई थी, उसमें सिर्फ 13 विधायक ही बैठक में पहुंचे। जबकि संजय राउत का दावा है कि पार्टी 20 विधायकों के संपर्क में है। लेकिन जिस तरह विधायकों टुकड़ों में वहां पहुंच रहे हैं उससे लगता है कि उद्धव सरकार की कहानी खत्म हो चुकी है। इंडिया टुडे ने गुवाहाटी से एक फोटो ट्वीट किया है, जिसमें 42 विधायक शिंदे के साथ होने का दावा किया गया है। लेकिन 42 विधायक होने के बावजूद एकनाथ शिंदे ने अभी तक बीजेपी के साथ मिलकर सरकार बनाने का दावा पेश नहीं किया है।
दूसरी तरफ अभी तक इस रहस्य से पर्दा नहीं उठ रहा है कि आखिर एकनाथ शिंदे या बीजेपी की तरफ से सरकार बनाने के दावे क्यों नहीं किए जा रहे हैं। राज्यपाल के पास अभी तक कोई नहीं पहुंचा है। पहले कहा जा रहा था कि गुरुवार को शिंदे राज्यपाल के सामने दावा पेश कर देंगे, लेकिन अभी तक इसके कोई संकेत मिले नहीं हैं।
लगभग 42 विधायकों के साथ गुवाहाटी में डेरा डाले हुए एकनाथ शिंदे ने एक विधायक का तीखा पत्र ट्वीट किया जिसमें महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पर उनके लिए अपने दरवाजे बंद करने और उन्हें घंटों इंतजार करने का आरोप लगाया गया। गुवाहाटी में बागियों के साथ विधायक संजय शिरसात ने लिखा, हमें 2.5 साल तक मुख्यमंत्री के घर में प्रवेश से वंचित कर दिया गया।
गुरुवार सुबह, सेना के तीन विधायक - दीपक केसकर (सावंतवाड़ी क्षेत्र), मंगेश कुडलकर (चेंबूर) और सदा सर्वंकर (दादर) गुवाहाटी जा पहुंचे, जहां विद्रोही डेरा डाले हुए हैं। एकनाथशिंदे के पास बुधवार को शिवसेना के 37 विधायक थे। केसकर ने कहा कि गुरुवार को मैं शिवसेना के तीन अन्य और एक निर्दलीय विधायक के साथ गुवाहाटी पहुंचा। अगले कुछ घंटों में दो से तीन के और पहुंचने की उम्मीद है।
उधर, संजय राउत ने कहा, मैं किसी खेमे के बारे में बात नहीं करूंगा, मैं अपनी पार्टी के बारे में बात करूंगा। हमारी पार्टी आज भी मजबूत है। करीब 20 विधायक हमारे संपर्क में हैं। जब वे मुंबई आएंगे, तो आपको पता चल जाएगा, वे कौन हैं। जल्द ही यह खुलासा हो जाएगा कि ये विधायक किन परिस्थितियों और दबाव में हमें छोड़कर चले गए। हालांकि शिवसेना के एक अन्य सांसद विनायक राउत ने कहा कि 18 विधायक गुवाहाटी से हमारे संपर्क में हैं।
पवार की राजनीति
सूत्रों ने कहा कि कांग्रेस और शरद पवार की एनसीपी ने इस संकट को टालने के लिए शिवसेना को सुझाव दिए हैं। पवार ने शिवसेना से कहा कि विद्रोही एकनाथ शिंदे को मुख्यमंत्री के रूप में नामित किया जाए, तो सत्तारूढ़ गठबंधन को राजनीतिक संकट से बाहर आ सकता है।#WATCH | Assam | 42 rebel MLAs from Maharashtra - 35 from Shiv Sena and 7 Independent MLAs - seen together at Radisson Blu Hotel in Guwahati.#MaharashtraPoliticalCrisis pic.twitter.com/6MPgq42a3V
— ANI (@ANI) June 23, 2022
पवार ने गुरुवार को अपने आवास पर एनसीपी के विधायकों की बैठक बुलाई थी। इस बैठक में पवार ने कहा कि एनसीपी अभी भी उद्धव के साथ मजबूती के साथ खड़ी है। लेकिन संकट का समाधान इस तरह हो सकता है कि शिंदे को सीएम नामित कर दिया जाए।
यह साफ नहीं है कि पवार ने यह फॉर्म्युला किस आधार पर दिया है। क्या शिंदे सीएम पद कांग्रेस और एनसीपी से गठबंधन बरकरार रखते हुए स्वीकार कर लेंगे। क्योंकि शिंदे की एकमात्र शर्त यही है कि शिवसेना कांग्रेस और एनसीपी से गठबंधन खत्म करे।
बहरहाल, महाराष्ट्र की राजनीति हर पल बदल रही है। कौन सा दांव कहां से चला जा रहा है, कोई नहीं जानता। पवार को संकटमोचक के रूप में देखा जा रहा है लेकिन उनका फॉर्म्युला शिंदे कितना मानेंगे, यह कोई नहीं जानता।