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चुनाव में बहन के खिलाफ पत्नी को उतार कर गलती कीः अजीत पवार

चुनाव में बहन के खिलाफ पत्नी को उतार कर गलती कीः अजीत पवार

महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने अब स्वीकार कर लिया है कि लोकसभा चुनाव 2024 में बहन सुप्रिया सुले के खिलाफ पत्नी सुनेत्रा पवार को उतार कर बड़ी गलती की है। सुप्रिया ने कहा कि उन्होंने अजीत का बयान अभी नहीं देखा है।

महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने कहा है कि उन्होंने हालिया लोकसभा चुनाव में अपनी चचेरी बहन सुप्रिया सुले के खिलाफ अपनी पत्नी सुनेत्रा पवार को मैदान में उतारकर गलती की है। वर्तमान में राज्यव्यापी 'जन सम्मान यात्रा' पर निकले पवार ने एक मराठी चैनल से कहा, किसी को भी राजनीति घर में प्रवेश नहीं करने देना चाहिए। महाराष्ट्र में दो महीने बाद विधानसभा चुनाव है। ऐसे में अजीत का यह बयान मायने रखता है। अजीत पवार एनसीपी के एक गुट का नेतृत्व कर रहे हैं जो शरद पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी से अलग हो चुकी है। दोनों ने लोकसभा चुनाव एक दूसरे के खिलाफ लड़ा था। लोकसभा चुनाव में अजीत पवार कोई खास करिश्मा नहीं दिखा सके।

राज्य विधानसभा चुनावों से पहले अपने जन संपर्क कार्यक्रम के हिस्से के रूप में, डिप्टी सीएम सरकार की 'मुख्यमंत्री लड़की बहन योजना' को बढ़ावा दे रहे हैं, जिसका उद्देश्य महिलाओं को प्रति माह 1,500 रुपये की वित्तीय सहायता देना है। इस साल की शुरुआत में हुए लोकसभा चुनाव में सुनेत्रा पवार ने बारामती सीट से मौजूदा एनसीपी (एसपी) सांसद सुप्रिया सुले, जो अजीत पवार के चाचा शरद पवार की बेटी हैं, के खिलाफ चुनाव लड़ा था लेकिन हार गई थीं। हालांकि सुनेत्रा पवार को बाद में राज्यसभा के जरिए संसद में लाया गया।

पिछले साल जुलाई में, अजीत पवार और कई अन्य विधायक शिवसेना-भाजपा सरकार में शामिल हो गए, जिससे शरद पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) में विभाजन हो गया। बाद में चुनाव आयोग ने अजीत के नेतृत्व वाले समूह को असली एनसीपी घोषित कर दिया। इसी तरह शिवसेना भी टूटी थी। असली शिवसेना से एकनाथ शिंदे अलग हुए थे जो सीएम बन गए। चुनाव आयोग ने शिंदे गुट की शिवसेना को असली शिवसेना घोषित कर दिया। भारतीय राजनीति के इतिहास में चुनाव आयोग के ये दोनों फैसले अब राजनीतिक धब्बा और उसकी निष्पक्षता पर सवालिया निशान लगा चुके हैं।

अपनी गलती स्वीकार करते हुए अजीत पवार ने कहा- "मैं अपनी सभी बहनों से प्यार करता हूं। किसी को भी राजनीति को घरों में प्रवेश नहीं करने देना चाहिए। मैंने अपनी बहन के खिलाफ सुनेत्रा को मैदान में उतारकर गलती की। ऐसा नहीं होना चाहिए था। लेकिन (एनसीपी के) संसदीय बोर्ड ने एक निर्णय लिया। अब मुझे लगता है यह गलत था।'' यह पूछे जाने पर कि क्या वह अगले सप्ताह रक्षा बंधन पर अपने चचेरे भाई से मिलने जाएंगे, एनसीपी नेता ने कहा कि वह इस समय दौरे पर हैं और अगर वह और उनकी बहनें उस दिन एक जगह पर होंगे, तो वह उनसे जरूर मिलेंगे।

डिप्टी सीएम ने कहा कि उन्होंने केवल किसानों, महिलाओं और युवाओं के लिए विकास और कल्याण योजनाओं पर बोलने और अपने खिलाफ आलोचना का जवाब नहीं देने का फैसला किया है। अजीत पवार ने यह भी कहा कि शरद पवार एक वरिष्ठ नेता और उनके परिवार के मुखिया हैं और वह उनकी किसी भी आलोचना का जवाब नहीं देंगे।

सत्तारूढ़ भाजपा और शिवसेना द्वारा सीनियर पवार को निशाना बनाए जाने पर एनसीपी नेता ने कहा कि महायुति सहयोगियों को भी समझना चाहिए कि वे क्या बोलते हैं। उन्होंने कहा, "जब हम साथ बैठते हैं तो मैं अपनी राय व्यक्त करता हूं।"

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