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जिस सांप को दूध पिलाया, वह हम पर ही फुफकार रहा है: उद्धव

जिस सांप को दूध पिलाया, वह हम पर ही फुफकार रहा है: उद्धव

महाराष्ट्र में जब से महा विकास आघाडी की सरकार बनी है तभी से बीजेपी और महा विकास आघाडी सरकार के नेता आमने-सामने हैं। 

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा है कि शिवसेना ने 25 साल तक एक सांप को दूध पिलाया और अब वह सांप उस पर ही फुफकार रहा है। उद्धव ठाकरे ने बीजेपी पर यह तीखा हमला महा विकास आघाडी सरकार में शामिल दलों के विधायकों की बुधवार शाम को हुई एक बैठक में किया। 

ठाकरे ने आगे कहा कि लेकिन हम इस बात को जानते हैं कि सांप के फन को कैसे कुचलना है। 

इस बैठक से पहले उद्धव ठाकरे ने सभी विधायकों से कहा कि वे बजट सत्र में अपनी 100 फीसद हाजिरी सुनिश्चित करें। 

एनसीपी के प्रमुख शरद पवार भी बैठक में उपस्थित थे। पवार ने कहा कि उन्होंने अपने पूरे राजनीतिक जीवन में इस तरह का बदला लेने वाली केंद्र सरकार नहीं देखी। बता दें कि कुछ दिन पहले जांच एजेंसी ने महाराष्ट्र सरकार के मंत्री नवाब मलिक को गिरफ्तार कर लिया था इसके बाद महा विकास आघाडी सरकार में शामिल दल और बीजेपी के नेता फिर से आमने-सामने आ गए थे। 

पवार ने कहा कि नवाब मलिक की गिरफ्तारी के बाद पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से उनकी बात हुई थी। ममता बनर्जी ने उनसे कहा कि अगर हम सब एक हो जाएं तो बीजेपी को हराया जा सकता है।

शिवसेना और बीजेपी लंबे वक्त तक गठबंधन में रहे और दोनों दलों ने कई बार महाराष्ट्र में मिलकर सरकार चलाई। लेकिन नवंबर 2019 में हुए पिछले विधानसभा चुनाव के बाद मुख्यमंत्री पद को लेकर दोनों के बीच रार हुई और दोनों दल अलग-अलग हो गए।

शिवसेना चाहती थी कि उसे भी ढाई साल के लिए मुख्यमंत्री का पद मिले लेकिन बीजेपी इसके लिए तैयार नहीं थी। इसके बाद शिवसेना ने विपरीत विचारधारा वाली पार्टियों कांग्रेस और एनसीपी के साथ मिलकर सरकार बनाई जो 2 साल से ज्यादा का वक्त पूरा कर चुकी है।

महाराष्ट्र बीजेपी के बड़े नेता लगातार ठाकरे सरकार के जल्द गिर जाने का दावा करते रहे हैं लेकिन आज तक ऐसा नहीं हो सका है। महा विकास आघाडी के नेताओं का कहना है कि उनकी सरकार अपने 5 साल का कार्यकाल पूरा करेगी। 

सरकार बनने के बाद से ‘रार’

महाराष्ट्र में जब से महा विकास आघाडी की सरकार बनी है तभी से बीजेपी और आघाडी सरकार के नेता आमने-सामने हैं। खासतौर से बीजेपी और शिवसेना-एनसीपी के बीच बीते 2 सालों में खुलकर जंग हुई है। इस दौरान यह जंग केंद्रीय और राज्य सरकार की एजेंसियों के जरिये भी लड़ी गई है। 

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