महाराष्ट्र की राजनीति की तसवीर हर पल बदल रही है। बुधवार को शिवसेना के प्रवक्ता संजय राउत ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के प्रमुख शरद पवार से मुलाक़ात की। इसके बाद उन चर्चाओं को बल मिला, जिनमें यह कहा गया था कि राज्य में शिवसेना-एनसीपी सरकार बना सकते हैं और कांग्रेस इसे बाहर से समर्थन दे सकती है। लेकिन थोड़ी देर बाद शरद पवार ने प्रेस कॉन्फ़्रेंस की और इन अटकलों को ग़लत बताया। महाराष्ट्र के चुनाव नतीजे आये 13 दिन हो चुके हैं लेकिन अब तक सरकार के गठन को लेकर तसवीर साफ नहीं हो सकी है। महाराष्ट्र की विधानसभा का कार्यकाल 8 नवंबर को ख़त्म हो रहा है और उसके बाद राज्य में राष्ट्रपति शासन लग सकता है।
शरद पवार से मुलाक़ात के बाद संजय राउत ने कहा कि पवार देश और राज्य के बड़े नेता हैं। राउत ने कहा कि पवार महाराष्ट्र के राजनीतिक हालात को लेकर चिंतित हैं और हमारी इस मुद्दे को लेकर उनसे संक्षिप्त बातचीत हुई है।
लेकिन शरद पवार ने कहा है कि बीजेपी और शिवसेना के पास जनादेश है, इसलिए उन्हें जल्दी से जल्दी सरकार बनानी चाहिए। पवार ने कहा कि उन्हें विपक्ष में बैठने का जनादेश मिला है। पवार ने शिवसेना-एनसीपी की सरकार को लेकर चल रही अटकलों पर कहा कि इसका सवाल ही कहाँ उठता है एनसीपी प्रमुख ने कहा कि बीजेपी-शिवसेना पिछले 25 सालों से साथ-साथ हैं और आज नहीं तो कल वे फिर से साथ आ जायेंगे।
दूसरी ओर, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गाँधी के राजनीतिक सलाहकार अहमद पटेल ने केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी से मुलाक़ात की। मुलाक़ात के बाद अहमद पटेल ने कहा कि उन्होंने किसानों के मुद्दे पर गडकरी से मुलाक़ात की है। पटेल ने कहा कि यह एक राजनीतिक मुलाक़ात नहीं थी और इसका महाराष्ट्र की सियासत से कुछ लेना-देना नहीं है।
ज़ी न्यूज़ के मुताबिक़, एनसीपी की ओर से सरकार गठन के लिये शिवसेना के सामने 50:50 का फ़ॉर्मूला रखा गया है। इस प्रस्ताव के मुताबिक़, मुख्यमंत्री पद ढाई साल के लिये एनसीपी के पास रहेगा जबकि ढाई साल के लिये शिवसेना के पास। बताया जा रहा है कि मंत्रालयों के बँटवारे को लेकर भी एनसीपी महाराष्ट्र की सत्ता में समान भागीदारी चाहती है।
इससे पहले सोमवार को अंग्रेजी अख़बार ‘द टाइम्स ऑफ़ इंडिया’ (टीओआई) ने ख़बर दी थी कि, एनसीपी के एक नेता ने नाम न जाहिर करने की शर्त पर कहा है कि एनसीपी शिवसेना के साथ सरकार बनाने की इच्छुक है और कांग्रेस इस गठबंधन को बाहर से समर्थन दे सकती है। इसके मुताबिक़, मुख्यमंत्री पद शिवसेना के पास रहेगा और उप मुख्यमंत्री का पद एनसीपी के पास रहेगा।
बीजेपी और शिवसेना के बीच जो लड़ाई है, वह मुख्यमंत्री की कुर्सी को लेकर ही है। शिवसेना महाराष्ट्र की सत्ता में समान भागीदारी के साथ ही ढाई साल के लिये मुख्यमंत्री का पद चाहती है जबकि बीजेपी किसी भी सूरत में मुख्यमंत्री के पद का बँटवारा नहीं चाहती।
संघ की शरण में फडणवीस
बीजेपी-शिवसेना के बीच मुख्यमंत्री पद को लेकर चल रहे सियासी घमासान के बीच मंगलवार रात को देवेंद्र फडणवीस ने संघ प्रमुख मोहन भागवत से मुलाक़ात की थी। मंगलवार को ही महाराष्ट्र की बीजेपी कोर कमेटी की भी बैठक हुई थी। माना जा रहा है कि बीजेपी सरकार बनाने के सभी संभव विकल्पों पर विचार कर रही है और उसने शिवसेना को मनाने की कोशिश भी की है, लेकिन उसे कोई सफलता नहीं मिल सकी है।
ख़बरों के मुताबिक़, केंद्रीय मंत्री और महाराष्ट्र की राजनीति के बड़े नेता नितिन गडकरी को बीजेपी आलाकमान विवाद को थामने के लिये आगे ला सकता है। सोमवार को शिवसेना नेता किशोर तिवारी ने राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ से अपील की थी कि वह हिंदुत्व के हित में इस में इस विवाद का समाधान करे और उन्होंने गडकरी से आगे आने की अपील की थी।