महाकुंभ भगदड़ः प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया- प्रयागराज में दरअसल हुआ क्या 

12:55 pm Jan 29, 2025 | सत्य ब्यूरो

महाकुंभ में बुधवार तड़के 'मौनी अमावस्या' पर हजारों श्रद्धालु पवित्र स्नान के लिए आए थे। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि भीड़ ने उनके साथ धक्का-मुक्की की। जो लोग पहले ही संगम में स्नान कर चुके थे उनके पास वहां से निकलने के लिए जगह नहीं थी।

भगदड़ के समय घटनास्थल पर मौजूद विनय कुमार यादव ने आरोप लगाया कि गंगा, यमुना और सरस्वती के संगम - संगम में पवित्र स्नान करने के बाद लोग सुरक्षित रूप से वहां से निकल जाएं, यह सुनिश्चित करने के लिए कोई पुलिस व्यवस्था नहीं थी। न कोई बताने वाला था कि लोग किधर जाएं। कोई नक्शा  या संकेत वगैरह वहां नहीं लगा था।

प्रत्यक्षदर्शी यादव ने कहा, "हम घाट पर जा रहे थे। कई लोग घाट से लौट रहे थे। अचानक भीड़ हो गई। लोगों के बाहर निकलने के लिए कोई जगह नहीं थी। हर कोई धक्का दे रहा था और एक-दूसरे पर गिर रहा था। कोई पुलिस व्यवस्था नहीं की गई थी।"

एक अन्य प्रत्यक्षदर्शी ने कहा कि भगदड़ में उनकी पत्नी की मौत हो गई। उन्होंने कहा कि मौके पर अराजकता है। उन्होंने कहा, "हम रात 12.30 बजे स्नान के लिए आए थे। जैसे ही हम वहां से निकल रहे थे, गेट खुल गए और भीड़ आ गई और वहां जमा हो गई। धक्का-मुक्की होने लगी और भगदड़ मच गई।"

महाकुंभ की इस तस्वीर को आप देखने की हिम्मत जुटा सकेंगे

बिहार के औरंगाबाद के एक व्यक्ति ने कहा कि महाकुंभ में उसके साथ परिवार के 12-13 सदस्य थे और शाही स्नान के दौरान भीड़ ने उन्हें धक्का दे दिया। किसी का पता नहीं चल पा रहा है कि वे लोग कहां हैं। कर्नाटक की एक महिला सरोजिनी ने कहा कि उनके परिवार ने भीड़ से भागने की कोशिश की लेकिन जगह की कमी के कारण ऐसा करने में नाकाम रहे।

कर्नाटक की महिला ने बताया कि  "हम मेला क्षेत्र में इत्मीनान से घूम रहे थे, तभी अचानक भीड़ जमा हो गई। धक्का-मुक्की होने लगी। हमने भागने की कोशिश की, लेकिन वहां भागने की कोई जगह नहीं थी। कई लोग घायल हो गए। हमें नहीं पता कि क्या हो रहा है।" उसने पीटीआई को बताया, "हम दो बसों में 60 लोगों के जत्थे में आए थे। समूह में हम नौ लोग थे। हममें से कई लोग गिर गए और भीड़ अनियंत्रित हो गई।"

(इस रिपोर्ट का संपादन यूसुफ किरमानी ने किया)