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हिरेन हत्याकांड सुलझाने का एटीएस का दावा, दो गिरफ़्तार

हिरेन हत्याकांड सुलझाने का एटीएस का दावा, दो गिरफ़्तार

महाराष्ट्र एटीएस ने मनसुख हिरेन मौत मामला सुलझाने का दावा किया है। इस मामले में एटीएस ने दो लोगों को गिरफ़्तार किया है। एटीएस का कहना है कि गिरफ़्तार दो लोगों में एक अभियुक्त पुलिस कांस्टेबल है जबकि दूसरा सट्टेबाज है।

महाराष्ट्र एटीएस ने मनसुख हिरेन मौत मामला सुलझाने का दावा किया है। इस मामले में एटीएस ने दो लोगों को गिरफ़्तार किया है। एटीएस का कहना है कि गिरफ़्तार दो लोगों में एक अभियुक्त पुलिस कांस्टेबल है जबकि दूसरा सट्टेबाज है। एटीएस ने दोनों अभियुक्तों को ठाणे की अदालत में पेश किया गया जहाँ से इन दोनों को 30 मार्च तक एटीएस की हिरासत में भेज दिया है।

एनआईए से पहले की गिरफ़्तारी

जैसे ही शनिवार को केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा मनसुख हिरेन मौत की जाँच का काम केंद्रीय जाँच एजेंसी (एनआईए) को सौंपने का ऐलान किया गया, महाराष्ट्र एटीएस हरक़त में आ गयी। पिछले 15 दिनों से हिरेन की मौत की जाँच में जुटी एटीएस ने इस मामले में दो दर्जन से ज़्यादा लोगों से पूछताछ की थी। एटीएस नहीं चाहती थी कि इतने दिन तक मामले की जाँच करने के बाद इस केस को एनआईए को ट्रांसफर किया जाए।

यही कारण रहा कि महाराष्ट्र एटीएस ने मनसुख हत्याकांड में दो लोगों को गिरफ़्तार कर लिया। एटीएस का दावा है कि मनसुख हत्याकांड का मुख्य अभियुक्त सचिन वाजे है। जैसे ही सचिन वाजे की एनआईए हिरासत ख़त्म होगी, एटीएस अदालत से सचिन वाजे की कस्टडी की माँग करेगी।

कैसे पकड़ में आये?

एटीएस की जाँच में पता चला है कि एक अभियुक्त विनायक शिंदे है जो मुंबई पुलिस में कांस्टेबल था और फ़िलहाल लखन भैया एनकाउन्टर केस में सजा काट रहा है। कोरोना की वजह से अभी कुछ दिन पहले ही जेल से परोल पर बाहर आया था और सचिन वाजे के संपर्क में आ गया। दूसरा अभियुक्त एक सट्टेबाज बताया जा रहा है जो मुंबई और आसपास के इलाक़ों में चल रहे सट्टेबाजी के ठिकानों की जानकारी वाजे को देता था।

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सचिन वाजे, निलंबित पुलिस अधिकारी

दोनों अभियुक्त सचिन बाजे के संपर्क में थे। मनसुख की मौत के दिन इन तीनों की लोकेशन भी एक थी। यही कारण रहा कि एटीएस में इन दोनों को गिरफ़्तार कर लिया। एटीएस अब इन दोनों से पूछताछ में जुटी हुई है कि आखिर मनसुख हिरेन को कैसे मौत के घाट उतारा था।

एटीएस की जाँच

एंटीलिया केस में बरामद की गई स्कॉर्पियो कार के मालिक मनसुख हिरेन की मौत के मामले की जाँच पहले एटीएस कर रही थी। इसकी निगरानी महाराष्ट्र एटीएस के मुखिया जयजीत सिंह कर रहे थे। डीआईजी शिवदीप लांडे को हर रोज होने वाली जाँच की पूरी जानकारी जयजीत को भेजने के काम पर लगाया गया था। मनसुख हिरेन की लाश गायब होने के एक दिन बाद 5 मार्च को ठाणे में समुद्र में पाया गयी थी।

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मुकेश अंबानी के घर के पास से बरामद कार

क्या है मामला?

मुकेश अंबानी के घर के बाहर विस्फोटकों से लदी स्कॉर्पियो के मालिक मनसुख हिरेन की संदिग्ध तरीके से मौत हो गई थी और उनका शव ठाणे में मिला था। एनआईए मुंबई में मुकेश अंबानी के घर एंटीलिया के बाहर 20 जिलेटिन की छड़ें और एक धमकी भरे नोट के साथ पाई गई स्कार्पियो की जाँच कर रही है। इस मामले में एनआईए ने मुंबई क्राइम ब्रांच की क्राइम इंटेलिजेंस यूनिट के हेड सचिन वाजे को गिरफ़्तार किया था। 

एनआईए ने 13 मार्च को मुंबई के पुलिस अधिकारी सचिन वाजे को गिरफ़्तार किया था और उसे 25 मार्च तक एनआईए की हिरासत में भेज दिया था। मनसुख हिरेन हत्याकांड और एंटीलिया के बाहर मिले विस्फ़ोटक ये दोनों मामलों के तार एक दूसरे से जुड़े हुए हैं।

मुकेश अंबानी के घर के बाहर जो स्कॉर्पियो कार मिली थी वह कार दरअसल मनसुख हिरेन की ही थी। जब मुंबई क्राइम ब्रांच इस मामले की जाँच कर रही थी तो मनसुख हिरेन को सचिन वाजे ने कई बार पूछताछ के लिए बुलाया था, और जब एक रात मनसुख को पुलिस पूछताछ के लिए बुलाया गया तो वह वापस घर नहीं लौटा। और अगले दिन उसकी लाश ठाणे की खाड़ी से मिली। मनसुख की पत्नी ने सचिन वाजे पर अपने पति की हत्या का आरोप लगाया था।

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